होली है होली हैं रंगों वाली होली ।
लो साहब होली आ ही गई । हम कब से कह रहे थे कि भई हमें फोटो भेजों हम होली पर उपाधियां देने जा रहे हैं लेकिन मजाल है जो किसी के कान पर जूं भी रेंगें । खैर जस तस करके हमने कुछ फोटो तो ढूंढे और कविवर श्री रमेश हठीला जी ने उपाधियां देने का काम किया है । केवल एक उपाधी मेरे छात्र सोनू समीर ने दी है रमेश हठीला जी वाली । होली के अवसर पर बुरा मानने का कोई काम नहीं होता । हठीला जो और मैं पिछले दस सालों से स्थानीय समाचार पत्रों में होली की उपाधियां देने का काम करते आ रहे हैं । और उसमें एक ही वाक्य लिखते हैं बुरा मानो तो भाड़ में जाओ , तो यही बात यहां के लिये भी कि
बुरा मानो तो भाड़ में जाओ
होली है भइ होली है रंगों वाली होली है ।
उपाधियां देने में कोई जूनियरिटी सीनियरिटी नहीं है जिस क्रम में लिखा गये हैं उसी क्रम में प्रस्तुत हैं । अगर किसी सीनियर को ये बुरा लगे कि उसका नाम जूनियर के बाद आ रहा है तो ....... ऊपर की लाइनें पढ़ें । जिसका फोटो नहीं लगा है वो स्वयं को कोसे कि उसने फोटो क्यों नहीं भेजा । जिस को भी कुछ भी कहना हो वो श्री हठीला जी को उनके मोबाइल 09977515484 पर फोन लगा कर गालियां दे सकता है इसकी उसे स्वतंत्रता है ।
श्री अनूप जी भार्गव
ईकविता का आपने, परचम रखा है थाम
अमरीका में आपने हिंदी का किया नाम
कभी भारत भी आओ,
काव्य का जाम पिलाओ
कैप्टन संजय चतुर्वेदी
दूर गगन की छांव में, पहरा देते आप,
आती घर की याद जब, लिखते कुछ चुपचाप
आंख कुछ भर आती है,
ग़ज़ल तब हो जाती है
कंचन चौहान
जैसा कंचन नाम है, वैसा लिखतीं आप
ब्लाग जगत पर आपकी कविता छोड़े छाप
कभी बन झांसी रानी,
करे हैं ये मनमानी
सुनीता शानू
निर्यातक ये चाय की अपने हैं बागान
किन्तु कवीता ने किया हिरदय में स्थान
चाय के संग कवीता
जैसे बारूद पलीता
लावण्या शाह जी
बड़ा मृदुल सा नाम है, लिखतीं मीठे गीत
शब्द थिरकते काव्य में, भाव बने मन मीत
कल्पना है सतरंगी,
सुरों की ये सारंगी
शार्दूला नोगजा
सात सुरों में ढाल कर, जब ये गातीं गीत
शरमा करके कोकिला, करती इनसे प्रीत
ये भारत भू की जाया
मगर सिंगापुर भाया
प्रकाश बादल
जैसा कि उपनाम है, वैसा करते काम
सजो सजो कर काव्य के घट भर रहे निष्काम
कविता का कोष सजाते
कवि को दाद दिलाते
शैलेष भारतवासी
हिंदी रग रग में बसी हिंदी इनका धर्म
हिंदी हित के वास्ते करते रहते कर्म
मिलेगा इक दिन रस्ता
चले चलो रफ्ता रफ्ता
विजेंद्र विज
इंद्रधनुष से स्याही ले, देते चित्र उकेर
सात समंदर पार की, तुरत कराते सैर
तूलिका के ये साधक
कल्पना के आराधक
समीर लाल समीर
उड़नतश्तरी बन गये, ये ब्लाग पर यार
दिखने में ऐसे लगें ज्यों यमपुर सरदार
ये हैं शोले के गब्बर
बच्चे छुप जाते डरकर
राकेश खण्डेलवाल जी
कविता सुनकर आपकी, भाभी हो गईं बोर
कौन घड़ी में बंध गई, इन संग जीवन डोर
मायके कब तक जाऊं
पीर मैं किसे सुनाऊं
नीरज गोस्वामी
सबसे हंस कर बोलते, जैसे मस्त मलंग
