मित्रो इस बार का जन्म दिन मेरे लिये वैसे भी खास है क्योंकि इस बार आप सब की दोस्ती का साथ मिला है मुझे जब अपने ज्ञान को बांटने का काम शुरू किया था तब पता नहीं था कि कितने नए दोस्तों से जुड़ने जा रहा हूं मैं । सच कहूं तो ग़ज़ल ने मुझ पर सबसे बड़ा उपकार तो यही किया है कि आप सब से जोड़ने का माध्यम दिया है । मैं हमेशा से ही कुछ अलग करना चाहता हूं । और इसी प्रयास में यहां तक पहुचा हूं । मंच के कवि सम्मेलनों में कविता की जो दुर्दशा है उसके कारण मैं मंच पर असहज महसूस करता हूं अपने आप को । हां अभी तीन और चार नवम्बर को दो कवि सम्मेलनों की स्वीकृति केवल इसलिये दी है कि दोनों खास हैं । एक तो वृद्धाश्रम में करवाया जा रहा हैं और दूसरा किसी गंभीर रोगियो के परीक्षण स्थल पर । मेरे लिये वृद्धश्रम का कवि सम्मेलन ज्यादा खास है ।
नीरज रोहिला जी ने लिखा है
कल तसस्वुर में तुम याद आये,
आज जन्मदिन की सौगात लाते,
सोचा क्या दूँ तुमको मैं उपहार,
लिख कर लाया हूँ शब्द दो-चार,
शब्द भावनाओं के मोती हैं कोमल,
सरिता के समान स्वच्छ निर्मल
उत्साह और उमंग की नाव में सवार,
दोनों हाथों से थाम जीवन की पतवार,
करो तुम जीवन की मुश्किल सब पार,
जन्मदिन की शुभकामनायें बार-बार ।
राकेश खंडेलवाल जी ने कहा
ज्ञान के यूँ खज़ाने लुटाते रहें
सीखने सब यहाँ रोज आते रहें
ये जनमदिन मुबारक रहे साल भर
हर सुबह हम यही गुनगुनाते रहें
आप गज़लों की डोरी संभाले रहें
और हम गीत आकर सुनाते रहें
आपके पंथ में रोज दीपावली
के हज़ारों दिये जगमगाते रहें
उड़न तश्तरी
हमारे प्रिय माड़साब को जन्म दिन की बहुत सारी बधाईयाँ.
कोई और होता तो हम भी कविता सौगात में देते मगर आपका क्या-लगे छड़ी चलाने तो डर के मारे सिर्फ गद्य में बधाई भर दे रहे हैं, इस में बहर और काफिये का कोई लफड़ा नहीं है.
अनेकों शुभकामनायें. आप यूँ ही ज्ञान बांटते रहें, यही कामना है. यू ट्यूब पर भी आपको सुन कर आनन्द आ गया.
केक खिलाईये. ( मुझे मालूम था केक कोई मांगेगा तो वो उड़नतश्तरी ही मांगेगी)
अभिनव ने कहा
ग़ज़लों की खुशबू से जग महकाते उस्ताद जी,
जन्मदिवस की आपको बहुत मुबारकबाद जी,
अभी अभी यू ट्यूब पर देखे हमने वीडियो,
अद्भुत सुंदर वाह वाह स्वीकारिए दाद जी,
मैं अभिभूत हूं आप सब की शुभकामनाओं पर ( अमिताभ बचचन को तो आज केवल प्रचार के लिये शुभकामनाएं मिलेंगीं पर मुझे तो ह्रदय की गहराइयों से मिलीं हैं । )
आज एक बहुत भावुक पोस्टिंग लगाऊंगा दोपहर बाद ।
नागरानी जी ने अभिनव द्वारा निकाली गई बहर के बारे में पूछा है और उड़नतयतरी ने अपनी एक ग़ज़ल भेजी है । आज तो जन्मदिन की छ़ुट्टी है कल हम इन सब पर बातें करेंगें। सभी को पुन: आभार ।
हम शायद बधाई देने से चुक गये. कृपया स्वीकार करें.
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ़ से भी बधाई हो
जवाब देंहटाएंदीपक श्रीवास्तव
देर से ही सही पर जन्मदिन की ढ़ेर सारी बधाई ! बहुत अच्छी तरह आपने सब से एपने ज्ञान को बाँटा है। लगे रहें।
जवाब देंहटाएंआप सभी का आभार
जवाब देंहटाएंमेरी भी हार्दिक बधाईयाँ स्वाकारें.
जवाब देंहटाएंगुरू जी आज सच में गाड़ी पंक्चर हो गई थी और आप तो जानते ही हैं कि हम कार्यालय में ही कक्षा attand कर पाते हैं , तो थोड़ी देर हो गई लेकिन स्वीकार कर लीजिये मेरी शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंवो बड़ी सी शख्सियत है, मेरी छोटी सी दुआ,
वो है खुद में नूर और मैं एक पतली सी शुआ।
ऐ खुदा उनको न हो मालूम पर देना असर,
दूर रखना चश्म-ए-बद से, छू न पाए बद्दुआ।
अभी बस ताज़ा ताज़ा लिखा गुरू जी, अपनी तरफ से बहरें भी गिन ली हैं और दुआ भी मन से की है।
जनमदिन मुबारक़
एक बार फ़िर देर हो गई । जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं ।
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