अग्रणी साहित्य प्रकाशन संस्था शिवना प्रकाशन तथा मप्र उर्दू अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में सुकवि मोहन राय की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में शिवना प्रकाशन की नई पुस्तकों मोनिका हठीला की एक खुशबू टहलती रही, सीमा गुप्ता की विरह के रंग, मेजर संजय चतुर्वेदी की चाँद पर चाँदनी नहीं होती तथा डॉ. सुधा ओम ढींगरा की पुस्तक धूप से रूठी चाँदनी का विमोचन किया गया साथ ही डॉ आजम को सुकवि मोहन राय स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया ।
स्थानीय कुइया गार्डन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक श्री रमेश सक्सेना, सुकवि स्व. मोहन राय की धर्मपत्नी श्रीमती शशिकला राय सहित पद्मश्री बशीर बद्र, पद्मश्री बेकल उत्साही, डॉ. राहत इन्दौरी तथा मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी की सचिव नुसरत मेहदी सहित सभी शायरों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा सुकवि स्व. मोहन राय के चित्र पर पुष्पाँजलि तथा दीप प्रावलित करके किया ।
सभी अतिथियों का स्वागत संयोजक श्री राजकुमार गुप्ता द्वारा तथा आयोजन प्रमुख श्री पुरुषोत्तम कुइया ने किया ।
शिवना प्रकाशन की नई पुस्तकों का विमोचन सभी अतिथियों द्वारा किया गया ।
विमोचन के पश्चात तीनों उपस्थित लेखकों मोनिका हठीला, सीमा गुप्ता तथा संजय चतुर्वेदी का शिवना प्रकाशन तथा भोजक परिवार भुज द्वारा शाल श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया ।
सुकवि स्व. मोहन राय स्मृति पुरस्कार की घोषणा तथा पुरस्कृत होने वाले कवि डॉ. आजम का संक्षिप्त परिचय चयन समिति की अध्यक्ष तथा स्थानीय महाविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर डॉ. श्रीमती पुष्पा दुबे द्वारा दिया गया।
पंडित शैलेष तिवारी के स्वस्ति वाचन के बीच अतिथियों द्वारा डॉ. आाम को मंगल तिलक कर, शाल श्रीफल, सम्मान पत्र तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर सुकवि स्व. मोहन राय स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि विधायक श्री रमेश सक्सेना जी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि धन्य हैं शिवना के साथी गण जो कि अपने साथी की स्मृति में इतना भव्य आयोजन कर रहे हैं । श्री सक्सेना ने शिवना प्रकाशन के आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा की ।
पद्मश्री डॉ. बशीर बद्र ने कहा कि सीहोर आना हमेशा से ही मेरे लिये आकर्षण का विषय रहता है क्योंकि यहां पर मुझे बहुत प्यार मिलता है ।
नुसरत मेहदी ने अपने संबोधन में कहा कि शिवना प्रकाशन के साथियों ने सीहोर में जो भव्य आयोजन रचा है वैसा कम ही देखने को मिलता है । शिवना प्रकाशन ने सीहोर में आज इतिहास रच दिया है ।
कार्यक्र्रम के सूत्रधार द्वय रमेश हठीला तथा पंकज सुबीर ने सभी अतिथियों को शिवना प्रकाशन की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये
साथ ही कार्यक्रम संचालक श्री प्रदीप एस चौहान को सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया ।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया
शायरों का स्वागत बैज, पुष्पमाला तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर श्री सोनू ठाकुर, विक्की कौशल, सनी गौस्वामी, सुधीर मालवीय, नवेद खान, प्रवीण विश्वकर्मा, प्रकाश अर्श, वीनस केसरी, अंकित सफर, रविकांत पांडे आदि ने किया ।
