शहर के कवियों को आन लाइन वैश्विक कवि सम्मेलन में दुनिया भर में फैले भारतीय मूल के कवियों के साथ काव्य पाठ करने का मौका मिला अवसर था शिवना द्वारा आयोजित समारोह जिसमें न केवल वैश्विक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया वहीं भारतीय मूल के पांच कवियों के काव्य संग्रह धूप गंध चांदनी का विमाचन भी किया गया साथ ही हिंदी की मनीषी विद्वान डॉ पुष्पा दुबे को शिवना सारस्वत सम्मान प्रदान किया गया ।
सीहोर के साहित्यकारों को एक बार फिर से अंतर्राष्ट्रीय मंच पर काव्य पाठ का अवसर मिला शिवना द्वारा आयोजित समारोह में देश भर के चुनिंदा कवियों के साथ सीहोर के कवियों ने काव्य पाठ किया कवि सम्मेलन में दुनिया के कुछ प्रसिध्द भारतीय मूल के कवियो ने भी आनलाइन काव्य पाठ किया ।
इस कवि सम्मेलन में सीहोर के अम्बादत्त भारतीय, शारदा प्रसाद दीक्षित, डॉ मोहम्मद आजम, द्वारका बांसुरिया, रमेश हठीला, लक्ष्मण चौकसे, हरिओम शर्मा, सहित पूना के अंकित सफर, दुबई के दिगंबर नासवा, सिंगापुर की शार्दूला माहेश्वरी, अमेरिका के घनश्याम गुप्ता, अर्चना पंडा, विशाखा ठाकर, अनूप भार्गव, राकेश खण्डेलवाल, कनाडा के समीर लाल ने काव्य पाठ किया ।
इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नागरिक बैंक के अध्यक्ष श्री प्रकाश व्यास काका, अध्यक्ष जिले के वरिष्ठ पत्रकार श्री अम्बादत्त भारतीय, स्थानीय महाविद्यालय के प्राचार्य श्री एम एस राठौर, समाजसेवी तथा गल्ला व्यापारी संघ के अध्यक्ष श्री कैलाश अग्रवाल तथा वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ आर सी जैन ने हिंदी की मनीषी विद्वान तथा स्थानीय महाविद्यालय में हिंदी की प्राध्यापक डॉ श्रीमती पुष्पा दुबे को शिवना सारस्वत सम्मान प्रदान किया ।
सम्मान के तहत डॉ दुबे को शाल श्रीफल, सम्मान पत्र तथा प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया । डॉ दुबे का परिचय पत्रकार श्री प्रदीप चौहान ने दिया ।
इस अवसर पर शिवना प्रकाशन तथा वाशिंगटन हिंदी समिति द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित काव्य संग्रह धूप गंध चांदनी का भी विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया । ये काव्य संग्रह भारतीय मूल के अमेरिका में बसे दो कवियों राकेश खण्डेलवाल, घनश्याम गुप्ता तथा तीन कवियित्रिओं बीना टोडी, विशाखा ठाकर तथा अचँना पंडा की कविताओं का संग्रह है ।
संग्रह पर प्रकाशक पंकज सुबीर ने प्रकाश डाला । इंटरनेट के माध्यम से प्रसाति हो रहे इस आयोजन को दुनिया भर के कई हिंदी प्रेमियों ने देखा । इस प्रकार सीहोर एक वैश्विक आयोजन का साक्षी बना ।
शिवना के इस वार्षिक आयोजन में सबसे पहले पंडित शैलेष तिवारी के मार्गदर्शन में सीहोर के कवियों, पत्रकारों तथा प्रबुध्द वर्ग के लोगों ने ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन अर्चन किया ।
तत्पश्चात सुकवि रमेश हठीला ने मां सरस्वती की सस्वर वंदना की । इस अवसर पर बोलते हुए डॉ पुष्पा दुबे ने कहा कि शिवना संस्था द्वारा शहर के साहित्य की अलख जगाने का जो कार्य किया जा रहा है वह अनुकरणीय है । उन्होंने निराला जयंति के अवसर पर पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला से जुड़ी कई सारी तथ्यात्मक जानकारियां प्रदान की ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री प्रकाश व्यास काका ने कहा कि सीहोर में वरिष्ठ साहित्यकार श्री नारायण कासट ने शिवना के रूप में जो साहित्य का पौधा लगाया था उसको आज एक घने वृक्ष में बदला हुआ देखकर मन को सुख मिलता है । उन्होंने कहा कि सीहोर में शिवना ने