मित्रों जीवन का बड़ा ही अजीब सा खेला है । शुरू होता है और समाप्त होता है । हम बहुत कुछ ऐसा करते हैं जो आखिर में समाप्त होता है । और इन सबके पीछे बहुत कुछ होता है । जैसे कि ये ही कि सात साल पहले ऐसे ही किसी दिनों में ब्लॉगिंग की शुरूआत की । इस ब्लॉग की । सुबीर संवाद सेवा। जो एक मंच बन गया । बीच में कई सारी उपलब्धियां मिलीं । बहुत कुछ हुआ । एक पूरा परिवार बन गया । इस परिवार में कई लोग मिलते गए जुड़ते गए। और सफर चलता रहा । फिर जाने क्या हुआ कि साल डेढ़ साल पहले सफर पर अचानक विराम लग गया । लेकिन ये जरूर हुआ कि समय के साथ ब्लॉगिंग परिवार के जो लोग विरचुअल थे उन सबसे मिलना हो गया । लगभग सभी से । और मिल कर लगा ही नहीं कि पहली बार ही मिलना हो रहा है । इतनी बातें हो चुकी थीं कि लगना था ही नहीं ।
लेकिन हां ये बात ज़रूर है कि सिलसिला रुक जाने से मन में पीड़ा भर गई । हर बार सोचा कि सिलसिला शुरू किया जाए मगर बस । इस बीच व्यस्तताओं ने पैर पकड़ रखे । हालांकि व्यस्तता का तो बहाना होता है बात तो प्राथमिकता की होती है । दिन भर में दस पन्द्रह मिनट का समय तो निकाला जा सकता है । इस बीच ब्लॉगिंग के कई अल्टरनेट आए । फेसबुक, वाट्स अप आदि आदि । लेकिन जो आनंद यहां है वो कहीं नहीं । फेसबुक एक ऐसा मंच है जहां पर आपको केवल प्रशंसा करने और सुनने जाना है । और कुछ नहीं । वहां कोई किसी के बारे में लिखे तो अच्छा ही लिखे । यदि वो गलत है तो भी । एक प्रकार की अराजकता बसी है वहां ।
बहुत दिनों बाद लिख रहा हूं। इसलिए कुछ आदत छूट सी गई है । मगर अब कोशिश करूंगा कि आदत बनी रहे । भले ही अंतराल हो लेकिन निरंतरता बनी रहे । यहां के तरही मुशायरे बंद होने के बाद कई लोगों ने नया ही नहीं लिखा । और ऐसा कुछ लोगों ने स्वयं मुझसे कहा । यदि ऐसा है तो ये मेरा ही अपराध है । राकेश खंडेलवाल जी ने कई बार फोन करके मुझसे इस विषय में चिंता व्यक्त की। मगर फिर भी सन्नाटा बना रहा तो मैं ही उसका दोषी हूं ।
तो आज एक सूचना के साथ कडि़यों को फिर से जोड़ने का प्रयास कर रहा हूं । सूचना ये कि निर्णायक समिति ने वर्ष 2013 हेतु शिवना सम्मान का नाम तय कर लिया है । सुकवि रमेश हठीला शिवना सम्मान पिछले वर्ष श्री तिलकराज कपूर जी को और उससे पहले श्री नीरज गोस्वामी जी को प्रदान किया जा चुका है । इस वर्ष भी सम्मान समारोह का आयोजन दिसम्बर अथवा जनवरी में किया जाना प्रस्तावित है । तो इस वर्ष निर्णायक समिति ने सुकवि रमेश हठीला शिवना सम्मान हेतु वरिष्ठ शायरा आदरणीया इस्मत ज़ैदी जी का नाम तय किया है । शिवना प्रकाशन की ओर से उनको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं । इस्मत जी अभी तक गोवा की निवासी थीं लेकिन अब वे मध्यप्रदेश के ही सतना में आ गईं हैं । जल्द ही सम्मान की तिथि आदि घोषित की जाएगी ।
सुकवि रमेश हठीला शिवना सम्मान
आदरणीया इस्मत ज़ैदी जी
तो ये सूचना थी जिसकी भूमिका के लिए मैंने बहुत कुछ कहा । मगर हां अब ये जरूर कि कोशिश करूंगा यहां पर निरंतरता बनाए रखने की । परिवार जैसा एक समूह जो कि कुछ दूर दूर हो गया है उसे फिर से पास लाने की । जल्द ही अगली घोषणा भी की जाएगी । लेकिन अगली घोषणा आप सब के उत्साह पर ही निर्भर करती है । तो बस ये कि सिलसिला फिर से शुरू करने के लिए आप सब का साथ और उत्साह बहुत आवश्यक है ।
इस्मत जैदी जी को बधाई । आपका प्रयास फलीभूत हो यही कामना है । आज कल ब्लोग्स पर सन्नाटा छाया हुआ है ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई इस्मत जी को इस सम्मान के लिए। सन्नाटा दूर हो और सन्नाटे से कोई तरही मिसरा निकले इसकी शुभकामनाओ के साथ।
जवाब देंहटाएंज़रूर निकलेगा कोई मिसरा ।
हटाएंआमीन
हटाएंप्रणाम गुरुदेव,
जवाब देंहटाएंइक सदा काफी होती है ख़ामोशी को तोड़ने के लिए। वाकई यहाँ पसरी ख़ामोशी बहुत अखरती थी।
