कल की क्लास में जमकर छात्र औश्र छात्राएं आए इतने कि कल तो क्लास में अतिरिक्त कुर्सियां ही लगाना पड़ीं । ये क्लास आपकी ही है और जान लें कि आपसे ही इसको चलना अगर आप ही नहीं आऐंगें तो माड़साब दीवरों को तो पढ़ाने से रहे । कुछ नए छात्र छात्राऐं भ आए हैं और वे भी दिलचस्पी ले रहे हैं । कल की क्लास में सबसे महत्वपूर्ण छात्र की गैरहाजिरी रही उनकी जिनपर कि कल चर्चा हो रही थी कल अनूप भार्गव जी कि अनुपस्थिति रही तो अच्छा नहीं लगा वो इसलिये कि कल तो उन पर ही चर्चा हो रही थी । खैर हो सकता है कि वे व्यस्त हों और आज आ जाएं । सबकी प्यारी राजदुलारी उड़नतश्तरी की अनुपस्थिति भी खल रही है पर वो बाकायदा छुट्टी का अवेदन लेकर गए हैं सो क्षमा । आज फिर मैंने पाकिस्तान के शायर अहमद मुश्ताक साहब की एक ग़ज़ल लगाई है ।
कल हमने चर्चा कर ली थी आज हम केवल क्लास लेंगें टिप्पणियों में जो प्रश्न आए हैं उनका समाधान सोमवार को होगा सोमवार को हम केवल टिप्पणियों की ही बात करेंगें ।
षटकल की बात चल रही थी और हम फाएलातुन तक आ गए थे ।
आज बात करते हैं षटकल की चौथी सूरत से तीन हम पिछली क्लास में कर चुके हैं ।
4 : मुफाएलुन 1212 इसकी भी दो सूरते हों सकती हैं जो इस प्राकर होंगीं ।
अ: एक लघु फिर एक गुरू फिर एक लघु और फिर एक गुरू । जैसे गिरा कहीं में ये ही है गि रा क हीं 1212 ।
ब: पूरी छ: लघु मात्राएं जिनमें से पहली एक स्वतंत्र है, बाद की दो दूसरी और तीसरी संयुक्त होकर एक दीर्घ बन जाएं फिर एक स्वतंत्र लघु और फिर पांचवी और छठी पुन- मिल कर दीर्घ बन जाएं । जैसे न तुम न हम में ये ही है न 1 तु म 2 न 1 ह म 2 ।
5: फाएलातु 2121 इसकी भी दो तरह से व्यवस्था हो सकती है
अ: एक गुरू एक लघु फिर एक गुरू और फिर एक लघु जैसे जान आप में भी ये ही है जा 2, न 1, आ 2, प 1,
ब: पूरी छ: लघु मात्राऐं पर शुरू की एक और दो आपस में मिलीं हों तीसरी स्वतंत्र हो फिर चौथी और पांचवी संयुक्त हो और अंत में छठी फिर स्वतंत्र हो । जैसे तुम न हम न में तु म 2, न 1, ह म 2, न 1, ।
6: मफाईलु 1221 अब इसकी भी दो सूरते हो सकती हैं
अ : पहली लघु दूसरी दीर्घ तीसरी दीर्घ और फिर आखिर की लघु जैसे मिला आप में ये ही है मि 1 , ला 2, आ 2, प 1, ।
ब: पूरी लघु पर दूसरी तीसरी और चौथी पांचवी संयुक्त होरक दीर्घ हो जाएं जैसे न झिल मिल न में ये ही है न 1, झि ल 2, मि ल 2, न 1 ।
आज इतना ही बाकी बातें सोमवार को होंगीं । और हां एक महत्पूर्ण बात 13 दिसंबर को संसद भवन पर शहीद हुए सैनिकों को हम श्रद्धांजली देंगें तो आप सब 13 को अपनी चार चार पंक्तियां जरूर दें ।
सर जी
जवाब देंहटाएंहाजिर हूँ
पिछली कुछ कक्षाओ में एक बात समः नहीं आ रही गुरूजी
मुझे याद है किसी एक समय आपने कहा था की किसी भी बहर में फाएलातुन , फाएलुन ...... आदी.
की जगह हम कुछ भी कह सकतें है | तो फिर षटकल, पंचकल आदी.का उपयोग क्या है ?
क्या यह जान लेना काफ़ी नहीं है कि कौन से लघु मिल कर दीर्घ हो रहे है और कौन सा दीर्घ गिर के लघु हो रहा है |
सच पूछो तो मुझे संख्या लिखना सबसे ज्यादा आसान लगता है जैसे २२१२
बरसों पहले जब मैं स्चूल में था , तब "सा रे गा म " TV serial में अनु कपूर जी ने आंखे और जन्नत को ले कर शेर लिखने को आमंत्रित किया था , उस समय मी यह शेर लिखा था ( यह अलग बात है मैंने कभी भेजी नहीं उन्हें यह)
जन्नत कि फिर कभी मुझे तमन्ना नहीं होगी
आँखों में अपनी एक बार बस बसने दे तू मुझे
पहला सवाल, क्या इसे शेर कहेंगे? अगर हाँ तो बहर नहीं मिलती मिश्रा उला और मिश्रा सानी में
क्या इन शेरों कि श्रंखला कुछ अलग होती है ?
जैसे ग़ालिब साहब का वह मशहूर शेर
"वो आए हमारे घर खुदा कि कुदरत है
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखतें है"
सादर
अजय
सुबीर जी
जवाब देंहटाएंदुआ कीजिये की जो आप सिखा रहे हैं उसका एक अंश तो कम से कम हमारे भेजे में आजाये. इसी से उद्धार सम्भव है.और कहीं पूरा समझ में आ जाए तो फ़िर पूछिए मत आनंद का आलम.
पुरानी पोस्ट पढ़ना शुरू कर रहा हूँ उम्मीद है कुछ तो सीखने को मिलेगा ही.
नीरज