साहित्य की परंपराओं को जीवित रखा है । श्री व्यास ने कहा कि साहित्य ही समाज को दिशा देता है अत: साहित्य के न रहने पर समाज दिशाहीन हो जाता है ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री अम्बादत्त भारतीय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि निराला जो ने तो अपना जन्म दिवस वसंत पंचमी को मान कर एक निर्देश साहित्यकारों को दिया कि सरस्वती के इस प्राकटय दिवस का साहित्यकारों के लिये क्या महत्व है । श्री भारती ने कहा कि सीहोर में शिवना द्वारा वसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजन की परंपरा को लगातार चार वर्षों से किया जाकर इस परम्परा का जो निर्वाहन किया जा रहा है वह प्रशंसनीय है । इस अवसर पर सभी अतिथियों को शारदा प्रसाद दीक्षित ने मां सरस्वती के चित्र तथा सिक्का प्रदान किया गया । कार्यक्रम का संचालन पत्रकार प्रदीप चौहान ने किया वहीं आन लाइन वैश्विक कवि सम्मेलन का संचालन शायर डॉ मोहम्मद आजम ने किया । अंत में आभार हरइअिोम शर्मा दाऊ ने व्यक्त किया । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के बुध्दिजीजवी उपस्थित थे ।
रमेश हठीला
काव्य संग्रह धूप, गंध और चाँदनी के विमोचन समारोह पर बहुत बहुत बधाई इस सफल आयोजन के लिए. ऑनलाईन ही सही, इस कार्यक्रम का हिस्सा बन कर जो सौभाग्य और आनन्द प्राप्त हुआ, वह शब्दों में वर्णित करना संभव नहीं है.
जवाब देंहटाएंएक बार पुनः, सभी को बधाई एवं शिवना प्रकाशन इसी तरह उन्न्ति के पथ पर अग्रसर रहे, इस हेतु शुभकामनाऐं.
डॉ पुष्पा दुबे को शिवना सारस्वत सम्मान से अलंकृत होने की कोटिशः बधाई.
जवाब देंहटाएंगुरु जी को मेरा प्रणाम ,
जवाब देंहटाएंहलाकि मैं इंतज़ार करता रहा मगर तकनिकी खराबी कहे मैं इसका आनंद नही उठा पाया ,शायद मेरी किस्मत में नही रहा होगा कल का दिन के मैं इस अविश्मरानिया पल का आनंद उठा पाऊं ,खैर मगर कार्यक्रम सफल रहा इसके लिए आप सभी को ढेरो बधाई....
आपका
अर्श
कवि सम्मेलन सुनने के लिए हम भी बहुत उत्सुक थे और खुश थे कि अपने घर की चार दिवारी में बैठे बैठे हम मध्य प्रदेश में हो रहे कवि सम्मेलन का लुत्फ़ उठा सकेगें पर पता नहीं क्युं जीटॉक बार बार कट जाता था और आवाज आनी बंद हो जाती थी। कार्यक्रम में कोई खलल न डालें इस ख्याल से हम ने जीटॉक बंद कर दिया। यकीं है कि आप ने रिकॉर्ड किया होगा, कब सुनवा रहे है हमें उसकी रिकॉर्डिंग
जवाब देंहटाएंविस्तृत विवरण पढकर तो मैं भी आयोजन में शरीक हो गया।
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम की सफलता की लिए.........बहुत बहुत badhai
जवाब देंहटाएंसबसे पहले तो आदरणीय पुष्पा दुबे जी को बहुत बहुत बधाई...आप साहित्य और साहित्यकारों की जो सेवा कर रहे हैं उसकी जितनी प्रशंशा की जाए कम है...इश्वर इस सद काम में सदा आपके साथ रहे ये ही प्रार्थना करते हैं...
जवाब देंहटाएंनीरज
अर्चना की अर्चना माँ सरस्वती के चरणों में स्वीकार हो |
जवाब देंहटाएंसुबीर जी एवं उनकी पूरी टीम को मेरा प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद !
इसे कहते हैं दुनिया को प्रकाश दिखाना |
जो काम बड़े बड़े शहरों के नामी गिरामी लोग नहीं कर पाये वो एक छोटे से शहर के कुछ हिम्मती लोगों ने कर दिखाया है |
आप का कार्यक्रम सारे संसार में सुना गया और सराहा गया | आप सब को बधाई हो!
सभी मान्य कवियों को बधाई और शुभ कामनाओं सहित,
अर्चना
तस्वीरें देख कर और तमाम रिपोर्ट पढ़ कर,मलाल थोड़ा कम हुआ
जवाब देंहटाएंसीहोर और आप सब का ये प्रयास गुरू जी ---जितनी तारीफ़ की जाये कम होगी
किताब के बारे में जानकारी दें