इस्मत दी को ढेरों मुबारकबाद शिवना सम्मान के लिए।
अपनी इस प्यारी सी बहना इस्मत को हठीला सम्मान मिलने की बहुत बहुत बहुत मुबारकबाद। आपने ये सन्नाटा तोडा इसके लिए आप भी बधाई के पात्र हैं।
जवाब देंहटाएंकुछ भी कहें ब्लॉग जैसी जगह इंटरनेट पे नहीं, मुझे तो इसके माध्यम से वो सब कुछ मिला जिसकी इसके बिना कल्पना ही संभव नहीं थी. मैं कहता आया हूँ कि फेसबुक तो दो मिनट में पकने वाले नूडल्स की तरह है जबकि ब्लॉग घर पर बनी सवैयों का मज़ा देता है. अफ़सोस आज के बच्चे, जिन्होंने शायद सैवइय्यों का स्वाद नहीं चखा है, नूडल्स के दीवाने हैं।
मैं ब्लॉग के इन बुरे दिनों में भी इसके साथ चिपका रहा हूँ। अब भी पोस्ट लिखता रहता हूँ ये जानते हुए भी कि इसके पाठकों में अप्रत्याशित कमी आ गयी है. ब्लॉग जगत के सबसे चर्चित लेखक अनूप शुक्ल भी ब्लॉग पर वापस लौटने की घोषणा कर चुके हैं और अब आप ने भी इसी आशय की घोषणा कर डाली है ,याने ये बात पक्की है कि मोदी जी वाले अच्छे दिन अभी आएं न आएं लेकिन ब्लॉग के अच्छे दिन आते नज़र आ रहे हैं।
स्वागतम - सु स्वागतम
नीरज
सही कहा महोदय आपने ।
हटाएंइस्मत दीदी को बहुत सारी बधाई।
जवाब देंहटाएंइत्ता छोटा सा वाक्य.............
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंलीजिये कम शब्दों में बात कहना सीख रही हूँ, फिर भी... :P वैसे सब कुछ तो नीरज जी ने कह दिया था ना। :)
हटाएंइस शुभ सूचना के लिए हार्दिक धन्यवाद, पंकज भाईजी.
जवाब देंहटाएंआदरणीया इस्मत ज़ैदी को पुरस्कृत और सम्मानित होने पर हार्दिक बधाइयाँ..
शुभ-शुभ
इस ब्लॉग पर सन्नाटा मुझे भी खल रहा था. इतने समय के बाद पोस्ट देख कर अच्छा लगा. इस्मत जी को सम्मान के लिए हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंबधाई इस्मत जी को न सिर्फ इस सामान की इसकी तो वो हकदार हैं ही ... बल्कि इस बात की भी की चाहे इसी बहाने से इस ब्लॉग का सन्नाटा तो टूटा .... और इसी बहाने आपको ब्लॉग पर वापस देखा ...
जवाब देंहटाएंइस्मत जी की गजलें हमेशा दिल को छूती हुयी होती हैं ... सामाजिक सरोकार लिए उनका स्तरीय लेखन यकीनन उन्हें इस सामान का हकदार बनाता है ... फिर से बहुत बहुत बधाई और बहुर शुभकामनायें ...
आपकी पोस्ट से लग रहा है की ब्लोगिंग के अच्छे दिन आने वाले हैं अब ... तरही की पुराने दिन भी लौट आयेंगे ऐसी उम्मीद बंधने लगी है ... सभी गुरुकुल के सदस्यों को शुभकामनायें ...
जल्द ही.............
हटाएंभाई इस्मत ज़ैदी जी को बहुत -बहुत बधाई और आपको ब्लागिंग को फिर से जीवन देने के लिए बधाई। लगता है ब्लागिंग के अच्छे दिन आने वाले हैं, मैं स्वयं ब्लागिंग में लौट रही हूँ।
जवाब देंहटाएंइस्मत आपा को बहुत बहुत बधाइयाँ। ब्लॅागिंग का अपना चार्म है। इसीलिये साहित्यम् ने येन-केन प्रकारेण सफ़र ज़ारी रखा हुआ है।
जवाब देंहटाएंइश्मत ज़ैदी जी को इस ब्लॉग पर ही पढ़ा है दिल को छू लेने वाली गजलें कहतीं वो। उन्हें इस सम्मान के लिए बहुत बधाई। आपके ब्लॉग पर गतिविधियों का सिलसिला फिर से शुरू हो रहा है ये मुझ जैसे सीखने वालो के लिए अपार हर्ष की बात है। हमारे लिए तो ऐसा हुआ था, के जी सर मुंडाते ही ओले पड़ गए। जब जानकारी मिली इस ब्लॉग की तो लगभग तभी यँहा सिलसिला रुक गया। हम पुरानी पोस्ट्स ही पढ़ लेते थे, हलाकि वो भी ज्ञान का महासागर हैं,जिससे बहुत कुछ सिखने को मिला। ब्लॉग के लिए नीरज सर सही कहते हैं, ये घर पर बनी सवैयें हैं। इंतजार रहेगा आपकी अगली पोस्ट का।
जवाब देंहटाएंससम्मान
पारुल सिंह
पढ़ा सुखद सन्देश आज यह, मन मयूर है हर्षित प्रतिपल
जवाब देंहटाएंइस्मतजी को मिली प्रतिष्ठा में मेरे भी सुमन मिलायें
आशा है यह दीप जला जो, एक नई दीवाली लाये
इस बगिया में फिर से महकें रुकी हुई मलयजी हवायें
मैं तैयार हूं पढ़ने को .... ईस्मत जी को बधाई
जवाब देंहटाएंईस्मत ज़ैदी जी को बधाई, आपको भी मुबारक बाद .
