राकेश खण्डेलवाल जी के गीतों में एक अलग ही बात है उनमें वो सब कुछ है जो गीतों के स्वर्ण काल की याद दिलाता है वो समय जब दादा नीरज जी, सोम दादा, बालकवि बैरागी जी जैसे गीतकार हिंदी कवि सम्मेलन के मंचों पर अपनी आवाज़ और अपनी लेखनी का जादू बिखेरते थे । यद्यपि ये तीनों ही हिंदी के पुरोधा कवि आज भी यदा कदा मंचों पर दिखाई देते हैं किन्तु बात वही है कि वर्षाकाल में कोयल मौन साध लेती है क्योंकि तब मेंढकों के टर्रोने का समय होता है । राकेश खण्डेलवाल जी के गीतों में एक सुगंध है जो कुछ इस प्रकार से उठती है जैसे ग्रीष्म की तपती हुई धरती पर वर्षा की प्रथम बूंद गिरने पर सौंधी सी सुवास उठती है । राकेश जी के गीतों में अनोखे शब्द चित्र होते हैं । तो आप भी आनंद लीजिये राकेश जी के इस गीत का ।
गीत बन कर के होठों से झर जायें हम
भाव हैं, शब्द का पर्श पा जायें हम
गीत बन कर के होठों से झर जायें हम
तेरे हाथों की मेंहदी बनें ना बनें
बन अलक्तक पगों में संवर जायें हम
रोशनी की किरन, जिसने देखी नहीं
कुछ अधूरे अंधेरों की परछाईयाँ
राह भूले नहीं, आये जब लौट कर
एक दीपक जला कर के धर जायें हम
शाख पर झूलने की नसीहत तो दी
पर हवा छीन मुस्कान को ले गई
हम न जूड़े में तेरे अगर सज सके
खुश्बुओं से तेरा पंथ भर जायें हम
रात थी चुक गई बीनते बीनते
धज्जियाँ फट बिखरते हुए स्वप्न की
और दिन की कुपित रोशनी ने कहा
अब भटकना नहीं, अपने घर जायें हम
तूने हर मोड़ पर हमको रुसवा किया
हर उठे प्रश्न पर मौन रख रह गई
फिर भी इतना तो बतला दे ए ज़िन्दगी
अब तुझे छोड़ कर के किधर जायें हम
लफ़्ज़ हम, गीत से जो परे रह गये
और अक्षर न गज़लों ने थामा जिन्हें
फिर भी होठों ने तेरे अगर छू लिया
फ़र्क क्या फिर जियें चाहे मर जायें हम
आनंद लीजिये राकेश जी के इस गीत का । पिछले सप्ताह भर व्यस्तता रही जो अभी भी है । कुछ रिश्ते खून के रिश्तों से भी बढ़कर होते हैं । ऐसे ही एक बालक का विवाह 29 अप्रैल को था । सोनू यूं तो मेरे कम्प्यूटर प्रशिक्षण संस्थान में मुख्य प्रशिक्षक है किन्तु मेरे लिये वो मेरे छोटे भाई के समान ही है । अत: उसके विवाह को लेकर पिछले सप्ताह भर व्यस्त था और अभी भी हूं किन्तु आज यहां पर केवल हाजिरी लगाने आया हूं ।
मिलिये सोनू से
Sonu or Apako badhaiyaan
जवाब देंहटाएंgeet bhee behatreen hai
गुरु देव को सादर प्रणाम,
जवाब देंहटाएंश्री राकेश खंडेलवाल जी के गीतों ने क्या कहने वे तो पुरोधा है ... मजा आगया पढ़ के उनको ... और हाँ सही कहा है आपने ने कुछ रिश्ते खून के रिश्ते से बढ़ के होते है ... सोनू जी से तो मैं मिल ही चुका हूँ शादी के लिए उनको ढेरो बधाईयाँ और शुभकामनाएं.. सदा मंगल हो .. आपका
अर्श
Rakesh ji ka to har geet Anupam hota hai. kaha tak badaai kare
जवाब देंहटाएंAur sonu ko grihasthashram pravesh ki shubhkamanaeN
सुन्दर गीत है खण्डेलवाल जी का, प्रस्तुत करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएं----------
सावधान हो जाइये
कार्ल फ्रेडरिक गॉस
sunder geet, subeer ji , rakesh ji ki prastuti ke liye aabhar.
जवाब देंहटाएंराकेश जी के गीतों पर हम अदने का कुछ कहना तो सूर्य को दीप दिखाना है...."अँधेरी रात का सूरज" के जादू में अब तक डूबा हुआ हूँ..
जवाब देंहटाएंसोनु सेहरे में बड़ा प्यारा दिख रहा है
ढ़ेरों बधाई और नये जीवन के लिये समस्त शुभकामनायें सोनु को हमारी तरफ से...
गुरू जी, तरही मुशायरा कब होगा?
aapko aur sonu donon ko badhayee !
जवाब देंहटाएंगुरुदेव आपने लाख टके की बात कही है...राकेश जी की रचनाओं का जवाब नहीं है...उनकी तुलना आपने जिन कवियों से की है वो एक दम जायज़ है...किसी भी मायने में राकेश जी की रचनाएँ इन मूर्धन्य साहित्यकारों से कम नहीं हैं...आज कल के साहित्यकारों में उनके जैसी विलक्षण प्रतिभा का कोई दूर तक नज़र नहीं आता...इश्वर उन्हें स्वस्थ रखे और उनकी रचनाएँ हमें पढने के मौके बार बार दे....
जवाब देंहटाएंनीरज
पुनश्च: आप द्वारा प्रेषित चित्र मन भावन है...और सोनू जी की छवि तो माशा अल्लाह..."तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नज़र न लगे.....चश्मे बद्दूर..." गीत की याद दिला रहे हैं...उनके लम्बे और सुखद दाम्पत्य जीवन की कामना के साथ...खोपोली आने का निमत्रण भी भेज रहे हैं...
नीरज
गुरु जी प्रणाम
जवाब देंहटाएंराकेश जी के गीत को गुनगुनाया तो वास्तव में गजल का आनंद मिला
हालाकि मैं गजल के आलावा किसी पध को ज्यादा चाव से नहीं पड़ता
मगर गीत की ये कड़ी मुझे बहुत पसंद आयी
तूने हर मोड़ पर हमको रुसवा किया
हर उठे प्रश्न पर मौन रख रह गई
फिर भी इतना तो बतला दे ए ज़िन्दगी
अब तुझे छोड़ कर के किधर जायें हम
अद्धुत
मैं सोंच रहा था की आपने सोमवार को पोस्ट लगाने के लिए कहाँ और चार दिन बीत गए
फिर कल आपकी पोस्ट आई कल केवल पढ़ पाया टिप्पडी आज कर रहा हूँ
सोनू भाई को शादी की हार्दिक शुभकामनायें
तरही के लिए कुछ और शेर निकले हैं भेज रहा हूँ
बाकी बात मेल पर लिखता हूँ
आपका वीनस केसरी
राकेश जी का गीत बहुत ही सुन्दर है..............सोनू को बहुत बहुत बधाई ..........
जवाब देंहटाएंआपकी पारखी नज़र से कुछ छुप सके ऐसा मुमकिन नहीं........फिर राकेश जी के गीत तो मनमोहक हैं ही