पद्मश्री बेकल उत्साही, डॉ. राहत इन्दौरी, नुसरत मेहदी, शकील जमाली, खुरशीद हैदर, अख्तर ग्वालियरी, शाकिर रजा, सिकन्दर हयात गड़बड़, अतहर सिरोंजी, सुलेमान मजाा, जिया राना, सुश्री राना जेबा, फारुक अंजुम, काजी मलिक नवेद, ताजुद्दीन ताज, मोनिका हठीला, मेजर संजय चतुर्वेदी, सीमा गुप्ता, डॉ. आाम जैसे शायरों की रचनाओं का कुइया गार्डन में उपस्थित श्रोता रात तीन बजे तक आनंद लेते रहे । डॉ. राहत इन्दौरी, बेकल उत्साही, खुर्शीद हैदर जैसे शायरों की गजलों का श्रोताओं ने खूब आनंद लिया ।
श्रोताओं से खचाखच भरे मैदान पर देर रात तक काव्य रस की वर्षा होती रही । श्रोताओं ने अपने मनपसंद शायरों से खूब फरमाइश कर करके गजलें सुनीं । कार्यक्रम संचालन प्रदीप एस चौहान ने किया अंत में आभार शिवना प्रकाशन के पंकज सुबीर ने किया ।
और अमेरिका में भी हुआ पुस्तक का विमोचन
प्रतिष्ठित पत्रकार, कवयित्री, कहानीकार, उपन्यासकार डॉ. सुधा ओम ढींगरा का नया काव्य संग्रह '' धूप से रूठी चांदनी '' ( शिवना प्रकाशन ) का विमोचन समारोह अमेरिका और भारत में एक साथ हुआ. अमेरिका में हिन्दू भवन (मौरिसविल, नॉर्थ कैरोलाईना) के सांस्कृतिक भवन के भव्य प्रांगण में हिंदी विकास मंडल और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति की नॉर्थ कैरोलाईना शाखा के तत्वावधान में बहुत धूमधाम से संपन्न हुआ. हिंदी विकास मंडल के संरक्षक श्री गंगाधर शर्मा जी ने ज्योति प्रज्जवलित कर कार्यक्रम को आरंभ किया. ६०० से अधिक श्रोतागणों के सम्मुख स्थानीय कवयित्री बिंदु सिंह ने डॉ. सुधा ओम ढींगरा के रचना संसार की झलक लोगों को दी और हिंदी के प्रति उनकी निष्ठां और कार्यों का चित्रात्मक वर्णन किया. उनके काव्य संग्रह '' धूप से रूठी चांदनी '' की कविताओं से श्रोताओं का परिचय करवाया और स्टेज पर श्रीमती सरोज शर्मा (अध्यक्ष हिंदी विकास मंडल ), अफ़रोज़ ताज(प्रोफेसर यू.एन.सी चैपल हिल ), कवि आश कर्ण अटल, कवि महेन्द्र अजनबी और कवि अरुण जैमिनी जी को पुस्तक के विमोचन के लिया बुलाया और आप सब ने ''धूप से रूठी चांदनी'' का विधिवत विमोचन किया. नई नवेली दुल्हन का घूँघट हटाया गया. तीनों कवियों को समृति चिन्ह प्रदान किया गया और उसके बाद फिर शुरू हुआ कवि सम्मलेन. आश कर्ण अटल, महेन्द्र अजनबी और अरुण जैमिनी जी ने हास्य और व्यंग्य के तीरों से श्रोताओं का तीन घंटे खूब मंनोरंजन किया.श्रोतागण उठने को तैयार नहीं थे, पर धन्यवाद और बधाइयों के साथ समरोह का समापन हुआ.
wah..mazaa aa gaya...vimochan samaroh v mushayare ki rapat pad kar....
जवाब देंहटाएंsabhi ko badhai...
"आदरणीय पंकज सुबीर जी का जितना आभार प्रकट किया जाये वो कम रहेगा.....मेरे काव्य संग्रह "विरह के रंग " को इतना बड़ा मंच इतनी महान हस्तियों के बीच प्रदान किया उसके लिए दिल से आभारी रहूंगी......"
जवाब देंहटाएंशिवना प्रकाशन यश मान की सभी ऊँचाइयों को छुकर देश विदेश मे ख्याति की एक नई मीसाल जल्द ही कायम करेगा इन्ही दुआओं के साथ एक बाद फिर इस भव्य सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई.
regards
इतना शानदार आयोजन और इतनी बढ़िया चित्रमय रिपोर्ट.
जवाब देंहटाएंमन प्रसन्नता से झूम उठा, आचार्य सुबीर और अन्य सभी कार्यकर्ताओं को बधाई.
शिवना प्रकाशन की जय हो.
इस भव्य आयोजन की तस्वीरें सीमा जी के ब्लाग्पर भी देखी और यहां विस्तृत विवरण पढकर बडा आनंद आया, बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
प्रणाम गुरु जी,
जवाब देंहटाएंशिवना की पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई, जिन्होंने अपनी मेहनत से इस कार्यक्रम को आगे आने वाले वक़्त के लिए मिसाल बना दिया है. मैं यही दुआ करता हूँ कि आपके और हठीला जी के मार्गदर्शन में शिवना नित नयी बुलंदियों को चूमे.
