कल ही काम को पूरा करके बैठा हूं और आज दिल्ली जाना हो रहा है । रामधारी सिंह दिनकर जी की स्मृति में आयोजित होने वाले आयोजन में । आयोजन के अंतिम सत्र में कवि सम्मेलन आयोजित होता है । उसी में भाग लेने के लिये जा रहा हूं । आप सब भी पधारिये । दादा गोपाल दास नीरज जी को सुनने के लिये ।
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दादा नीरज जी को सुनना तो सच में एक विलक्षण अनुभव होता है। कवि-सम्मेलन के विस्तृत विवरण का इंतज़ार रहेगा। यात्रा मंगलमय हो।
जवाब देंहटाएंसफलतम काव्यपाठ के लिए हार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंआपकी यात्रा यशस्वी हो..........
जय माता दी........
मन मसोस कर रह गये हैं गुरूदेव हम तो...आपको और नीरज को सुनने का ऐसा दुर्लभ अवसर...आह!
जवाब देंहटाएंऔर तस्वीर ने सम्मोहित कर दिया है।
गुरु देव को सादर प्रणाम,
जवाब देंहटाएंबहुत दुःख हो रहा है के ये सुनहरा मौका जिसमे आपको और दादा नीरज को एक साथ सुनाने का मौका मिलता मेरे हाथ से जा रहा है .. बहुत ही दुःख हो रहा है मुझे , कुछ असामयीक परेशानियों के चलते वरना पता नहीं मैंने क्या गुनाह किया था ... खैर ये तो लाइफ में चलता रहता है ...
आपका कार्यक्रम ..
दिल्ली के मावलंकर हॉल में रविवार सायं को ६-९ है ..
.. विशेष रिपोर्ट के इंतज़ार में रहूँगा... नवरात्र की शुभकामनाओं के साथ ...
आपका
अर्श
शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंगुरुदेव,
जवाब देंहटाएंबेसब्री से इस कविसम्मेलन की शानदार कविताओं का आपके ब्लॉग पर इन्तजार किया जारहा है.
नव रात्र पर - जय माता दी !
जवाब देंहटाएंआ . नीरज जी को ,
मेरी ओर से ,
ख़ास सादर नमस्ते कहियेगा
और ये भी अवश्य कहना के
" मैं उनके गीतों की प्रसंशिका हूँ !!
आप के गीत भी रंग जमायेंगें
इस पर पूरा भरोसा है -
भाई प्रकाश जी से सहमत -
आगे,
आपके इस सुन्दर जालघर पर ,
काव्य पाठ के लिंक्स सुन पायें
ऐसा करीयेगा - प्रतीक्षा रहेगी !
सादर स स्नेह,
आपकी बहन,
- लावण्या
प्रणाम गुरु जी,
जवाब देंहटाएंथोडी बहुत जानकारी तो आपसे फ़ोन पे मिल गयी है, विस्तृत पोस्ट का इंतज़ार है साथ में आपकी कही गयी ग़ज़लों और कविताओं सहित.
मुझसे आपकी ये पोस्ट कैसे मिस हो गयी...सोचे ही जा रहा हूँ ...जवाब नहीं मिल रहा...अब तो आप वापस आ गए हैं...इंतज़ार है पूरे कार्यक्रम की जानकारी का...और हाँ आप कुरते पायजामे में -ओये तेरा क्या कहना- टाईप के लग रहे हैं...चश्मे बद्दूर...
जवाब देंहटाएंनीरज