बुधवार, 22 फ़रवरी 2023

होली का तरही मुशायरा

मित्रो बहुत व्यस्तता चल रही है नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले की। इस कारण इस बार तरही मुशायरे का मिसरा भी नहीं दिया गया। चूँकि पुस्तक मेला भी 5 मार्च तक रहना है, इसलिए इस बार हो सकता है कि तरही मुशायरा होली के बाद ही आयोजित हो पाए क्यों​कि छह तारीख़ को दिल्ली से वापसी हो पाएगी उसके बाद एक ही दिन का समय ही बीच में। ख़ैर उससे कुछ नहीं होता हम लोग तो शीतला सप्तमी तक होली मनाते हैं इसलिए इस बार भी हम होली के बाद ही आयोजन करेंगे। तरही का मिसरा दिया जा रहा है इस पर अपनी ग़ज़लें प्रेषित करें।

“रंग, अबीर, गुलाल, फाग, रसिया, टेसू ख़तरे में है”
क़ाफ़िया है “टेसू” शब्द में आ रही “ऊ” की ध्वनि, जैसे जादू, तू, बाबू  और रदीफ़ है  “ख़तरे में है”

होली की धीरे-धीरे समाप्त हो रही परंपराओं और प्रथाओं को  देख कर इस बार यह मिसरा दिया है। बहर पकड़िए और लिख डालिए ग़ज़ल। कोशिश रहेगी कि होली के साथ ही तरही का आयोजन हो पाए। देखते हैं क्या संभव हो पाता है।

8 टिप्‍पणियां:

  1. वाह वाह, तर ही मिस रा आ गया है तो होली पर मुशायरा भी अवश्य होगा ही। इंशाअल्लाह।

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  2. जय हो..
    बहुत ही प्रसिद्ध जुमला है, अंग्रेजी में, शो मस्ट गो ऑन..

    वैसे बहर को लेकर ट्विस्ट है इस बार. इतकी भी जय हो.
    हम तो मिसरे को मांत्रिक बहर में निबद्ध जान कुल 15 गाफ गिन ले रहे हैं. मगजमारी खतम..
    है कि नहीं..
    जय-जय

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    1. इस बार बह्र कान फ्यूज़ कर रही है। दिमाग़ में घुस ही नहीं रही है, शेर कैसे निकलेंगे।

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  3. वाह गुरु जी होली ते मुशायरे के लिए मिसरे का इंतज़ार था, शुक्रिआ आपका. वैसे मिसरा बहुत खूबसूरत और उपयुक्त चुना है. आपकी दूरदर्शिता को प्रणाम गुरु जी.

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  4. मिसरा ऐसा कि जैसे पण्डित भीमसेन जोशी शुद्ध शास्त्रीय राग में गायन कर रहे हैं।
    करते हैं कोशिश इन सबको खतरे से बाहर करने की।

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  5. आदरणीय सुबीर जी, बह्र नहीं समझ आ रही।बता दीजिए ताकि लिखना संभव हो सके

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    1. जैसा सौरभ जी ने बताया इसे 15 दीर्घ यानि 22 22 22 22 22 22 22 2 पर बांधें।

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