शनिवार, 20 अक्तूबर 2007

तो उड़न तश्‍तरी के पोस्‍ट में तो ब्‍लागवाणी का पूरा पेज ही भर जाएगा, वहां पर तो टिप्‍पणियां ऐसे आती हैं जैसे कभी सचिन के बल्‍ले से रन आते थे ।

टिप्‍पणियां ही वो आधार होती हैं जो हमको फिर फिर पोस्‍ट लिखने पर मजबूर करती हैं । शराबी फिल्‍म का एक डायलाग है 'मूंछें हों तो नत्‍थू लाल जी जैसी हों नहीं तो हों ही नहीं ' वैसे ही मैं ये कह सकता हूं कि भई टिप्‍पणियां हों तो उड़नतश्‍तरी के ब्‍लाग पर होने वाली हों नहीं तो हों ही न । अब उसके लिये भी एक पुरानी बात याद आती है कहीं पढ़ा था कि आदमी का व्‍यवहार एक रबर की गेंद की तरह ही होता हैं आप जितनी ज़ोर के साथ इसको दीवार पर मारते हैं ये उतनी ही जोर से आपके पास वापस आती है । उड़नतश्‍तरी के साथ भी यही है । दरअस्‍ल में उड़नतश्‍तरी की टिप्‍प्‍णियां आपको हर कहीं मिल जाएंगें । मै नहीं जानता कि समीर जी ने अपने ब्‍लाग को नाम उड़नतश्‍तरी पूर्व से सोच कर रखा था या यूं ही रखा गया था मगर आज की बात करें तो ये बात सच है कि उनका ब्‍लाग सचमुच उड़नतश्‍तरी की तरह ही है । उड़ते उड़ते सारे ब्‍लागों पर उड़नतश्‍तरी की उपस्थिति दर्ज होती है । और यही कारण है कि फिर बाकी सब भी उनकी पोस्‍ट पर अपनी टिप्‍पणियां दर्ज करते हैं । हालंकि एक बात और है वो ये है कि उड़नतश्‍तरी की पोस्टिंग सबसे मासूम होती हैं '' कत्‍ल भी करते हैं और हाथ में खंजर भी नहीं '' ( शेर को थोड़ा बदल दिया है ) । मैं एक बात बताना चाहूंगा ब्‍लाग तो मैं लिखता हूं पर मेरे ब्‍लाग पर आने वाली टिप्‍पणियों को पढ़ कर मेरे यहां काम करने वाले लड़के भी उड़नतश्‍तरी पर फिदा हैं । अभी जब पोडाकास्‍ट पर उड़नतश्‍तरी का साक्षात्‍कार आ रहा था तो सब बैठ कर सुन रहे थे । तो ब्‍लाग वाणी ने एक अच्‍छा काम किया है कि टिप्‍पणियों को भी दिखाना प्रारंभ कर दिया है अब मुझे चिंता होने लगी है कि जिस दिन उड़नतश्‍तरी की पोस्‍ट लगेगी उस दिन क्‍या होगा । ब्‍लागवाणी का पूरा पेज ही उससे भर जाएगा । आखिर को तीस चालीस टिप्‍पणियां तो आम बात हैं । समीर जी ने जैसा कहा है कि अगर ड्राप डाउन की व्‍यवस्‍था भी हो जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा । कहीं जाने की ज़ुरूरत ही नहीं पड़ेगी वहीं पर सब कुछ पढ़ लिया जाएगा । रवि रतलामी जी ने विंडो लाइव रायटर के बारे में बता कर काफी आसानी पहले ही कर दी थी अब ब्‍लाग वाणी ने काम को और भी आसान कर दिया है । आभार धन्‍यवाद और सभीको नई व्‍यवस्‍था पर बधाई ।

7 टिप्‍पणियां:

  1. उड़नतश्तरी तो महान हैं..सब जगह पहुंच जाते हैं...पर आप चिंता ना करें . हम जैसे कई लोग आपको नियमित पढ़ते हैं पर ऑफिस से टिपियाना हर समय संभव नहीं हो पाता.इसलिये आप टिप्पणियों की चिंता ना करें.

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  2. बहुत सही लिखा आपने!!

    उड़नतश्तरी सा दूजो न कोय!!

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  3. मास्साब

    सब आपका स्नेह है जो आप ऐसा सोचते हैं. हम तो बस थोड़ा बहुत समय देकर जो थोड़ा प्रोत्साहन कर पाते हैं किये जा रहे हैं. आप सब बस यूँ ही स्नेह बनाये रखें.

    आपके यहाँ बालकों को उड़न तश्तरी पर फिदा होने के लिये बहुत आभार और साधुवाद. :)

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  4. आपका डर जायज है। :)

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  5. उड़न खटोले बैठ समीरा
    यहाँ वहाँ लिख जाओ समीरा.

    देवी

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  6. आप कम्प्यूटर हार्डवेयर क्षेत्र से सम्बन्धित हैं. मेरा सुझाव है की अगर सम्भव हो सके तो एक अलग कम्प्यूटर हार्डवेयर वाला ब्लॉग बनायें और उसमे कम्प्यूटर हार्डवेयर से संबंधित जानकारी प्रदान करें. मैंने महसूस किया है की बहुत सी छोटी छोटी हार्डवेयर की समस्याओं मी लोग बहुत उलझ जाते हैं और परेशान होते है. अगर ऐसा ब्लॉग शुरू किया गया तो सभी का बहुत भला हो जायेगा

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  7. बिल्कुल सही बात कही है आपने, समीर भाईसाहब का क्लास अलग है।

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