जाने कैसे हिम्मत करके ये पोस्ट लगाने आया हूं । आपको बताया था कि सीहोर में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है । आप सब की दुआओं से वो सम्मेलन शानदार रहा और ये भी कि सेना को समर्पित इस कवि सम्मेलन में सब ने खूब शानदार काव्य पाठ किया । विशेषकर विनीत चौहान तो अपने रंग के अपने ही कवि हैं । कड़कड़ाती ठंड में सुबह के चार बजे तक लगभग आठ से दस हजार श्रोता कवियों को सुनते रहे और सेना के जय जय कारे लगाते रहे ।
अपनी कहूं तो सूत्रधार होना और काम का बोझ होना दोनों ने ही 26 की रात को अंतत: बिस्तर पर डाल दिया । कुछ तनाव था और कुछ अचानक बढ़ गयी ठंड का परिणाम हुआ ये कि जबरदस्त बुखार ने चपेट लिया । ऐसा लग रहा था कि कवि सम्मेलन में ही नहीं जा पाऊंगा मगर फिर काफी इंजेक्शनों और दवाइयों के दम पर वहां गया और पूरे कवि सम्मेलन में रहा भी काव्य पाठ भी किया । मगर उस हिम्मत का परिणाम ये रहा कि उस दिन से ही बिस्तर पर हूं । आज कुछ ठीक लगा तो आपसे बात कर रहा हूं ।
तरही मुशायरा हो चुका है और परिणाम नीरज जी ने दे दिये हैं आज उनकी केवल घोषणा ही होनी है । नीरज जी के ही शब्दों में आज हम परिणाम घोषित करते हैं ।
नीरज गोस्वामी जी :
गुरुदेव आपने फंसा दिया...जब शेर उम्दा हों शायर कमाल के हों ऐसे में हासिल ग़ज़ल शेर निकलना कितना मुश्किल काम है आप तो जानते ही हैं....फ़िर भी जब जिम्मेदारी दी है तो निभानी ही पड़ेगी...मेरी नजर में इस मुशायरे का हासिल ग़ज़ल शेर है:
सिंहासन हिल उठ्ठेगा जब
लावा बन फूटेगी जनता
इस शेर में जनता की ताकत को बहुत खूबसूरत अंदाज में पेश किया है...ये सच है की हम जनता को लाचार मानते आए हैं जबकि ऐसा नहीं है...जब जब जनता के गुस्से के लावा फूटा है तब तब सत्ता धारियों के होश उड़ गए हैं...ईमर्जेंसी के बाद देश की सबसे ताक़तवर नेता स्व.इन्द्राजी का जनता ने जो हश्र किया वो आज भी याद किया जाता है...
मेरी ढेरों बधाईयाँ मेजर गौतम जी को.
इसका अर्थ ये नहीं की बाकि शायरों ने जो कहा है वो उन्नीस है...सभी अपनी जगह अव्वल हैं...इसलिए मेरे निर्णय को अन्यथा न लें...मुझे युवाओं के जो तेवर इस मुशायरे में नजर आए हैं वो बहुत हिम्मत बंधाने वाले हैं... बेमिसाल है...
नीरज
नीरज जी ने अपना काम बखूबी किया है । उनका आभार गौतम को बधाइयां ।
अगले मुशायरे के लिये मिसरा आज दिया जा रहा है ।
मुहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं
काफिया : होते
रदीफ : हैं
अनुरोध वही है कि ग़ज़लों को कमेंट के रूप में नहीं लगायें । subeerin@gmail.com पर मेल करें ।