tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post8106003832637265302..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: आज हमारे यहां होती है रूप चतुर्दशी, तो आइये आज सुनते हैं लावण्या दीपक शाह जी, सुधा ओम ढींगरा जी, इस्मत ज़ैदी जी और डिम्पल सिरोही की ग़ज़लें।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-71987284776069357932014-10-29T01:28:52.747+05:302014-10-29T01:28:52.747+05:30Ati hoonAti hoonनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-80961997411224271062014-10-29T00:39:47.609+05:302014-10-29T00:39:47.609+05:30सुबीर भाई इस्मत जी को पढ़ा तो क्यों हमारे प्रेम पर...सुबीर भाई इस्मत जी को पढ़ा तो क्यों हमारे प्रेम पर प्रस्फं चिन्ह। मई समय नहीं निकाल पा रही। इधर आ कर बी पी हाई हो गया। मुश्किल में हूँ। सब को बधाई। पढ़ नही पाई सब को फिर आऊंगी पढ़ने।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-52057196668550081442014-10-29T00:35:10.911+05:302014-10-29T00:35:10.911+05:30Ati hoonAti hoonनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-8839092586482207972014-10-28T11:30:08.030+05:302014-10-28T11:30:08.030+05:30सुलभ जी के शानदार मुक्तक से शुरुआत हुई है। "ज...सुलभ जी के शानदार मुक्तक से शुरुआत हुई है। "जो मुश्किलों में भी...." कहकर उन्होंने रंग जमा दिया। <br /><br />लावण्या जी के गीत ने पोस्ट को नई ऊँचाई दी है। "हरेक पल को ही दीपावली...." क्या बात है।<br /><br />सुधा जी ने शानदार अश’आर से सजी ग़ज़ल कही है। "घना अँधेरा..." और "ये नफ़रतों का अँधेरा....." जैसे कमाल के अश’आर कहे हैं उन्होंने। दाद हाज़िर है।<br /><br />इस्मत जी की तो पूरी ग़ज़ल ही लाजवाब है। किस शे’र को कोट करूँ किस को छोड़ूँ। इनकी ग़ज़ल ने मुशायरे में चार चाँद लगा रही है। दिली दाद हाज़िर है।<br /><br />डिम्पल जी पहली बार आई हैं उनका सुबीर संवाद सेवा परिवार में बहुत बहुत स्वागत है। लेकिन उनकी ग़ज़ल देखकर नहीं लग रहा है कि उन्होंने पहली मुशायरे में भाग लिया है। बेहद सधी हुई ग़ज़ल है। बहुत बहुत बधाई डिम्पल जी को।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-21382007092716356892014-10-27T18:12:08.101+05:302014-10-27T18:12:08.101+05:30 नीरज जी, बहुत-बहुत शुक्रिया इतनी तारीफ के लिए। हा... नीरज जी, बहुत-बहुत शुक्रिया इतनी तारीफ के लिए। हां यदि मुझे दोबारा इस मंच पर आने का मौका दिया गया तो मैं यहां जरूर हाजिर होऊंगी.dimple sirohihttps://www.blogger.com/profile/00303198350836602724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-25051510336431650982014-10-27T18:07:45.244+05:302014-10-27T18:07:45.244+05:30शुक्रिया सौरभ जीशुक्रिया सौरभ जीdimple sirohihttps://www.blogger.com/profile/00303198350836602724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-89002079300843607902014-10-27T17:57:29.251+05:302014-10-27T17:57:29.251+05:30 नवासा जी, आपको गजल पसंद आई आपका शुक्रिया नवासा जी, आपको गजल पसंद आई आपका शुक्रियाdimple sirohihttps://www.blogger.com/profile/00303198350836602724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-47100313925790992922014-10-27T17:48:18.662+05:302014-10-27T17:48:18.662+05:30तिलकराज जी आपका बेहद आ•ाार, पहली कोशिश में हौंसला ...तिलकराज जी आपका बेहद आ•ाार, पहली कोशिश में हौंसला आफजाई किसे अच्छी नहीं लगती। बहुत -बहुत शुक्रियाdimple sirohihttps://www.blogger.com/profile/00303198350836602724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-11639942690431186452014-10-27T17:31:32.622+05:302014-10-27T17:31:32.622+05:30धन्यवाद सुलभ जी.धन्यवाद सुलभ जी.dimple sirohihttps://www.blogger.com/profile/00303198350836602724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-4630679412413667812014-10-27T17:30:01.621+05:302014-10-27T17:30:01.621+05:30मुझे इस मंच का रास्ता आपने ही सुझाया है, इसलिए पहल... मुझे इस मंच का रास्ता आपने ही सुझाया है, इसलिए पहले आप बधाई के पात्र हैं 'श्रीमान'dimple sirohihttps://www.blogger.com/profile/00303198350836602724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-85468382057634628962014-10-27T17:26:46.738+05:302014-10-27T17:26:46.738+05:30राजीव जी आपका बेहद शुक्रिया.राजीव जी आपका बेहद शुक्रिया.dimple sirohihttps://www.blogger.com/profile/00303198350836602724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-85752575381463577382014-10-26T19:18:15.072+05:302014-10-26T19:18:15.072+05:30सुबीर जी, सबसे पहले तो इस मुशायरे की निरन्तरता बना...