बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

दीपावली का तरही मुशायरा आयोजित किया जाए… बहुत दिन हुए यहाँ कोई गतिविधि नहीं हुई है।

देखते ही देखते दीपावली का त्यौहार सामने आ जाता है। एक वर्ष बीत जाता है। इस बार भी वही हो रहा है। इस बार आप मित्रो ने बीच में कई बार याद दिलाया कि दीपावली के लिए इस बार अभी तक कोई भी तरही मिसरा नहीं दिया गया है। मेरी ग़लती है कि मैं ही देर से आपको मिसरा दे रहा हूँ। असल में कोई मिसरा सूझ ही नहीं रहा था। इस बार इच्छा हो रही थी कि क़ाफिया थोड़ा कठिन दिया जाए। कठिन से मतलब ये है कि जिसको निभाने में थोड़ा दिमाग़ का उपयोग करना पड़े। इसलिए क्योंकि बहुत दिनों के बाद मशक़्क़त करनी पड़ेगी आपको तो काम तो कठिन दिया ही जाए न ? तो बहुत सोचने के बाद ये मिसरा बना। काफिया इतना कठिन भी नहीं है जितना मैं कह रहा हूँ, क्योंकि आप सब लोग तो बहुत गुणी जन हैं। आपके सामने कठिन क्या और सरल क्या। यह जो मिसरा है यह वैसे तो आसान मिसरा है मगर बस ये है कि इसके लिए आपको काफिया तलाशने दूर-दूर तक जाना होगा।

दीवाली पर जगमग जगमग जब सारे घर होते हैं

फेलुन-फेलुन-फेलुन-फेलुन-फेलुन-फेलुन-फेलुन-फा

22-22-22-22-22-22-22-2

यह हिन्दी के मात्रिक छंद पर आधारित बहर है फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन फ़ा = 30 मात्रा, जिसमें काफिया है ‘घर’ और रदीफ़ है ‘होते हैं’। अब साधारण रूप से तो कर, शर, घर, भर, तर, नर, मर, जैसे काफिये उपयोग में लाए ही जा सकते हैं लेकिन इसके साथ आखर, बाहर, अंदर, शायर, बंजर, पत्थर जैसे काफिये भी उपयोग में लाए जा सकते हैं।

आप कहेंगे कि कोई तो उदाहरण दीजिए इस बहर का जिससे कि इस पर ग़ज़ल कही जा सके, तो साहब उदाहरण भी लीजिए मीर तक़ी मीर साहब की सुप्रसिद्ध ग़ज़ल जिसके मतले को 1972 में आई  फिल्म एक नज़र के गीत में उपयोग किया गया “पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है, जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है”। इस बहर पर सबसे ज़्यादा काम मीर साहब ने ही किया है इसलिए इसे “बहरे मीर” के नाम से भी जाना जाता है। 

तो दीपावली में बस अब कुछ ही दिन रह गए हैं, उठाइये कलम और लिख डालिए एक अच्छी सी ग़ज़ल।

5 टिप्‍पणियां:

  1. लगता जो चहरे की पुस्तक के पन्नो में सीमित हैं
    दीवाली के डीप जलन तो वे भी गोचर होते हैं

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  2. जिसका हमें था इंतज़ार, जिसके लिए था, दिल बेक़रार, वो घड़ी आ गयी, आ गयी।
    स्वागत है।

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  3. सच कहा है
    जैसे तीरगी को चीरकर रोशनी हरसूं फैल गई है
    शुभकामनाएँ

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  4. इसमें जैसे 112 या 211 को भी 22 गिना जा सकता है वैसे ही 1212 भी 222 गिना जा सकता है ?

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  5. कोशिशें प्रारम्भ हो गई है ं

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