मैं इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के यादगार लम्हों का एक हिस्सा बना, ये सोचना ही एक रोमांच और गर्व की स्थिति उत्पन्न कर देता है, बशीर बद्र साहेब, बेकल उत्साही साहेब, राहत इन्दोरी साहेब, नुसरत मेहंदी साहिबा जिन्हें अब तक TV पे ही सुना था ना केवल उन्हें सजीव सुना बल्कि उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया.
मेरी ढेरों शुभकामनाएं आदरणीय सुधा जी को, मोनिका दीदी को, सीमा जी को, और मेजर संजय जी को जिनकी पुस्तकों का विमोचन इस मंच से हुआ और शिवना प्रकाशन को तो मुख्या रूप से, जिन्होंने एक साथ इतने बड़े पैमाने पे रखते हुए इस कार्य को बहुत ही सुन्दर और आसानी से उसके मूर्त रूप में पहुँचाया.
मैं रिपोर्ट पढ़ कर ही रोमांचित हूँ तो जिन लोगों को उनके साथ होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ होगा वो कितने भाग्यशाली होंगे.. वैसे श्री बशीर बद्र साब के साथ मेरा एक बहुत करीबी किस्सा जुड़ा है..
जवाब देंहटाएंगुरु जी प्रणाम,
जवाब देंहटाएंएक यादगार मुशायरे के आयोजन के लिए आपको, श्री हठीला जी को, शिवना समूह व उर्दू समिति को ह्रदय से बधाई
अपने मुझे इस यादगार पल का हिस्सा बनाने का सौभाग्य प्रदान किया
मुझे श्रद्धेय बेकल उत्साही जी , श्रद्धेय बशीर बद्र जी, राहत इन्दौरी जी,श्री हठीला जी का और आपका साक्षात दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त हुआ,,
अविभूत हूँ
इस बीच के ९६ घंटे का एक एक पल मेरे जीवन के सबसे रोमांचकारी और यादगार पल हो गये,, ये चार दिन मेरी जिंदगी के सबसे खुशनुमा दिन हैं
आदरणीय सुधा जी को, मेजर संजय जी, मोनिका जी, और सीमा जी के लिए भी यह एक महान उपलब्धि है,, आप सभी को भी हार्दिक बधाई व भविष्य के लिए अपार शुभकामनाएं
गुरु देव को सादर प्रणाम ,
जवाब देंहटाएंशिवना प्रकाशन जिस तरह से कदम दर कदम नित नई उचाईओं को छू रही है , दूसरों के लिए रश्क की बात होती जा रही होगी , दुआएं और कामनाएं हैं के ये ऐसे ही बढती जाये ! मेजर चतुर्वेदी, बहन मोनिका हठीला , सीमा गुप्ता जी , और बड़ी दीदी आदनिया सुधा ढींगरा जी को बहुत बहुत बधाई इस कामयाब पुस्तक विमोचन के लिए ... मैं तो ये कहूँगा के शिवना प्रकाशन के अथक प्रयास से ही ये संभव हुआ है के इन सभी के किताबों के विमोचन उन कर कमलों के द्वारा किया गया है जिनके बारे में बड़े से बड़े लोग सिर्फ सोच कर ही रह जाते हैं या फिर उनके सपने में ही बातें होती है.! और ये मेरे लिए भी है , मेरे सबसे चहेते शाईर डा . बशीर बद्र से मिलना मेरे लिए सपने का सच होने जैसा है हमेशा ही मैं सोचता था के न जाने कब उनसे मुलाकात होगी और मुझे उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा मगर ये सच हुआ और वो भी मेरे साहित्य की पाक जमीन सीहोर में , बद्र साहिब के साथ गुर गया हर लम्हा मेरे लिए खाब को हकीकत में जीने जैसा था और ये सब मुमकिन गुरु देव के कठिन प्रयास से ही हुआ !
