आज होली का माहौल बनने लगा है चारों तरफ वही उल्लास दिखाई देने लगा है होली और कवियों का कुछ पुराना सा रिश्ता है शायद । कवि दीपावली पर उतना उल्लासित नहीं होता जितना कि होली पर होता है ।
और अब तो ऐसा लगने लगा है कि अब ग़ज़ल की कक्षाओं को बंद कर दिया जाए क्योंकि अब कुछ रुचि नहीं आ रही है सिखाने में ।
फिर भी चलिये आज कुछ गाड़ी को आगे सराकाते हैं ताकि हम कम अ स कम बहरों को तो समापन पर ले जा सकें ही
हम बात कर रहे हैं बहरे रजज की जो कि हमारी ठीक पहली ही बहर हे और जिसका स्थाई रुक्न है मुस्तफएलुन 2212 इसके बारे में मैंने पहले ही बताया था कि ये तो इसका सालिम है मगर इसकी मुजाहिफ बहरें भी होती हैं जिनमें कि रुक्न में कुछ परिवतान आ जाता है । कंचन ने कुछ प्रयोग किये हैं बहरे रजज सालिम मुसमन पर और कुछ शेर निकाल के भेजे हैं चलिये उनकी तकतीई करके देखतें हैं कि कहां तक कामयाब रहा है कंचन का प्रयोग
फिर आज हम गम से भरे, फिर आज है तुम से गिला,
2212-2212-2212-2212
तुम गैर को मिल क्यों गए, हम क्यों अके ले हैं भला।
2212-2212-2212-2212
तुम जानते हो जिंदगी, तुम से शुरू, तुम से खतम,
2212-2212-2212-2212
तुम से सहर, तुम से सबा, तुम जो मिले तो सब मिला।
2212-2212-2212-2212
अब की ज़रा खुद आइये, कासिद कहाँ तक आँएगे,
2212-2212-2212-2212
नज़रों से नज़रें भी मिलें, दिल अब बहुत दिल से मिला।
2212-2212-2212-2212
हूं अच्छा किया है कुछ परेशानियां हैं जिनको दूर करने पर एक उम्दा ग़ज़ल बन सकती है । लेकिन एक बात तो है कि ये पूरी की पूरी ग़ज़ल फिलहाल तो बहरे रजज मुसमन सालिम पर है । तालियां तालियां तालियां
चलिये आगे चलते हैं और रजज की आगे की बहरें देखते हैं कि बहरे रजज की आगे की बहरें किस प्रकार की हैं । हालंकि मैंने अपने पिछल अध्याय में काफी कुछ दे दिया था फिर भी आज कुछ आगे की बात की जाए कि किस प्रकार से कार्य किया जाना हे ।
बहरे रजज की सालिम बहरें
1 बहरे रजज मुसमन सालिम ( अर्थात चार रुक्न हों और चारों ही मुस्तफएलुन हों जैसे कि ऊपर कंचन के हैं )
2 बहरे रजज मुसद्दस सालिम ( अर्थात तीन रुक्न हों और तीनों ही मुस्तफएलुन हों )
3 बहरे रजज मुरब्बा सालिम ( दो रुक्न हों और दोनों ही मुस्तफएलुन हों )
बहरे रजज की मुजाहिफ बहरें
1 बहरे रजज मुसमन मतवी मखबून
( मुफतएलुन-मुफाएलुन-मुफतएलुन-मुफाएलुन)
2 बहरे रजज मुसमन मतवी
( मुफतएलुन-मुफतएलुन-मुफतएलुन-मुफतएलुन)
3 बहरे रजज मुसद्दस मतवी
( मुफतएलुन-मुफतएलुन-मुफतएलुन)
4 बहरे रजज मुरब्बा मतवी
( मुफतएलुन-मुफतएलुन)
5 बहरे रजज मुसमन मुरफ्फल
( मुफतएलातुन-मुफतएलातुन-मुफतएलातुन-मुफतएलातुन)
ये कुछ प्रमुख बहरें हैं बहरे रजज की ऐसा नहीं हैं कि ये ही हैं बस पर ये जान लें कि ये कुछ प्रमुख हैं जो कि आम तौर पर उपयोग में लाई जाती हैं । आज मैं उदाहरण नहीं दे रहा हूं अगर आप लोग इनके उदाहरण छांट के दे पाएं तो बहुत अच्छा होगा । मुझे भी तो लगे कि मैं जो कर रहा हूं उसको पढ़ा भी जा रहा है ।