पहुंची नहीं ठिकाने पे, चिट्ठी ये बेरंग
ग़ज़ल की टांग तोड़ते
श्रोता हैं सर को फोड़ते
बीना टोडी
जोगन मत बन जाना कहीं, है सुश्री जी आप
अब तक तो हर क्षेत्र में आप रही हो टाप
बंग का इन पर रंग है
संग इनके सतसंग है
रविकांत पाण्डेय
वेलेनटाइन डे हुआ, इनके लिये अभिशाप
आ बैल मुझको मार का इनने भरा अलाप
फंस गया ये बैचारा
रोयेगा दिल का मारा
अंकित सफर
टेड़ी मेढ़ी है बहुत यार ग़ज़ल की राह
अच्छा है हो जाये तिरा, इससे जल्द निकाह
मिली नौकरिया जैसे
मिले छोकरिया वैसे
प्रकाश सिंह अर्श
नया नया ये छोकरा, लिख रहा ग़ज़ल ये खूब
धोका इसको दे गया कोई मुआ मेहबूब
हो गया ये दीवाना
ग़ज़ल का है परवाना
वीनस केसरी
यक्ष प्रश्न ये नित करें सदा रहें कन्फ्यूज
ये बजाज का बल्ब है बस केवल है फ्यूज
खोपड़ी प्रश्न भरी है
प्रश्नवाचक गठरी है
दिगम्बर नासवा
देखे हमने आज तक पत्नी जी से त्रस्त
आज दुबई में मिल गया हमको पत्नी भक्त
डोर संग पतंग है भैया
चले चलो छैंया छैंया
योगेंद्र मोदगिल
संचालक बन खोल ली कविता की दूकान
ग़ज़लों से हैं मारते पानीपत मैदान
काव्य की खेती करते
इनसे श्रोता हैं डरते
सजीव सारथी
कैसी ये आवाज की मचा रखी है धूम
बनकर हिंदी सारथी की हिंदी की बूम
मगर थोड़े से सनकी
ब्लाग पर चर्चा इनकी
गौतम राजरिशी
देश के पहरेदार हैं हमको इन पर नाज़
जाने कैसे लग गई इन्हें ग़ज़ल की खाज
छुप के कविता करते हैं
घराली से डरते हैं
अर्चना पंडा
प्रेमचंद का आज तक मोह न पाईं तोड़
ले गईं याद समेट कर मातृभूमि को छोड़
ये हैं वैसी की वैसी
भले ही हईं परदेशी
विशाखा ठाकर
दर्द भरी ये गागरी छलक छलक ये जाए
नैनों से काजल बहा गीत विरह के गाए
मेरा कोई दरद न जाना
दिवानी कहे जमाना
अभिनव चतुर्वेदी
जब से ये पापा बने, हो गए हैं बेहाल
इनके ब्रेन के काव्य ने, कर डाली हड़ताल
सूनो पप्पू के पापा
करो न ऐसे घांपा
योगेश वर्मा
करें बैंक की नौकरी और ग़ज़लों का पाठ
मोदक दोनों हाथ में खूब तुम्हारे ठाट
काव्य की एफ डी कर दो
ग़ज़ल को रिकरिंग में लो
पंकज सुबीर
अरे गुरूजी आपके, उड़ गये सारे बाल
उजड़ चमन सी आपकी, क्यूं दिख रही है टाल
प्रत्यारोपण करवाओ
या फिर नाखून बढ़ाओ
सोनू समीर
नया नया मुल्ला है ये, पढ़ रहा पांच नमाज
जाने कैसे हो गई इसे कोढ़ में खाज
करेला नीम चढ़ा है
कवि ये बहुत बड़ा है
रमेश हठीला
कविता भी कुछ सीख लो, कवि तो बन गये आप
रहते ऐसे संग में ज्यों अस्तीन में सांप
पत्नी का नाम है गंगा
करे जो हरदम दंगा
होली है भई होली है रंगों वाली होली है सभी को होली की शुभकामनाएं
डाल दिए हैं आपने
जवाब देंहटाएंसब पर होली रंग
पढ़ कर सारे डोलते
ज्यूँ पी ली हो भंग
सभी पर मस्ती छायी
चोर सभी, मौसेरे भाई ( बहन )
नीरज
हा हा हा हा हा..... ही ही ही ही ही....... हो हो हो हो हो .....होली है...
dhaanssooooooooooooo
जवाब देंहटाएंhappyyyyyyyyyyyyy
piiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii
holiiiiiiiiiiiiiii
मस्त है !
