शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2008

अपने हाथों से विमोचन करें अंधेरी रात का सूरज का आवाज पर जाकर

राकेश खण्‍डेलवाल जी की पुस्‍तक एक मामले में तो इतिहास रचने ही जा रही है कि इसका विमोचन तीन स्‍थानों पर एक साथ होने जा रहा है । वर्जीनिया के राजधानी मंदिर आडिटोरियम में भाई समीर लाल अनूप भार्गव जी और रजनी भार्गव जी की उपस्थिति में इसका विमोचन हो  रहा है । वहीं सीहोर में शिवना प्रकाशन द्वारा भी एक विमोचन का कार्यक्रम रखा गया है जो कि शाम साढ़े छ: पर है । इसके अलावा हिन्‍द युग्‍म द्वारा भी विमोचन का कार्यक्रम रखा गया है आवाज पर http://podcast.hindyugm.com यहां पर ये विमोचन दुनिया भर में फैले लाखों हिन्‍दी प्रेमी अपने हाथों से करेंगें । हिंद युग्‍म पर विमोचन की जवाबदारी श्री सजीव सारथी जी ने उठाई है । वे अपने प्रकार से कुछ अनूठा करके ये विमोचन करना चाह रहे हैं । यहीं पर कल श्री राकेश जी की कविताओं का पाठ अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलनों का जाना पहचाना नाम भुज गुजरात की कवियित्री मोनिका हठीला करेंगीं । ये भी अपनी तरह से एक अनूठा प्रयोग करने का प्रयास है । मोनिका हठीला संयोगवश किसी कवि सम्‍मेलन से रायपुर से लौट रहीं थीं और अपने मायके में आईं हुईं हैं सो हमने उनके समय का उपयोग कर लिया है । कल विमोचन समारोह में भी वे रहेंगीं और उनके तथा हिंदी की मनीषी विद्वान डॉ पुष्‍पा दुबे के हाथों से पुस्‍तक का विमोचन होगा । इसके बाद मोनिका हठीला श्री राकेश खण्‍डेलवाल की कविताओं का सस्‍वर पाठ करेंगीं और कविताओं पर विस्‍तार से चर्चा करेंगीं डॉ पुष्‍पा दुबे । सजीव सारथी जी ने हिंद युग्‍म पर विमोचन की जो भूमिका रखी है उसके लिये आपको http://podcast.hindyugm.com यहां पर जाना होगा और अपने ही हाथों से पुस्‍तक का विमोचन करना है । तो इस प्रकार से अमेरिका में वाशिंगटन हिंदी समिति सीहोर में शिवना प्रकाशन और जाल पर हिंद युग्‍म इस प्रकार ये तीन संस्‍थायें मिल कर पूरे कार्यक्रम का अंजाम दे रहीं हैं । राकेश जी के जाल पर कई प्रशंसक हैं अत: कहा तो यही जा सकता है कि सबसे सार्थक प्रयोग सजीव जी का ही रहेगा क्‍योंकि वे लोग जो सीहोर नहीं आ पायेंगें या कि वर्जीनिया में नहीं पहुंच पायेंगें उनके लिये हिंद युग्‍म की पोडकास्‍ट साइट आवाज ही एक मात्र स्‍थान है जहां पर वे आसानी से जाकर  अपने ही हाथों से अंधेरी रात का सूरज का विमोचन कर पायोंगें । कल यूनीवार्ता ने इसको लेकर विशेष समाचार जारी किया था ।

8 टिप्‍पणियां:

  1. "All the best for organising this historical event. every body who is attached with this event deserve lot of appreciation."
    good luck

    With Regards

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  2. शुभकामनाऐं इस कार्यक्रम की सफलता के लिए.

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  3. वाह! बहुत खूब, ये है अन्तरजाल की ताकत और उसका सही उपयोग।

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  4. गुरु जी,
    ये एक अदभुत संगम है, और आपको विशेष बधाइयाँ इसे इस रूप में लाने के लिए.
    शुभकामनाएं इस पवन कार्य के लिए.

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  5. गुरु जी,
    ये एक अदभुत संगम है, और आपको विशेष बधाइयाँ इसे इस रूप में लाने के लिए.
    शुभकामनाएं इस पावन कार्य के लिए.

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  6. कविवर राकेश जी को अनेकों बधाई और आपको भी इस अनूठे विमोचन समारोह पर ..
    सस्नेह

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  7. नमस्कार गुरु जी,
    जन्मदिन की आपको हार्दिक शुभकामनाएं.

    - अंकित सफ़र

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  8. सुबीर जी,
    आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं । आपका जीवन कार्यकौशल्य और उप्लब्धियों से संवरा रहे! आप साहित्य की सेवा कर के जो शुभ कार्य कर रहें हैं उसकी रोशनी आपके जीवन को मंगलमय, प्रकाशमय और आनन्दमय बनाये ।
    सादर, शार्दुला
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    आज हम दूर एक रमणीय द्वीप पे बैठे, गुरुजी की पुस्तक के विमोचन में हिस्सा ले सकेंगे हमारे लिये इससे बढकर बात और क्या हो सकती है !

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