छोटे शहरों में उदासी नहीं उत्साह दिखाई देता है- संतोष चौबे
सीहोर । शिवना प्रकाशन द्वारा सुकवि जनार्दन शर्मा, पत्रकार द्वय स्व. ऋषभ गाँधी तथा स्व. अम्बादत्त भारतीय, साहित्यकार स्व. नारायण कासट, कवि स्व. कृष्ण हरि पचौरी, कवि स्व. रमेश हठीला, गीतकार स्व. मोहन राय तथा शायर स्व. कैलाश गुरूस्वामी की स्मृति में आयोजित पुण्य स्मरण संध्या में पैंतीसवा जनार्दन शर्मा सम्मान प्रतिष्ठित कवि श्री महेंद्र गगन को, बाबा भारतीय सम्मान वरिष्ठ पत्रकार श्री सुदीप शुक्ला को तथा रमेश हठीला सम्मान शायर श्री तिलकराज कपूर को प्रदान किया गया।
स्थानीय ब्ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष कहानीकार श्री संतोष चौबे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कहानीकार रेखा कस्तवार, साहित्य अकादमी मप्र से पधारीं नुसरत मेहदी और इलाहाबाद के कवि सौरभ पाण्डेय उपस्थित थे, अध्यक्षता जयपुर के सुप्रसिद्ध शायर श्री नीरज गोस्वामी ने की। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर साहित्यकारों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की । आयोजन समिति संयोजक बसंत दासवानी, प्रकाश व्यास काका, प्रमोद जोशी गुंजन, ओमदीप, रामनारायण ताम्रकार, रमेश गोहिया, हरीश अग्रवाल, डा. साधुराम शर्मा,राममूति शर्मा तथा योगेश राठी, धर्मेन्द्र पाटीदार ने किया। ‘बाबा भारतीय सम्मान’ से सम्मानित पत्रकार श्री सुदीप शुक्ला का परिचय पंकज सुबीर ने, ‘जनार्दन शर्मा सम्मान’ से सम्मानित कवि श्री महेंद्र गगन का परिचय सुप्रसिद्ध कहानीकार श्रीमती रेखा कस्तवार ने तथा ‘रमेश हठीला सम्मान’ से सम्मानित कवि श्री तिलकराज कपूर का परिचय शायर श्री सौरभ पाण्डेय ने दिया। तत्पश्चात तीनों सम्मानित रचनाकारों का सम्मान अतिथियों द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर शिवना प्रकाशन की पुस्तकों ‘डाली मोगरे की’ (ग़ज़ल संग्रह : नीरज गोस्वामी), ‘मैं भी तो हूँ’ (ग़ज़ल संग्रह: नुसरत मेहदी), ‘वैश्विक रचनाकार कुछ मूलभूत जिज्ञासाएँ’ (साक्षात्कार संग्रह : सुधा ओम ढींगरा) का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया ।
अतिथियों ने कैनेडा से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका ‘हिन्दी चेतना’ के नव वर्ष अंक और दिल्ली से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका ‘दूसरी परम्परा’ का भी लोकार्पण इस अवसर पर किया । मुख्य अतिथि श्री संतोष चौबे ने अपने उदबोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजन के दूसरे उदाहरण बहुत मुश्किल से मिलेंगे जहां पर शहर इस प्रकार से अपने साहित्यकारों को याद कर रहा है । उन्होंने इस बात को लेकर सराहना की कि पैंतीस सालों से एक आयोजन को अनवरत किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि छोटे शहरों में साहित्य का माहौल देखने का मिल रहा है मैं शुरु से कहता रहा हूं कि देश के बड़े साहित्यकारों को छोटे शहरों से संवाद बनाए रखना जरुरी है क्योंकि जो प्रतिभा छोटे शहरों में मिलती है उसमें उदासी नहीं उत्साह दिखाई देता है।
कार्यक्रम के अगले चरण में सम्मानित कवियों श्री महेंद्र गगन, श्री तिलकराज कपूर के साथ अतिथि कवियों श्री नीरज गोस्वामी, श्री सौरभ पाण्डेय तथा नुसरत मेहदी ने अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन कहानीकार पंकज सुबीर ने किया । अंत में आभार व्यक्त करते हुए पत्रकार शैलेश तिवारी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में के बुद्धिजीवी, कवि, पत्रकार, साहित्यकार तथा श्रोता उपस्थित थे ।
समाचार संकलन : चंद्रकांत दासवानी
कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. श्री तिलक जी, श्री सौरभ जी और सुश्री नुसरत मेहदी जी को बहुत बहुत बधाई ! कार्यक्रम के सूत्रधार श्री पंकज सुबीर जी को बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंतिलक जी, नीरज जी, सौरभ जी और नुसरत जी को बहुत बहुत बधाई ... पंकज जी का संचालन था तो मज़ा तो आया ही होगा सभी को ... एक एक चित्र इसी बात की पुष्टि कर रहा है ...
जवाब देंहटाएंगुरुकुल के हर सदस्य को बधाई ...
सभी उपस्थित रचनाकारों एवं संचालक जी को बहुत बहुत बधाई कार्यक्रम की अपार सफलता के लिए
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों और आयोजकों को भी बधाई....
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंएक अविस्मरणीय संध्या थी.
जवाब देंहटाएंअपने पूर्वज साहित्यकार-पत्रकारों की सार्थक स्मृतियों को इस शिद्दत से अर्थवान बनाना स्वयं की कोशिशो को कितने-कितने अर्थ देता है, यह उस दिन आयोजन में देख कर अधिक महसूस हुआ.
पंकज भाईजी और उनकी समस्त टीम को मेरी पुनः हार्दिक बधाइयाँ.