जवाब देंहटाएंबहुत से नाम छूट गए है। फोटो न भी हो तब भी केवल नाम से उपाधि दी जा सकती, होली पर इतना भाईचारा तो होना ही चाहिए।
सबको होली की शुभकामनाएँ !
अन्नपूर्णा
बुरा तो मान गए
जवाब देंहटाएंकुछ और सुनाओ
सुनेंगे पर भाड़ का पता तो बतलाओ
संवाद सेवा है
विवाद मेवा है
और
गुब्बारे .....
कमेंट लिखा था
जवाब देंहटाएंकहीं खो गया
चार लाईनां हमारी
लूट कर ले गया।
लाजवाब ..... याद रहेगी ये होली सदैव-सदैव हठीला जी के हम सब आभारी हैं....और गुरू जी क्या रंग जमाया है
जवाब देंहटाएंअहा
अहा
होली है भई होली है!! वाह भाई वाह!! वाह खिलाड़ी वाह!! लगे हाथ मैं भी एक दोहा जमा दूँ-
जवाब देंहटाएंहोली के हुड़दंग में खुली सभी की पोल
फ़ाग गा झूमे सजनी बजे मजीरा ढोल
वाह वाह..क्या गुलाल छोड़े हैं रमेश जी ने.. शब्दों से इन्द्रधनुष बनाये हैं..बहुत बहुत बधाई..
जवाब देंहटाएंपंकज जी..व समस्त दोस्तों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं ...
होली है सबको टीप दिया । होली मुबारक
जवाब देंहटाएंअच्छा है बच गये जो हम से पंगा नही लिया :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुदर लगे ब्लागरों के रंग बिरंगे पिक्चर्स .... सबों को होली की ढेरो शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंहोली के त्यौहार पर, मचा गये हुड़दंग
जवाब देंहटाएंहठीला गाना टेरते, सुबीर बजाये मृदंग.
नाचो, जरा सा हट के,
हमारी कमर भी मटके.....
--जय हो, बुरा न मानो..होली है.
होली की मुबारकबाद!!!
एक दम मस्तम मस्त । :)
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को होली मुबारक ।
अरे कल फुरसतिया भी झाँसी की रानी कह रहे थे..!! हे हे हे ...! सचमुच...????
जवाब देंहटाएंबहुत पहले मोहल्ले में ऐसा होता था, फिर कॉलेज में...!
रमेश हठीला जी ने सबको हँसाया, ईश्वर उनकी होल और जिंदगी खुशियों के रंग से सराबोर रखें...!
गुरू जी और गुरुकुल के सभी गुरुभाई/बहनों को होली की शुभकामनाएं
सबने अपनी फोटो ही बन्दर जैसी भेजी थी, या आपने बना डाली.
जवाब देंहटाएंअगर आपने बनाई है तो "अखिल भारतीय मदारी सम्मान २००९" आपको दिया जा रहा है. :)
बुरा मानो तो भाड़ में जाओ.
badhaai ji
जवाब देंहटाएंkhub rang chadhaa hai aap par bhi is masti ke tyohaar ka
उड़नतश्तरी का कमर नहीं कमरा है
जवाब देंहटाएंमटकाया या थिरकाया भी तो आएगा
भूकंप, हठीला जी भी हिलने लगेंगे
और लगायेंगे जम्प
बिना मारे पम्प गुब्बारा फूलेगा
फूल फूल कर कमर कमरा हो लेगा।
हंसे आप, मेरे लिए हंसना मना है।
श्री हठीला जी आदरणीय गुरु जी को सादर प्रणाम,
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह क्या उपाधि मारी है ,,.. मजा आगया इस बार की होली में . अद्भुत... रंगीन होली हो गई मेरी तो... मगर ये मुआ मेरा महबूब है किधर मैं उसे धुंध रहा हूँ.. गुरु जी अगर आपको कहीं मिले तो मुझे इत्तालाह करे,,,... इसके लिए भी एहसान होगा मेरे पे... आपको तथा आपके पुरे परिवार को मेरे तरफ से होली की ढेरो बधाईयाँ और शुभकामनाएं...
