लगभग एक माह की अनुपस्थिति लग गई है । इस बीच काफी व्यस्तता रही । अब प्रोजेक्ट पूरा हो गया है और सबमिट भी कर दिया है तो आज सबसे पहले तो उन सारे लोगों से क्षमा जिनके पत्रों का उत्तर समय पर नहीं दे पाया । वे सारे ब्लाग जिन पर नियमित रूप से कमेंट करता था, उन पर कमेंट नहीं कर पाया, उनसे भी क्षमा । कई सारे लोगों से सम्पर्क नहीं रख पाया उनसे भी क्षमा । सबसे क्षमा । बस एक बात को संतोष है कि जो प्रोजेक्ट हाथ में लिया था उसको ठीक समय पर और ठीक तरीके से कर पाया । अब आगे जो कुछ भी होना है वो भविष्य के गर्भ में हैं । मैंने अपने हिस्से का काम कर दिया और अब आप सब की दुआओं और आशिर्वादों को उनके हिस्से का काम करना है । दूर रहना सचमुच ही पीड़ादायी होता है । और उस पर भी जब रोज ब्लागों को देखता था, मेल देखता था और उन पर कमेंट नहीं कर पाता था तो कसमसा कर रह जाता था । पर मैंने अपने पर बंदिश लगा कर रखी थी अर्जुन और चिडि़या की आंख वाली कहानी की तरह । उसी प्रकार से एकाग्र होकर काम करने की कोशिश तो की है लेकिन वही बात है कि अब कितना सफल रहा ये समय ही बतायेगा ।
अब सब ठीक है : बुधवार की रात को जब वो समाचार मिला तो एक बारगी तो यूं लगा कि शरीर ही सुन्न हो गया है । देर रात तक उस समाचार की सत्यता के लिये न्यूज चैनल देखता रहा लेकिन वहां कुछ नहीं था । खबर थी कि सीमा पर आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कुछ जवान शहीद हो गये हैं । ( भारतीय फौज की मर्यादाओं तथा किसी की सुरक्षा के चलते मैं समाचार को खोलकर नहीं लिख रहा हूं । । कंचन का जब फोन आया तो वो भी रो रही थी । कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये । देर रात 4 बजे कंचन का ही एसएमएस आया कि पता चला है गोली लगी है हाथ तथा पैर में, फिलहाल आइसीयू में है । गुरूवार को इधर उधर के सूत्र हिलाने पर ज्ञात हुआ की स्वास्थ्य ठीक है किन्तु फिलहाल आइसीयू में ही है । इश्वर से उसके जल्द ठीक होने की कामना करते हैं । और अभी पोस्ट लिखते लिखते ही उससे बात भी हो गई है ।
बहरे मुतदारिक : बहरे मुतदारिक को यदि मैं अपनी सबसे पसंदीदा बहर कहूं तो शायद ठीक रहेगा । मेरे जैसे गलेबाज शायर जिनकी शायरी में तो दम नहीं होता लेकिन आवाज़ की पटरी पर ग़ज़ल को दौड़ा देते हैं, उनको गाई जा सकने वाली सारी बहरें पसंद आती हैं । अब जैसे इस बहर की ही बात करें बहरे मुतदारिक । इसका स्थाई रुक्न है 212 या फाएलुन । इसकी भी सालिम मुझे बहुत पसंद है । सालिम मुसमन जिसमें चार बार स्थाई की आवृत्ति होती है । 