बजती रहे जीवन में सदा ताल मुबारक,
दुनिया तेरे लिए हो नया साल मुबारक,
सुख चैन की उड़ान भरें सारे परिंदे,
बरकत हो घोसलों में रहे डाल मुबारक,
नफरत की आँधियों का कोई रहनुमा ना हो,
गलियों में उडे प्यार का गुलाल मुबारक,
उस शख्स की क्या चाल बिगाडेंगी आफतें,
माँ नें कहा ही जिससे मेरे लाल मुबारक.
और ये है आखिरी प्रयास जो की अभी लिखी है. बहर में लिखना सरल नही है उसपर भी यदि आपको किसी विषय विशेष पर लिखना हो तो बात और भी पेचीदा हो जाती है. आपसे इतना सीखने के बाद ग़लत बहर में लिखी रचना ब्लॉग पर पोस्ट करने की हिम्मत नही है इस वजह से आपको इ मेल द्वारा भेज रहा हूँ. आपको तथा आपके परिवार को नव वर्ष की अनेक शुभकामनाएं.
अपने बाज़ार में माल बिल्कुल नया,
लीजिये आ गया साल बिल्कुल नया,
कुछ हुआ बम फटा हर तरफ़ फिर धुआं,
हम सभी थे वही हाल बिल्कुल नया,
जाइए आप भी हैं बड़े नासमझ,
ये नया शेड है लाल बिल्कुल नया,
कुछ भी बोले बिना बात कर लेगा ये,
एक डालेगा फिर जाल बिल्कुल नया,
मैंने टी वी चला कर के भोजन किया,
दाल में फिर दिखा बाल बिल्कुल नया,
प्यार विस्तार ले मुस्कुराये खुशी,
हो मुबारक तुम्हें साल बिल्कुल नया.
तालियां तालियां तालियां
उस शख्स की क्या चाल बिगाडेंगी आफतें,
जवाब देंहटाएंमाँ नें कहा ही जिससे मेरे लाल मुबारक.
beautiful
नए साल में प्यार विस्तार पाए
जवाब देंहटाएंवैर-भाव धुँआ बन जग से उड़ जाए !!