शिवना प्रकाशन और उर्दू अकादमी के संयुक्त प्रयास से जो अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया था वो अपने आप में एक मिल का पत्थर साबित हुआ है ! जिन मंच के उस्ताद शाईर को बस पढ़ते और दूर से सुनते आये थे उनसे मिलना सच में सुखद अनुभूति है हकीकत के लिए !जनाब बेकल उत्साही , जनाब रहत इन्दोरी, नुसरत मेहंदी साहिबा जिनकी दुनिया दीवानी है सुनने के लिए... जिस ख़ुशी को मैं महसूस कर रहा हूँ वो शब्दों में कैसे लिखूं समझ नहीं पा रहा .... गुरु जी के चरणों में रहे और बीते हर समय को जिया है मैंने सच कहूँ तो .... सभी तो थे गुरु कुल का सारा परिवार तो था मगर अपने बहन कंचन और भाई गौतम जी की कमी हमेशा ही खली है वहाँ पर .... आदरणीया रमेश हठीला जी को भी सलाम कितने सदा दिल इंसान हैं वो बस कमाल के हैं वो इंसान , वो बाटी और दाल उफ्फ्फ्फफ्फ़
फिर से आना होगा अपनी बातों को कहने के लिए जैसे जैसे लिखने की सूरत में होऊंगा ... पारी और पंखुरी से मिलाना भी अजीब सुखद संयोग था .... दोनों को खूब प्यार और आशीर्वाद ..
शिवना प्रकाशन को फिर से ढेरो दुआएं भविष्य के लिए ...
आपका
अर्श
गुरूजी,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
इस रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहा था. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
कुछ विडियो भी हों तो और भी अच्छा हो.
-राजीव
बहुय बहुत भव्य आयोजन..आनन्द आ गया विस्तार से ब्यौरा प्राप्त कर एवं चित्र देखकर.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई, अनेक शुभकामनाएँ. ऐसे ही वृहद आयोजन करते रहें.
विडियो देखने सुनने का मन है.
ITNA BHAVYA AAYOJAN ! WAH KYA BAAT
जवाब देंहटाएंHAI !! BADHAAEE AUR SHUBH KAMANA.
Is sunder ayogan evam Shivna Prakashan dwara Pustakon ka vimochan -Bahut bahut badhayi.AB shivna prakashan ka parchan USA mein fahra raha hai. aur Pravasi aur apravasi sahitya bhi kuch yoon ghul mil raha hai. Bahut bahut badhayi aur shubhkamnayein.
जवाब देंहटाएंSudhaji, Sanjay ji, Monika ji aapko Is rachnatmak Oorja aur adbhut anubhution ke liye bahut bahut badhayi.Shivna Prakadhan ko shubhkamnayein.
जवाब देंहटाएंभव्य समारोह..पुस्तक विमोचन से साथ साथ मुशायरा और उपर से बड़े बड़े शायरों की उपस्थिति ..एक अविस्मरणीय क्षण...सुंदर विवरण..पंकज जी प्रस्तुतिकरण के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंमा सरस्वती की क्रपा आप पर सदा बनी रहे
जवाब देंहटाएंऐसे
जवाब देंहटाएंभव्य
और
दिव्य आयोजन पर
मेरी तरफ से ढेरों बधाई .
सीहोर, जिसे जिला मुख्यालय होते हुए भी अभी तक भोपाल के निकट एक कस्बा ही माना जाता है, की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तो आप कायम कर ही चुके हैं। इस सफ़ल आयोजन से यह पहचान और पुष्ट होगी, विशेषकर साहित्यधर्मी पाठकों में। बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंगुरु जी प्रणाम...और हार्दिक बधाई!
जवाब देंहटाएंजाने कितनी मेहनत और लगन लगी होगी इन सब को ये सफल रूप देने में ये आप ही जानते हैं सुबीर भैया... मैं तो सोच भी नहीं सकती...आपकी निष्ठा को हार्दिक अभिनन्दन. सुधा दीदी और अन्य लेखकों को हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंसादर शार्दुला
बस मन-मसोस कर रह गया हूँ...
जवाब देंहटाएंभव्य आयोजन और मुख्य बात तो इन उम्दा रचना कारों की पुस्तक का शानदार विमोचन होना फिर मुशायरा
जवाब देंहटाएंसीहोर शहर अब इंटरनेट के माध्यम से साहित्य का केंद्र बन गया है और उसका सम्पूर्ण श्रेय आपके इन
रुचिकर प्रयासों को दिया जाएगा पंकज भाई .........सभी को बहुत बहुत मुबारक हो !
सादर स स्नेह,
- लावण्या
sab ko bahut bahut badhai post dekh kar bahut khushi huyee magar is baat kaa afsos raha ki mai is me shamil nahin ho payee. bhagavan kare shivana parakashan aur unati kare bahut bahut aasheervaad
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