बुधवार, 17 अक्तूबर 2018

शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 3, अंक : 11 त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2018

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeer , कार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar Amjed Khan , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singh के संपादन में शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 3, अंक : 11 त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2018 इस अंक में कुछ यूँ... आवरण कविता / परवीन शाकिर, संपादकीय / शहरयार, व्यंग्य चित्र / काजल कुमार Kajal Kumar , विशेष पुस्तक- मुक्तिबोध का मुक्तिकामी स्वप्नद्रष्टा, रमेश उपाध्याय Ramesh Upadhyaya , समीक्षक : डॉ. राकेश कुमार Rakesh Kumar । पीढ़ियाँ आमने-सामने- इस हमाम में / सूर्यबाला @soorybala , समीक्षक : राहुल देव Rahul Dev। विमर्श- पेड़ ख़ाली नहीं है / नरेन्द्र नागदेव Narendra Nagdev , विमर्श : गोविन्द सेन Govind Sen । शोध-आलेख- नारी अस्मिता का प्रश्न / त्रिशिला तोंडारे @trishila tondare । डायरी- नग्गर - रोरिख़ और प्रणव का नगर, पल्लवी त्रिवेदी Pallavi Trivedi । फ़िल्म समीक्षा के बहाने- मुल्क, संजू / वीरेन्द्र जैन Virendra Jain । पुस्तक चर्चा, हत्यारी सदी में ... / गौतम राजऋषि / मुकेश निर्विकार मुकेश निर्विकार , सतरंगी मन @satrangi man / अरुण लाल Arun Lal / शिल्पा शर्मा @shilpa sharma , वह मुक़ाम कुछ और / अशोक ‘अंजुम’ Ashok Anjum / उदय सिंह ‘अनु Kunwar Uday Singh Anuj ’, शतदल / सुरेश सौरभ @suresh saurabh / डाक्टर मृदुला शुक्ला @mridula shukla । समीक्षा अस्सी घाट का बाँसुरी वाला / डॉ. सीमा शर्मा / तेजेन्द्र सिंह लूथरा @tejendra singh luthra , तुम्हारे जाने के बाद / प्रकाश कान्त Prakash Kant / कृष्णकान्त निलोसे @krishnkant nilose , मदारीपुर जंक्शन / ओम निश्चल Om Nishchal / बालेन्दु द्विवेदी Balendu Dwivedi , जो घर फूँके आपना / मलय जैन Maloy Jain / अरुणेंद्र नाथ वर्मा Arunendra Verma , हैश, टैग और मैं / प्रभाशंकर उपाध्याय @prabhashankar upadhyay / अरुण अर्णव खरे Arun Arnaw Khare , यायावरी...यादों की / @समीर लाल ‘समीर’ Udan Tashtari / नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , झीरम का अधूरा सच / अनिल द्विवेदी @anil dwivedi / कुणाल शुक्ला Kunal Shukla और प्रीति उपाध्याय @priti upadhyay , विज्ञप्ति भर बारिश / सवाई सिंह शेखावत Sawai Singh Shekhawat / ओम नागर Om Nagar , चीड़ के वनों में लगी आग / आशा खत्री ‘लता’ / आशा शैली Asha Shailly , सच, समय और साक्ष्य, थोड़ी यादें, थोड़ी बातें, थोड़ा डर’ / डॉ. रामप्रकाश वर्मा / शैलेन्द्र शरण Shailendra Sharan , कर्फ़्यू लगा है / अशोक गुजराती Ashok Gujarati / प्रकाश पुरोहित @prakash purohit , कहत कबीर / सत्यानंद ‘सत्य’ / डॉ. सुरेश पटेल Suresh Patel , जोकर ज़िन्दाबाद / अरविन्द कुमार खेड़े @arvind kumar khede / शशिकांत सिंह शशि ‘शशि’ @shashikant shashi , मूल्यहीनता का संत्रास / सतीश राठी Satish Rathi / डॉ. लता अग्रवाल DrLata Agrawalgrwal । आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा बब्बल गुरू Babbal Guru , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswami । आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
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1 टिप्पणी:

  1. आदरणीय पंकज सुबीर जी,
    मैंने पहले इमेल देखा फिर आपका ये ब्लॉग ,सोचा दीवाली मुशायरे का मिसरा अब तक दिया जा चुका होगा । इस ब्लॉग पर बिन मुशायरे के दीवाली अधूरी लगेगी । अभी भी 15 दिन बाकी है ,हो सके तो हर बार की तरह इस बार भी आयोजन करवा ही दीजिए । शुक्रिया।

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