समीर भाई का वैसे तो सीहोर आने का प्रोग्राम कई दिनों से बन बिगड़ रहा है पर अंतत: अब वे सीहोर आ ही रहे हैं और उनके सम्मान में एक विशेष आयोजन 6 जनवरी रविवार को शाम पांच बजे श्री रमेश हठीला जी के निवास पर शिवना प्रकाशन द्वारा किया जा रहा है । आयोजन दो कारणों से किया जा रहा है एक तो समीर भाई के स्वागत के लिये और दूसरा अभी शिवना प्रकाशन द्वारा सुकवि रमेश हठीला के काव्य संग्रह बंजारे गीत का विमोचन किया गया है उस पर भी एक समीक्षा बैठक इसी गोष्ठी में की जा रही है । गोष्ठी में बंजारे गीत पर आलेख का पाठ हिंदी की प्रोफेसर डा श्रीमती पुष्पा दुबे करेंगीं । कार्यक्रम की अध्यक्षता आंचलिक पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक श्री शंकरलाल साबू करेंगें । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के हेंडीक्राफ्ट बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ( केंद्रीय मंत्री दर्जा ) श्री अक्षत कासट करेंगें । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार तथा पीटीआई के ब्यूरो चीफ श्री अम्बादत्त भारतीय अपना अख्यान देंगें । विशेष अतिथि के रूप में श्री राजकुमार गुप्ता उपस्थित रहेंगें ।
माड़साब ने इसीलिये दो दिन से कक्षा स्थगित कर रखी है क्योंकि कार्यक्रम की तैयारी चल रही है । कार्यक्रम पूर्व में और बड़े स्तर पर किया जाना था पर कुछ तकनीकी समस्यसाएं आ जाने के कारण अब ये कार्यक्रम छोटे स्तर पर किया जा रहा है । समीर भाई इन दिनों भारत की यात्रा पर आए हुए हैं और आने के बाद से ही संपर्क में हैं । पर जैसा कि होता है कि घर आने के बाद काफी काम निकल आते हैं और सब की प्राथमिकता होती है । समीर भाई की यात्रा के चलते इन दिनों टिप्पणी जगत में सन्नाटा छाया हुआ है अन्यथा तो उड़नतश्तरी सब जगहों पर पाई जाती थी ।
अगस्त में जब ग़ज़लों की कक्षाएं प्रारंभ की थीं तो लगा नहीं था कि इतनी लोकप्रियता मिलेगी । मगर आज तो इतने नये मित्र मिले हैं कि अच्छा लगता है । दो बार प्रमुख समाचार पत्रों भास्कर और जागरण ने विशेष लेख भी छापे हैं । और एक और महत्वपूर्ण लेख अभी और भी आने जा रहा है
कल ये कार्यक्रम श्री रमेश हठीला के निवास पर ही किया जा रहा है पूर्व में आनलाइन कवि गोष्ठी का भी कार्यक्रम था पर यहां पर लाइट की समस्या अचानक ही आ गई है सो अभी वो नहीं हो पा रहा है ।
( नए साल में एक काम जो मैंने किया वो ये किया है कि एक अपने मित्र जिनको मेरे एक कार्य से ठेस लगी थी उनसे बहुत विनम्रता से क्षमा मांग ली और अपनी कोई सफाई नहीं दी केवल ये कहा कि हां मुझसे ग़लती हुई थी और मैं मन से क्ष्मा चाहता हूं । किंतु उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया )
सुबीर साहब, बुला तो रहें है पर समय और तारीख भी तो बताईये.
जवाब देंहटाएंवाह...यहाँ मुम्बई में भी शनिवार १२ को उनसे मिलने का कार्यक्रम है. काव्य पाठ के बाद स्वादिष्ट भोजन का भी प्रबंध है. आप सादर आमंत्रित हैं.
जवाब देंहटाएंनीरज
क्ष्मा करें मैं समय और तारीख नहीं दे पाया था । कल रविवार 6 जनवरी को शाम पांच बजे कार्यक्रम है श्री हठीला जी के निवास पर ही आप सभी आमंत्रित हैं ।
जवाब देंहटाएंगोष्ठी के लिए शुभकामनाएं !
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