गुरुवार, 10 जनवरी 2008

टिप्पणियों के महानगर के जो इकलौते शहज़ादे थे ।। लिखते थे दो शब्द, प्रेरणा वाले वे सीधे सादे थे ।। जाने कितने चिट्ठाकारों के वे रहे बने उत्प्रेरक ।। कहाँ खो गये ? वैसे उनके लिखते रहने के वादे थे ।।

ये जवाब आया है श्री राकेश खंडेलवाल जी का श्री समीर लाल जी के लिये जिनको पूरा का पूरा ब्‍लागिंग जगत बहुत ही शिद्दत के साथ याद कर रहा है । और ये जवाब आया है मेरी इस बात के जवाब में जो मैंने कही थी '' समीर जी से मैंने भी कहा है कि वे लिखना प्रारंभ कर दें उनके बिना सूना है ब्‍लागिंग का पनघट यूं लग रहा है जैसे पनघट की सबसे नटखट पनिहारनि ने घर में नल लगवा लिया है और पनघट पर आना छोड़ दिया है । ''

1 

(श्री लक्ष्‍मीनारायणराय का काव्‍य पाठ)

राकेश जी जाहिर सी बात है एक बेहतरीन कवि हैं सो पनिहारिन को उन्‍होंने अपनी कविता के माध्‍यम से पुकारा है कि वो पनिहारिन घर का नल छोड़ कर वापस पनघट पर आना प्रारंभ कर दे क्‍योंकि पूरा का पूरा पनघट उसके बिना सूना ही नजर आ रहा है । कई लोगों के मेल मिल रहे हैं जो चाह रहे थे क‍ि वे भी सीहोर के आयोजन में शामिल होते । मुझे पहले से नहीं पता था नहीं तो मैं बाकायदा सभीको आमंत्रण दे देता आने का खैर मुझे अफसोस है ।

2

(उड़नतश्‍तरी का काव्‍य पाठ)

आने वाला जो भी कार्यक्रम हम करने जाएंगें वो ब्‍लागिया कवियों का कवि सम्‍मेलन ही होगा औश्र जो आनलाइन ना होकर सीहोर में होगा । सीहोर  के बारे में मैं बता दूं कि सीहोर एक कवि सम्‍मेलनों की नगरी है यहां के कवि सम्‍ममलनों की पूरे भारत में एक समय धाक रही है और बच्‍चन जी सुमन जी भरत व्‍यास जी जैसे दिग्‍ग्‍ज नामों ने यहां पर कविता पाठ किया है और सीहोर के श्रोताओं को सराहा है । यहां का श्रोता अच्‍छे काव्‍य का शौकीन है । और आज भी हम लोग परंपरा को सहेज कर रखने का काम कर रहे हैं ।

3

(और ये रहे माड़साब कविता पढ़ते )

आने वाले समय में हम एक और आयोजन करने जो रहे हैं और वे आयोजन होगा शिवना प्रकाशन की अगली पुस्‍तक का विमोचन । अब ये पुस्‍तक किसकी है ये जानने के लिये थोड़ा सा इंतजार कीजिये क्‍योंकि जब आप नाम सुनेंगें तो आप खुद भी कह उठेंगें कि इस कार्यक्रम में तो हमको भी आना ही आना हे ।

4

(श्री सुभाष जोशी जी की कविता)

मैं चाहता हूं कि उस आयोजन में कंचन जी सुनीता जी नीरज जी नागरानी जी समीर जी आदि सब आएं । एक बार मैं चाहता हूं कि ये सब भी आकर देखें क‍ि सीहोर के लोग कविता की परंपरा को किसा प्रकार निभाते हैं ।

5 

(श्री ओमप्रकाश तिवारी की कविता)

आज मैं कवि सम्‍मेलन की चित्रावली दे रहा हूं और कल से प्रारंभ हो जाएगी ग़ज़ल की कक्षाएं जिसमें अब तो बहर की जानकारी प्रारंभ भी हो चुकी है । ( किसी ने अभिनव  को देखा है क्‍या कई दिनों से कक्षा में आ नहीं रहा है कहीं बीमार तो नहीं हो गया है । )

6

(श्री द्वारिका बांसुरिया जी )

बहरों के बारे में बताने से पहले मैं ये भी बता देना चाहता हूं कि अब हमारी कक्षाओं का भी दबे जबान में विरोध हो रहा है और लोग कहने लगे हैं अब हमारे बारे में भी । लेकिन मैं तो एक ही बात जानता हूं कि विरोध तो तभी होता है जब आप कुछ करते हैं अगर आप कुछ भी नहीं कर रहे हैं तो आपका विरोध कोई क्‍यों करेगा । मेरे गुरू का कहना है कि तेज रु्तार से जाती बस से सड़क के किनारे लगे पेड़ कांपते ही हैं ।

8

(श्री विष्‍णु फुरसतिया जी )

और मैंने तो संकल्‍प ले रखा है कि मैं अपने छात्रों और छात्रओं को ग़ज़ल के मास्‍टर बना कर ही छोड़ूंगा । अभिनव ने एक बात बहुत अच्‍छी कही थी जो मुझे अभी तक याद है उसने कहा था कि आप हम लोगों को इतना तराश दें कि फिर उस ज्ञान को हम भी आपके साथ ही आने वाली पीढ़ी को बांट सकें । कई सारी विद्याएं केवल इसलिये ही खत्‍म हो गईं कि जो जानते थे उन लोगों ने उस विद्या को बांटा नहीं अपने साथ ही ले गए ।

7

(श्री रमेश गोहिया जी का काव्‍य पाठ)

हिंद युग्‍म पर भी संभवत: अगले ही सप्‍ताह से कविता की कक्षाएं प्रारंभ हो रहीं हैं माड़साब की पर वहां पर रोज ना होकर सप्‍ताह में दो दिन का समय दिया हे माड़साब ने और वहां पर पद्धति समस्‍या और समाधान वाली रहेगी ।

Image(186)

( ये पढ़ेंगे कविता तो मैं करूंगा हूट, कवि रमेश हठीला और श्रोता सोनू की नोंक झोंक )

3 टिप्‍पणियां:

  1. हमे तो बस इतना पता हे की हम जो अँधेरे में तीर चला रहे थे उसको एक दिशा मिल गई हे.बाकि लोग विरोध करे उन्हें भी तो कुछ कम चाहिए..!

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  2. नमस्ते पंकज जी,
    बहुत ही सराहनीय काम कर रहे हैं आप.
    इश्वर करे आप अपने संकल्प में सफल हों.ज्यादा से ज्यादा लोग आप की कक्षाओं से लाभ उठा सकें.
    शुभकामनाएं.
    -अल्पना

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  3. मैं चाहता हूं कि उस आयोजन में कंचन जी सुनीता जी नीरज जी नागरानी जी समीर जी आदि सब आएं

    मुझे विदित है शब्दों की थोड़ी सी कंजूसी कर डाली
    इसीलिये तो नाम और कुछ आप यहाँ पर ले न पाये
    आप कीजिये आयोजन यह और सुनिश्चित मैं करता हूँ
    शामिल हो लूँ मैं भी इसमें बन कर मेहमाँ बिना बुलाये

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