212-212-212-212 फाएलुन-फाएलुन-फाएलुन-फाएलुन । कई सारे गीत और ग़ज़लें हैं जो मुझे बहुत पसंद हैं किन्तु फिल्म गमन की वो अनोखी ग़ज़ल आपकी याद आती रही रात भर वो तो बहुत ही पसंद है । और गीत वैसा हो भी क्यों नहीं उससे जुड़े नाम भी तो वैसे ही थे मखदूम मोइनुद्दीन की शायरी, जयदेव जी का संगीत, छाया गांगुली का काट देने वाला स्वर, मुजफ्फर अली का निर्देशन और क्या चाहिये । उस पर फिल्मी परदे की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्री स्मिता पाटिल । वैसे इस ग़ज़ल को कई लोगों ने गाया है । आबिदा परवीन ने, अहमद जहां ने । लेकिन मुझे पाकिस्तानी सुगम गायिका टीना सानी की आवाज़ में ये ग़ज़ल सबसे अच्छी लगती है ये ग़ज़ल । उसके पीछे एक कारण ये हो सकता है कि मुझे टीना सानी की आवाज़ बहुत पसंद है विशेषकर उस गीत में गर्म सूरज की तपिश आई घटा से मुझको में । खैर टीना सानी की बात फिर कभी । अभी तो बात हो रही है बहरे मुतदारिक की । मुतदारिक को हम बहुत उपयोग करते हैं । बहुत से कवि भी इस पर गीत लिखते हैं । जैसे कवियित्री अनु शर्मा सपन का एक शेर मुझे बहुत पसंद है जिंदा रहना है तो जिंदगी से लड़ो, आसमां से नहीं रोटियां आएंगी ।
खैर तो अब तक तो आप ये समझ ही गए होंगे कि इस बार हम तरही के साथ साथ बहरे मुतदारिक के रहस्य खोलेंगे । कई लोगों ने कहा कि मैं बहर के लिये फिल्मी गीत दूं । मैंने भी एक बार सोचा । लेकिन फिर लगा कि लोग मेहनत करके जो लिखेंगें वो किसी फिल्मी गीत की पैरोडी ही कहलाएगी । कम से कम ऐसा तो हो जो उनका अपना हो जाए । उसी कारण मैंने किसी ग़ज़ल का मिसरा देने के बजाय यूं ही बनाया हुआ मिसरा देना प्रारम्भ किया है । इस बार चूंकि दीपावली का तरही मुशायरा होना है तो मिसरा भी वैसा ही बनाया है ।
बहर - वही है मुतदारिक मुसमन सालिम । 212-212-212-212
काफिया – आते
रदीफ - रहें
समय बहुत कम है इसलिये जल्दी करें । दीपावली की व्यस्तता भी होनी है । बाकी आपको कोई गाना या ग़ज़ल याद आये इस बहर पर तो बतायें । चलिये मिलते हैं अगले अंक में बहरे मुतदारिक की और बातें लेकर । और दिल्ली के कार्यक्रम की जानाकरी लेकर ।
गुरूजी,
जवाब देंहटाएंसच कहूं तो आपकी इस पोस्ट ने बहुत राहत दी है। एक तो आपका पुनः सक्रिय होना हमारे लिये किसी उत्सव से कम नहीं है, दूसरे ये जानकर कि घायल फ़ौजी अभी ठीक हैं और आपसे बात भी हो चुकी है। ईश्वर ने कुछ लोगों को नास्तिक होने से बचा लिया। आखिर सबकी दुआयें गर कारगर न हों तो उस पर कौन भरोसा करेगा!
टीना सानी को पहली बार सुना और उनका फ़ैन हो गया। मुतदारिक के उदाहरण बाद में देता हूं, होमवर्क नोट कर लिया।
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जवाब देंहटाएंआप आये बहार आयी...ग़ज़ल पर काम करने की कोशिश की जायेगी....मिसरा बहुत दमदार है... टीना सानी का नाम मैंने कभी नहीं सुना...अपने अल्प ज्ञान को जग जाहिर कर रहा हूँ लेकिन जो सत्य है वो है...नहीं सुना तो नहीं सुना...छुपाने से भी क्या होगा...आपने उन्हें कब और कैसे सुना ये बताएं...
जवाब देंहटाएंअब आप आ गए हैं तो आपके यहाँ ज्ञान की गंगा बहती रहेगी और हम डुबकियां लगाने आते रहेंगे...
नीरज
बहुत दिन बाद आप दिखे. अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंमेजर गौतक के स्वास्थय सुधार के बारे में जानकर राहत मिली.