बस अंत में ये के ..
दीवाने तो होते है बनाये नहीं जाते...गुरु जी... ग़ज़लों का दीवाना हूँ
आपका
अर्श
virtual holi ho gai kavi ganon ki aaj
जवाब देंहटाएंkisi ko mil gai daad aur mili kisi ko khaj
upadhian badi manohar
sada ko bani dharohar
sabhi ko holi ki hardik shubhkaamnayen. uprokt safal karyakram ke liye dhanyawaad.
Wah Ji ye bhi khoob rahi sabke chhere par rang aur unke liye bahut achhe sateek sher
जवाब देंहटाएंHoli ki subhkamanye
Pankaj ji Aur Hathila ji ko bhi badhayi itni sunder prastuti ke liye
सुबीर जी मजा आ गया आज तो होली का । श्री हठीला जो तो काफी पहुंची हुई चीज नजर आ रहे हैं । सबको धो डाला इन्होंने तो सुपर रिन से । और सबके ये रंग बिरंगे चित्र अहा मजा आ गया । सबसे अच्छी बात तो ये है कि आपने होली की उपाधियां इतनी शालीनता के साथ दी हैं कि किसीको बुरा मानने की बात ही नहीं है । इतना ही ध्यान रख लिया जाये तो क्या बात है
जवाब देंहटाएंवाह मजा आ गया होली के इन रंगो का , होली मुबारक
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं । पंकज जी और हठीला जी की टीम ने रंग जाम दिया ।
जवाब देंहटाएंहठीला जी , पँकज भाई तथा हिन्दी ब्लोग जगत के सभी को इस उल्ल्लासमय रँगोँ के मध्य
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ ...लावण्या
ब्लॉगरों के साथ हठीला जी का होली मनाने का यह तरीका बहुत ही नायाब निकला। भाई बहुत-बहुत शुक्रिया इस इज्जतनवाज़ी के लिए।
जवाब देंहटाएंsundar vichitran...
जवाब देंहटाएंमजा आ गया होली की उपाधियाँ पढ़ कर, किसी कारन वश दुबई से बहार हूँ......पत्नी को अपनी भक्ति का प्रमाण नहीं दे सकता.....पर धन्यवाद और सब को होली की मुबारकबाद
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंसो तो ठीक है.. पर समीर लाल जी के ऊपर रंग कैसे चढ़ाया..
यह अनुसंधान का विषय रहेगा, और समीर भाई लिख तो गये,
कि कमर मटके.. पर मटकाया कैसे होगा, उन्होंनें अपना यह मटका ?
यह तो घोर अनुसंधान का विषय है !
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जवाब देंहटाएंलगता है.. मैं गलत पते पर आ गया ।
होली की पोस्ट, तिस पर टिप्पणी की ज़हमत.
फिर, Your comment will be visible after approval की प्रतीक्षा..
बड़ी दुश्वारियाँ है, अभिव्यक्ति की इस मुक्त दुनिया में !!
सभी पाठको को शुभ होली !
वाह सुबीर जी आपने अपना सबको मान
जवाब देंहटाएंदोहे में ही दुम लगा, छोड़ी सबकी जान
चलाई क्या परिपाटी
खुशी भी खुशी मनाती
हठीला जी को, आपको, और आपके सभी पाठकों को होली की शुभकामनायें :)
सादर शार्दुला(अहा!)
है रमेशजी ने मली अद्भुत रंग गुलाल
जवाब देंहटाएंहुआ विदित फिर आपके कहां खो गये बाल
बुनी भाभी की साड़ी
शेष की बन गई दाढ़ी
----हे हे हे होली की तरंग है न
बहुत बेहतरीन क्या कहना। होली मुबारक हो आप सबको।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन क्या कहना। होली मुबारक हो आप सबको।
जवाब देंहटाएंमेरा प्रणाम हठीला जी और गुरु जी,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे दोहे बनाये हैं........मज़ा आ गया.
