बुधवार, 11 फ़रवरी 2015

होली के लिए तरही मिसरा और विश्‍व पुस्‍तक मेले के अवसर पर आप सबका स्‍वागत है । आप आइये और सहभागी बनिये इस ब्‍लॉग के ऑफिशियल स्‍टॉल क्रमांक 288 का हॉल क्रमांक 12ए में।

होली के तरही मिसरे को लेकर बहुत भागदौड़ के बीच काम हुआ है और अंत में जो बना है वो यह है।

मैं रंग मुहब्‍बत का, थोड़ा सा लगा दूं तो..?

बहर तो आसान है आप लोग समझ ही गए होंगे। बस ये कि मिसरे में दो स्‍पष्‍ट टुकड़े होना चाहिए। काफिया है 'लगा' में आने वाली 'आ' की मात्रा। और रदीफ है 'दूं तो…?' । बस बहर को लेकर सावधानी रखनी है। होली है इस बार मार्च के पहले सप्‍ताह में, तो फरवरी के अंतिम सप्‍ताह तक अपनी ग़ज़ल भेज दीजिए। क्‍योंकि होली का मुशायरा केवल तीन या चार दिन ही चलना है इसलिए समय से आई हुई ग़ज़लों को स्‍थान मिल जाएगा।

मित्रों विश्‍व पुस्‍तक मेले में आप सब से मिलने का असवर सामने है। आप सब आइये और वहां अपनी  सहभागिता दर्ज करवाइये क्‍योंकि वो आप सब का ही स्‍टॉल है। वह सुबीर संवाद सेवा का भी अधिकारिक स्‍टॉल है ।

SCHEDULE NEW

8 टिप्‍पणियां:

  1. शिवना प्रकाशन एवं सभी लेखकों को बधाई और शुभकामनायें।

    होली का मिसरा नोट कर लिया है, अब देखना है कि ग़ज़ल हो पाती है या नहीं।

    जवाब देंहटाएं
  2. आना तो नहीं हो सकेगा, परन्तु आप सब को हार्दिक बधाई!
    आप सब को हार्दिक शुभकामनाएं कि लोग आपकी किताब को खूब पढ़ें, सराहें और याद रखें!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बहुत शुभकामनायें। प्रकाशित लेखकों को बधाई। 21 या 22 का प्रयास रहेगा।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बहुत शुभकामनायें। प्रकाशित लेखकों को बधाई। 21 या 22 का प्रयास रहेगा।

    जवाब देंहटाएं
  5. गुरूजी बह्र पहचान नहीं पाया..२२११२२२२२११२२२

    जवाब देंहटाएं
  6. मुझे भी यही अरकान समझ आये:
    मफ़ऊलु मफ़ाईलुन् मफ़ऊलु मफ़ाईलुन्
    221 1222 221 1222

    जवाब देंहटाएं
  7. शिवना को पुस्तक मेले के लियें सभी लेखकों सहित अनन्य शुभकामनायें.
    तरही के मिसरे ने पुरानी धुनें याद दिला दीं:

    https://www.youtube.com/watch?v=vBTcsTd2kF0

    जवाब देंहटाएं

परिवार