टंकण त्रुटि:
जवाब देंहटाएंमेजर गौतक = मेजर गौतम
मेजर गौतम के स्वास्थ्य सुधार के बारे मे जान कर बहुत राहत मिली उनकी जल्दी रिकवरी और लन्बी आयू के लिये भगवान से दुया मांगते हैं आपको कई दिन बाद ब्लाग पर देख कर बहुत खुशी हुयी धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंचिरंजीव गौतम के घायल होने की खबर पढ़कर दिल
जवाब देंहटाएंबहुत दुखी हुआ. मेजर गौतम बड़े दृढ़ संकल्प और इच्छा-शक्ति के असाधारण व्यक्ति हैं. ऐसे व्यक्तियों के सामने इस प्रकार के संकट अल्प सामयिक होते हैं.
आप से यह खबर पढ़कर कुछ राहत मिली कि गौतम की हालत अब सुधार पर है.
परम परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि हमारे देश के रक्षक इस नव-युवक को शीघ्र ही स्वास्थ्यलाभ और दीर्घ आयु दें.
आपकी post से सच में raahat मिली है .......... मैं मिला हूँ मेजर गौतम से .... बार बार unka chehra saamne आ रहा है ...... उनकी शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना है ..........
जवाब देंहटाएंगुरूवर,
जवाब देंहटाएंईश्वर से यही प्रार्थना है कि मेजर साहब जल्दी ही पूर्ण स्वस्थ होकर हमारे बीच गज़लों की बगिया आबाद करें।
तरही मुशायरे के लिये मिसरा बहुत ही अच्छा है, आशा है बहुत उम्दा गज़लों की दावत होगी इस बार।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
MAJOR GAUTAM SAINIK HAIN AUR KAVI
जवाब देंहटाएंBHEE.ABHEE HAMEN UNKE BAHUT SE
JALVE DEKHNE HAIN.VE JALD SE JALD
SWASTH HON,ISHWAR SE PRARTHNA HAI.
आपको वापिस ब्लॉग पर देखकर सुकून महसूस हुआ। मेजर गौतम के स्वास्थ्य के बारे में जानकर सुखद लगा।
जवाब देंहटाएंपंकजजी
जवाब देंहटाएंआपके व्यस्त समय की दरियादिली पर मन आनन्दित हुआ और गौतम जी के विषय में जानकर भी. इधर पिछले कई दिनों से मैं भी व्यस्तता के कारण लेखन और ओपाठन दोनों में ही अनियमित रहा हूँ.
गौतमजी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये मंगल कामना
गौतमजी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की मघंलकामना और इष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
जवाब देंहटाएंगौतम राजरिशी ने ये कमेंट एसएमएस से भेजा है
जवाब देंहटाएंठीक हूं सर । दर्द कम है । इन्फेक्शन का पता एक हफ्ते बाद चलेगा । आपको, भाभी मां को और परी पंखुरी को विजया दशमी की समस्त शुभकामनाएं । ब्लाग पढ़ा है, मोबाइल पे है । तरही का मिसरा बेहद खूबसूरत है सर। रहें रदीफ कुछ मुश्किल पैदा करेगा दो गाने जो अभी याद आते हैं इस बहर पे 'छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिये ' और एक मेरा फेवरेट देश भक्ति गीत ' ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम । मेरे एसएमएस को कमेंट में डाल देना गुरूजी ।
प्रणाम गुरु जी,
जवाब देंहटाएंगौतम भैय्या के जल्द ही स्वस्थ होने की कामना करता हूँ.
बहरे मुतदारिक पे जो ग़ज़ल मुझे याद आ रही है वो है जगजीत सिंह साहेब की गाई हुई जिसमे दो हुस्न-ए-मतला हैं एक तो वसीम बरेलवी साहेब का है और दूसरा पता नहीं.
"आपको देखकर देखता रह गया. क्या कहूं कहने को और क्या रह गया. उसके होठों पे कुछ कापता रह गया. आते आते मेरा नाम सा रह गया."
जल्द ही तेहरी के लिए ग़ज़ल भेजने की कोशिश करूँगा.