वीनस का मेल मिला है कि ग़ज़ल की कक्षाएं क्यों बंद हैं । मेरे विचार में ग़ज़ल की कक्षाएं अभी भी चल रही हैं और अभी जो चल रहा है वो अभ्यास कार्य चल रहा है । तरही के माध्यम से अभ्यास किया जा रहा है और उसी दौरान ही सीखा भी जा रहा है । चूंकि काफी कार्य हो चुका है बहरों को लेकर इसलिये अब अभ्यास करना जरूरी है । तरही के माध्यम से वहीं लिखते समय सीखने की एक प्रक्रिया होती है । ये जो प्रक्रिया होती है इसके द्वारा काफी कुछ सीखने को मिल जाता है । ग़लतियां पता चलती हैं और दूसरों ने क्या अच्छा किया ये जानने को मिलता है । इस बार फिर से जो नये साल का तरही होने को है उसमें एक बिल्कुल नयी बहर दी जायेगी । और तरही के दौरान ही उस बहर के बारे में काफी जानकारी दी जायेगी ।
गौतम राजरिशी और संजीता इन दोनों के विवाह की कल 28 नवंबर को वर्षगांठ है । ये तो मुझे मालूम है कि दोनों ने प्रेम विवाह किया है किन्तु बाकी की कथा मुझे नहीं मालूम । चूंकि अनुज है इसलिये मर्यादाओं के चलते पूछ भी नहीं सकता । संजीता से पिछले दिनों कई बार बात हुई । और ये ज्ञात हुआ कि गौतम बहुत सौभाग्यशाली है कि उसे एक बहुत ही समझदार और धैर्यवान जीवन साथी मिला है । गौतम के बारे में ये मैं जानता हूं कि उसे ये पता है कि रिश्तों का क्या अर्थ होता है । जीवन में जो भी रिश्तों का अर्थ समझ जाता है वो हर क्षण का आनंद लेता है । गौतम रिश्तों और वस्तुओं में अर्थ समझता है जानता है । ये दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं ।
और नन्हीं तनया इस पूरक का फल है । गौतम और संजीता इन दोनों को बहुत बहुत शुभकामनाएं इस गाने के माध्यम से
रविकांत पाण्डे और बहूरानी आनंदित हैं क्योंकि उनके घर एक नन्हीं परी का आगमन पिछले शनिवार अर्थात 21 नवंबर की रात्रि को हुआ है । रवि के लिये वर्ष 2009 सुखद रहा है क्योंकि इसी वर्ष विवाह हुआ और इसी वर्ष नन्हीं का आगमन भी हुआ है । समाचार ये है कि मां और बेटी दोनों ही स्वस्थ हैं तथा दोनों का घर आगमन हो चुका है । बधाइयां हो ढेर सारी । कंचन बुआ सबसे पास में हैं सो वे जाकर हम सबकी तरफ से बधाइयां प्रतयक्ष में देने का और नन्हीं परी को सबकी तरफ से आशीर्वाद देने का कार्य संभलें । ( बस ये डर है कि इन सबमें वो नन्हीं भी बुआ की तरह से बातूनी न हो जाए ) दोनों को बधाइयां इस गाने के माध्यम से ।
और अंत में ये कि दीपावली का तरही मुशायरा चूंकि एक आनंद का पर्व था सो उस मुशायरे में कोई हासिले मुशायरा छांटने का काम नहीं किया जा रहा है । सबने दीपावली को लेकर काम किया था और बहुत ही अच्छा किया था । अब जो तरही होना है वो होना है नये साल को लेकर । और उसके लिये बहर भी सोच ली है कि अभी तक मुतकारिब बहर पर बहुत काम नहीं हुआ हे सो इस बार का मिसरा बहरे मुतकारिब पर ही होगा । मिसरा बनाने का काम चल रहा है और नये साल के स्वागत पर ही कोई मिसरा बनाया जायेगा । बहरे मुतकारिब मुसमन सालिम पर यदि आपके मन में कोई मिसरा स्वयं का बनाया हुआ हो तो भेजें । चूंकि हम स्थापित ग़ज़लों के मिसरे लेना बंद कर चुके हैं इसलिये अपने बनाये हुए मिसरे ही भेजें । बहरे मुतकारिब के बारे में आप जानते ही होंगें कि ये 122 या फऊलुन के स्थायी वाली बहर है । बहर का एक लोकप्रिय गीत मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोये या नमामी शमीशान निर्वाण रूपं है । 122 के स्थायी वाली बहर है सो मुसमन सालिम में 122-122-122-122 का विन्यास होगा । तिस पर ये कि नये साल के आगमन या स्वागत की बात हो । पुराने साल के विदा की बात हो, जीवन की बात हो, दर्शन की बात हो । आपके भेजे हुए मिसरों में से ही एक मिसरे को तरही के लिये चयन किया जायेगा । उदाहरण के लिये मिसरा कुछ यूं हो सकता है नया साल द्वारे पे आकर खड़ा है ।