गुरुवार, 1 जनवरी 2009

मुंबई के शहीदों और भारतीय सेना को समर्पित एक कवि सम्‍मेलन

सीहोर की हिंदू उत्‍सव समिति वैसे तो कई काम अच्‍छे करती है वो क्रिसमस पर चर्च में जाकर शुभकामनायें देती है ईद पर ईदगाह पर जाकर शुभकामनायें देती है । गुरूद्वारे पर जाकर मत्‍था टेकती है । अर्थात वो केवल नाम की ही हिंदू उत्‍सव समिति है । वरना तो वो सारे धर्मों के सारे त्‍यौहारों और उत्‍सवों का आयोजन करती है । दूसरी महत्‍वपूर्ण बात ये है कि समिति के लोग सांप्रदायकि तनाव की स्थिति में सबसे पहले पहुंच कर नियंत्रण करने का काम भी करते हैं । ऐसी समिति का आयोजन सफल तो होना ही  था । चलिये आज उस आयोजन की चित्रमय झांकी हो जाये और फिर आगे हो सका तो रपट भी देने का प्रयास करता हूं ।

 

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पूरा का पूरा मैदान खचाखच भरा हुआ था लोगों से

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पंकज सुबीर का काव्‍य पाठ

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हजारी लाल हवालदार का काव्‍य पाठ

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शबाना शबनम का काव्‍य पाठ 

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पंकज सुबीर का काव्‍य पाठ 

10 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा लगा सीहोर की हि्दू उत्सव समिति के कार्यों के बारे में जानकर। नफ़रत के दौर में प्यार का पैगाम देना स्तुत्य है। चित्रमय प्रस्तुति ने तो प्यास और बढ़ा दी है। रिपोर्ट का इंतजार रहेगा।

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  2. चित्र तो देख लिए मन प्रसन्न हुआ लेकिन उन्होंने क्या पढ़ा ये भी तो सुनाईये या पढ़ईये...
    नीरज

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  3. मन प्रसन्न हुआ, अच्छा लगा . सीहोर aakar milnaa yaadgaar rahaa

    nayaa saal mubaarak ho

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  4. तस्वीरें देख आश्चर्य चकित हूं कि अभी इतनी भीड़ इकट्ठी हो जाती है कविता के नाम पर....
    धन्य है सीहोर के लोग...
    आपकी शुभकामनाओं से बल मिला है गुरू जी..

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  5. पँकज भाई लगता है सीहोर मेँ ठँड बहुत थी
    -और लोग भी बहुत पधारे -
    सभी को इत्ते अच्छे प्रयासोँ के लिये कहना ही है
    "जारी रखेँ ऐसा ही सद्`भाव "-
    और २००९ नया वर्ष सुख शाँति कायम करे
    आपको सपरिवार शुभकामनाएँ
    - लावण्या

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  6. प्रणाम गुरु जी,
    लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है और बता रहा है की कितना सुंदर काव्य पाठ हुआ होगा.
    आपकी रिपोर्ट के इंतज़ार में..............

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  7. बहुत सुन्दर.
    कभी हमारे शब्द-सृजन (www.kkyadav.blogspot.com) पर भी आयें.

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  8. guru ji pranaam
    jaisa ki apechchit tha
    bahut sundar aayojan

    aapka venus kesari

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  9. सुबीर जी आपकी ग़ज़ल और कविता सुनी. आपके विचार भी पढ़े .साहित्य की समझ पर पकड़ है आपकी .अपने अंचल के समर्थ कलमकारों को आगे बढता देख और अच्छा लिखते देखकर खुशी होती है .समय हो तो मुंबई हमले से उद्वेलित होकर लिखे मेरे गीत पर भी अपनी बेबाक राय दे तो उपकार होगा

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