होली की शुभकामनायें.
चार वेदों को ज्ञाता बना दिया
जवाब देंहटाएंजो था शुक्ल, चतुर वेदा बना दिया?
बहुत अभिनव है यह प्रयोग
कविता की सफलता का बाप बना दिया!!
>होली की बधाई।
होली ब्लागरों की मचा रही
जवाब देंहटाएंजम कर अब तो हुडदंग
बुरा न मानो तर्ज पर
हुए सभी अब तो बदरंग
अकड़ -पकड़ जब रंग पड़े,
मन में जगी एक उमंग
हम भी पकड़ें, रंग रगड़े
उछल पड़े ले यही तरंग
गिरे धरा पर जब तो पाया
बस एक गधा दे रहा संग
बोला आ बैठ मुझी पर आज
है कितना प्यारा अपना संग
इन्सान मांगता फोटो भैया
फिर करे उन्हें रंगों से बदरंग
कैसी-कैसी वाणी/ शब्दों को फिर
गढे, ले अलंकारिक शैली के ढंग
हम तो दे साथ तुम्हें पल में
अपनापन दिखलाने के संग
बने सवारी कर तुम्हे सवार
ज्यों करे कर बाबा को तंग
दिया मज़ा निश्चल भावों से
पर तुम्हे लगा बुरा ये ढंग
इसीलिए पड़ता तुमको कहना
"बुरा न मानो" होली संग
होली पर हमारी हार्दिक शुभकामनाये .
होली के इस मौके पर खूब बरसाए रंग...
जवाब देंहटाएंझरोखे से शोभित झांके..होकर बिलकुल दंग....
होली के इस मौके का चलो फायदा उठाते हैं...
और पंकजजी के गुरुकुल में अपनी भी अर्जी लगाते हैं...
गुरूजी हम पर भी अब खुशियों की बौछार करो...
होली के इस पावन अवसर पर हमको शिष्य स्वीकार करो....
sach me bahut maza aa gaya...
जवाब देंहटाएंबहुत देर से यहाँ आना हुआ उसका अफसोस रहेगा...
जवाब देंहटाएंसुबीर जी को मेरी ओर से इतने बड़े सम्मान के लिए हार्दिक बधाई और होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ...
आप सबको होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ...
वाह !
जवाब देंहटाएंचहुँ ओर रंग ही रंग.....बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
गुरु जी परनाम
जवाब देंहटाएंअरे बाप रे हम तो बड़ा लेट हो गए ४० टिप्पडी अभी ही दिख रही है अभी तो और भी होगी अप्रूवल के लिए
बहुत ही मजेदार दम छल्ले दोहों से नवाजा गया लोगों को मगर कुछ चेहरे ऐसे भी है जिनको हम पहचानते ही नहीं कोई बात नहीं अब जान पहचान हो जायेगी
रही बात हमारे जिज्ञासू होने की तो गुरु जी हमारे प्रश्न तो अभी भी आपके पास है उनका उत्तर दीजिये तो कुछेक २२-२३ प्रश्न और हैं मेरे पास
ही ही ही बुरा न मानो होली है
होली को शोभा दें ऐसी ही रंगीन कमेंट्स ।
जवाब देंहटाएंwaaw....nice to go through your blog..it is really god comments...
जवाब देंहटाएंby the way which typing tool are you using for typing in Hindi...?
recently i was searching for the same and found "quillapd"...do u use the same...?
heard that it has an option for Rich Text as well as it provides 9 Indian Languages...
will you tell me the performance of this Typing tool..?
www.quillpad.in
keep writing...
Jai Ho.....
Lajawaab Indradhanushi Holi
जवाब देंहटाएंPahle bhi kai dekhein thi
par aisi vo nahin thi.
shubhkamnaon sahit
Devi nangrani
हम तो यहीं बैठ कर सतरंगी होली खेलेंगे.... बोलोजी सारा रा रा सर्रारा
जवाब देंहटाएं