जवाब देंहटाएंप्रतिक्रयाओं से पता लगता है कि प्रेरणा के बग़ैर कईं काव्य झरणे सूखने लगे थे.
अब तो...........
अच्छे दिन आते हुए लगने लगे
काव्य के ग़ज़लों के सुर सजने लगे
ईसमते ज़ैदी बढी़ वल्लाह ख़ूब
अब्र मायूसी के फिर छंटने लगे
तौड़ दी ख़ामोशी 'पंकज' आपने
आप फिर अच्छे हमें लगने लगे !
=====++++++++++=====
खा के noodles उक्ता गये
फिर सिवैय्या खिला दीजिए
'फेस' तो 'बुक' सभी हो गये
'गीत - धारा' पिला दीजिये
बीता सावन है 'तरही' बिना
प्यारी ग़ज़लें सुना दीजिये.
http://mansooralihashmi.blogspot.in
ISMAT JI KO HARDIK BADHAYI
जवाब देंहटाएंआप सब की ये नेक ख़्वाहिशात और मुबारकबादें मेरे हौसलों को बुलंद करती हैं और मेरे लिये एक बेशक़ीमत ख़ज़ाना हैं
जवाब देंहटाएंजिस के लिये मैं आप सब की तह ए दिल से शुक्र्गुज़ार हूँ
ब्लॉग के सात वर्ष पूर्ण होने पर आपको हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंइस्मत आपा को शिवना सम्मान के लिये चयनित होने पर हार्दिक बधाई।
ब्लॉग जगत की स्थिति सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार में सामान्य है, जब कुछ नया आता है तो बहुत से लोग मोहित होते हैं लेकिन धीरे-धीरे मोहभंग होता है और कुछ लोग ही निरंतर रह पाते हैं। जैसे नीरज भाई जो इसके लिये बधाई के पात्र हैं।
पंकज भाई आपके साथ न तो मोह की स्थिति रही न मोहभंग की; मेरा विश्लेषण तो यही कहता है आपका मुख्य उद्देश्य ग़ज़ल विधा को साझा करने व इसमें सही लोगों की रुचि पैदा करने का रहा है और उसमें आप सफ़ल रहे। इस मंच ने अपेक्षित परिणाम दिये और ऐसे परिणाम दिये कि उनका अनुसरण बहुतों ने किया। आप इसके लिये बधाई के पात्र हैं।
यहॉं जो भी जुड़ा, दिल से जुड़ा और मैं स्वयं सहित सभी को बधाई देता हूँ इस मंच के माध्यम से जुड़ने के लिये। सभी ने मिलकर भौगौलिक दूरियों को प्रभावहीन किया।
एक बार फिर सभी को बधाई।
मैं कुछ देर से आ सका लेकिन अवसर मिलते ही उपस्थित हूँ। नवम्बर के प्रथम सप्ताह तक एक विशिष्ट कर्तव्य पर हूँ जहॉं इतना आनंद है कि इंटरनैट पर मेल तक चैक नहीं कर रहा हूॅं।
जल्द ही हाजिर होता हूँ।
इस्मत जी को बहुत बहुत बधाइ मेरा लिखना तो सच मे छूट गया है कुछ विद्यार्थिओम को डन्डे सेचलाना पडता है मै आलसी उन्हीण मे से हूं1 शुभकामनायें1
जवाब देंहटाएंअरे वाह...अरसे बाद कुछ सुगबुगाहट हुई यहाँ और वो भी इतनी अच्छी खबर के साथ | आपा को करोड़ों बधाई !! ये कारवाँ यूं ही चलता रहे अनवरत अनवरत !!!
जवाब देंहटाएंPankaj Bhai namskaar , kayi dino se internet ki smsya ko jhel rahi , hindi me to typing nahi ho pa rahi ,apni tippni is tarah de rahi
जवाब देंहटाएं.Ismat DIDI ki is smman ke liye hardik badhai :)
आप सभी अपनों की इन पुरख़ुलूस दुआओं और मुबारकबादों का बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंARE....WAAAHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHH
जवाब देंहटाएंYE POST TOH DEKH HI NAHIN PAYE
ISMAT SAHIBA KO BADHAI