हालांकि हमारे शहर की हालत तो अभी भी गर्मी की ही है क्योंकि अभी तक मानसून की पहली बारिश भी नहीं हुई है । और अभी भी उमस तथा गर्मी का वहीं हाल है जो कुछ दिनों पहले था । लेकिन अब बस ये है कि आस पास हो रही बारिश के कारण रात का तापमान कुछ कम हो गया है । अब रात को कम से कम चैन से सोया तो जा ही सकता है । पिछली बार की पोस्ट में संभावित बहर की बात की गई थी और सभी ने बिल्कुल ही सटीक बहर निकाली है । बहर वही है 1212-1122-1212-22(112) । वजन है मुफाएलुन-फएलातुन-मुफाएलुन-फएलुन(फालुन), रवि ने बहर का नाम भी ठीक बताया है ये बहरे मुजतस मुसमन मखबून महजूफ है । और नीरज जी ने तो बहुत ही अच्छा उदाहरण भी दे दिया है कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है । वीनस ने राहत इन्दौरी जी की कई सारी ग़ज़लें पकड़ी हैं दरअसल में राहत साहब की पसंदीदा बहर है ये । अंकित ने जो सवाल उठाया है कि क्या आखिरी रुक्न 22 या 112 में से कुछ भी हो सकता है तो वो भी सही है कि आखिरी रुक्न में 112 भी हो सकता है और 22 भी । बहरे मुजतस एक मुरक्कब बहर है । उसका मतलब ये कि ये दो ( या अधिक ) रुक्नों के संयोग से बनी है । बहरे मुजतस के सालिम बहर में मुस्तफएलुन-फाएलातुन-मुस्तफएलुन-फाएलातुन रुक्नों का विन्यास है ।अर्थात ये बहरे रमल और बहरे रजज की वर्ण संकर बहर है । जिसमें एक रुक्न बहरे रजज का फिर रमल का तथा इसी प्रकार दोहराव है । उर्दू में इसका सालिम उपयोग नहीं होता तथा मुजाहिफ ही उपयोग में लाया जाता है । तो चलिये इस बार का मिसरा जो बरसात की भीगी भीगी छुअन लिये हुए है ।
फ़लक पे झूम रहीं सांवली घटाएं हैं
बहर बहरे मुजतस मुसमन मखबून महजूफ मुफाएलुन-फएलातुन-मुफाएलुन-फएलुन(फालुन), वजन है 1212-1122-1212-22(112) । रदीफ है हैं तथा क़ाफिया है आएं ( हवाएं, दुआएं, दिशाएं, आएं, जाएं, रुलाएं, सांए ) । मुशायरा ठीक जुलाई के पहले सप्ताह से प्रारंभ हो जायेगा ।
ये तरीका सब उस्तादों का दिया है - कई लोगों को लगता होगा कि मैं बड़े ही अजीब तरीके से ग़ज़ल के बारे में बताता हूं । मगर ये उस्ताद की देन है । वे जब सिखाते थे और मैं पूछता था कि ये ईता का दोष शुतुरगुर्बा का दोष ये क्या होता है । तो वे कहते थे कि ये कुछ नहीं होता बस अपने कहन और बहर पर ध्यान दो । जब कहन और बहर पर पकड़ आ गई तो फिर वे कहने लगे अब ईता जैसे दौष नहीं आयें ये ध्यान रखना । मैंने कहा कि आपने पहले तो कहा था कि उस तरफ ध्यान मत दो । तो कहने लगे कि पहले तुम बच्चे थे इसलिये बच्चों वाली दवा दे रहा था अब बड़े हो गये हो तो बड़ों की दवा दे रहा हूं । उनका कहना था कि किसी नये सीखने वाले को पहले ही ईता, जम, शुतुरगुरबा में उलझा दो तो वो बिचारा मैदान छोड़ कर ही भाग जायेगा । मैं भी उसी तरीके पर चलता हूं पहले केवल बहर को साधना सिखाता हूं और उसके बाद बाकी का सब । वैसे एक बात और है वो ये कि तुलसी बाबा कह गये हैं समरथ को नहीं दोषा गुसांई । जैसे अभी कल ही जगजीत सिंह के पुराने एल्बम विजन्स में से एक ग़ज़ल जो वाजिदा तबस्सुसम की है सुन रहा था मतला था कुछ न कुछ तो ज़रूर होना है, सामना आज उनसे होना है । अब रदीफ तो दिख रहा है होना है लेकिन काफिया कहां गया । जैसे मोहतरमा अंजुम रहबर का एक मतला है मोहब्बतों का सलीका सिखा दिया मैंने, तेरे बग़ैर भी जीकर दिखा दिया मैंने । अब इसमें साफ दोष बन रहा है ईता का और वो भी बड़ी ईता ( ईता ए जली ) का दोष है क्योंकि आगे के शेरों में काफिया केवल आ की मात्रा है ।
चौथमल मास्साब और पूस की रात :- लिखते समय भी नहीं समझ पा रहा था कि ये कहानी इतनी लोकप्रिय होने जा रही है । चौथमल मास्साब और पूस की रात को भारतीय ज्ञानपीठ की पत्रिका नया ज्ञानोदय के जून अंक की पहली कहानी बनने का सौभाग्य मिला है । और उसके छपने के बाद जितने फोन और पत्र मिले हैं वो इससे पहले किसी भी रचना पर नहीं मिले । मैं स्वयं भी अचरज में हूं कि ये क्या हो गया । लोगों को उसमें प्रयुक्त वगैरह का इस्तेमाल बहुत पसंद आया । कई ऐसे लोगों के पत्र तथा फोन आये जो मेरे लिये आदर्श रहे हैं । हां इन सबके बीच एक डांट फटकार से भरा पत्र भी मिला किसी बहुत अपने की तरफ से । कहानी के सूत्र मुझे मेरे अग्रज छायाकार श्री बब्बल गुरू ने दिये थे । कहानी में मानव मन की अंधी गहरी खाइयों को टटोलन की कोशिश की थी जो लोगों को पसंद आई । एक पत्र जो सबसे ज्यादा मन को छू गया वो था मशहूर ग़ज़लकार श्री विज्ञान व्रत जी का पत्र । उस पत्र को आपके साथ साझा करने की इच्छा है सो यहां पर प्रस्तुत कर रहा हूं ।
शिवना प्रकाशन के मुशायरे की वीडियो - कई लोगों ने शिवना प्रकाशन के पिछले दिनों हुए मुशायरे के वीडियो देखने की इच्छा व्यक्त की थी सो अब पूरा का पूरा मुशायरा आनलाइन उपलब्ध है । कार्यक्रम के वीडियो देखने के लिये आप यू ट्यूब पर अंग्रेजी में शिवना प्रकाशन सीहोर लिख कर सर्च कर लेंगें तो पूरे वीडियो सामने आ जायेंगें । या आप यहां ये भी लिंक प्राप्त कर सकते हैं ।
तो आज के लिये बस इतना ही और अब तैयारी कीजिये तरही मुशायरे की ।