सुबीर जी, सबसे पहले तो इस मुशायरे की निरन्तरता बनाये रखने के लिये बधाई और आभार. <br />अब आज के मुशायरे की ग़ज़लों के बारे में- सुलभ जी का मुक्तक शानदार है. लावण्या दी का गीत स्नेहसिक्त है. सुधा जी की ग़ज़ल भी अच्छी है. डिम्पल सिरोही जी अभी शुरुआत कर रही हैं, सो निश्चित रूप से बधाई की पात्र हैं. <br />अब इस्मत की ग़ज़ल के बारे में. वैसे तो इस्मत के लिये कुछ लिखते हुए मैं हिचक जाती हूं, और कम तारीफ़ करने की कोशिश करती हूं, कि कहीं मुझ पर दूसरों के साथ पक्षपात करने का आरोप न लग जाये. लेकिन क्या करूं? हां, इस्मत को अभिन्न मित्र होने का लाभ न कभी देती हूं, न दूंगी. आप सब भी पढ रहे हैं न? अगर मैं केवल अपनी बात कहूं, तो आज के मुशायरे में सही मायनों में उम्दा ग़ज़ल केवल इस्मत की ही थी. (बाक़ी लोग मुझसे नाराज़ न हों) सचमुच किसी एक शेर को कोट नहीं किया जा सकता. हर शेर एक से बढ कर एक.उनकी कलम पर तो जैसे सरस्वती का वास है. जब वे लिखती हैं, तो एक अजब सी पवित्रता तारी हो जाती है. उनका लहजा, बताता है कि वे जो कह रहीं, पूरी ईमानदारी से कह रहीं, केवल लिखने के लिये नहीं... एक बार फिर बहुत आभार आपका.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-79840133216849332102014-10-24T01:23:27.772+05:302014-10-24T01:23:27.772+05:30ॐ
दीपावली वास्तव में शुभ संदेशा लाई है ~~
आनंद म...ॐ <br /> दीपावली वास्तव में शुभ संदेशा लाई है ~~<br />आनंद मंगल मनाईये !<br />आपके उच्च कोटि के साहित्य सृजन के लिए ढेर सारी बधाई <br />ऐसे ही सभी साथी लिखते रहें यह परम कृपालु परमात्मा से मांगती हूँ <br />सभी के द्वारा लिखे उच्च कोटि के साहित्य सृजन के लिए ढेर सारी बधाई <br />ऐसे ही साहित्य कर्म जारी रहे ये सदआशा - और हाँ , <br />दीपावली के मंगल ~ पर्व की सभी को अनेकानेक शुभकामनाएं ! <br /> सच्चे ह्रदय से सभी विद्वतजन को कर बद्ध प्रणाम और धन्यवाद<br /> - लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-26062959313324906882014-10-24T01:19:12.615+05:302014-10-24T01:19:12.615+05:30ॐ
अनुज पंकज सुबीर भाई
दीपावली के पावन पर्व के श...ॐ <br />अनुज पंकज सुबीर भाई <br /> दीपावली के पावन पर्व के शुभ अवसर पर<br /> स स्नेह ' राम राम ' !<br />आप मेरे लिखे को सदैव तरही मुशायरे में निखार कर संवार कर <br />आपके जालघर पर, परिवार के सदस्यों के समान <br />साहित्य प्रेमी साथियों के समक्ष प्रस्तुत करते रहे हैं। <br />यह आपका उपकार, आपका उत्सवप्रियता युक्त स्वभाव ,<br /> भारतीय परम्पराओं को जीवित रखनेवाला प्रयास<br /> सराहनीय ही नहीं , सर्वप्रिय एवं स्त्युत्य है। <br /> बधाई , अभिनन्दन और आशीर्वाद भेज रही हूँ। <br />आप , लन्दन , कैनेडा तक अपनी यशस्वी कीर्ति पताका फहरा आये ! <br />वाह भाई वाह ! बहुत बहुत बधाई !! <br />अब , अगला कदम अमरीका हो ! यह मनोकामना है। <br />शेष सब कुशल है। <br /> घर पर सौ बहुरानी , चि परी चि पाँखुरी को मेरे स स्नेह आशीष। <br />आप सभी को दीपावली की ढेरों मंगलकामनारं - <br />स स्नेह ,<br />- लावण्यादी लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-81043603001952215692014-10-23T09:48:21.316+05:302014-10-23T09:48:21.316+05:30वाह वाह क्या कमाल की टिप्पणी है । इसे कहते हैं त...वाह वाह क्या कमाल की टिप्पणी है । इसे कहते हैं तैसे तो तैसा । पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-53856061041678934332014-10-23T09:15:41.362+05:302014-10-23T09:15:41.362+05:30ये बाकमाल पोस्ट अपने मोबाइल पर कल ही पढ़ ली थी पर त...ये बाकमाल पोस्ट अपने मोबाइल पर कल ही पढ़ ली थी पर त्यौहार की व्यस्तता ने यंहा आकर कुछ कहने से रोके रखा . आज के दिन की शुरुआत चाय के साथ फिर से इन खुबसूरत गजलो को पढ़ने से अच्छी क्या होती ? पहले तो नारी शक्ति को समर्पित ये पेज देख कर दिल ख़ुशी से झूम गया . और गजलें पढ़ने के बाद तो नत मस्तक हूँ . हर गज़ल हर शेर प्रभावी ..सुलभ जी ने बहुत सही बात कह दी फरिस्तो का जिक्र कर के.. सच मे इस संसार मे कुछ फरिस्तो से ही उजाला है . बहुत सुन्दर मुक्तक ..... भुला के गम को जरा देखो जलते दीपक को ...वाह वाह लावण्या जी की इस एक पुकार पर ही फिर से जीने का जी कर उठे . बहुत सुन्दर पंक्तियाँ कभी कभी कंही कुछ पढ़ा लिखा आपके आज और जीवन को कितनी सकारात्मक सोच दे जाता है और जिंदगी की तरफ मोड़ देता है लिखने वाला भी ये नहीं जान पाता . बहुत सुन्दर पंक्तिया ..सुधा जी की गज़ल के सभी शेर प्रभावी हैं फिर भी जिक्र करूँ तो सबक जिन्होंने भी इंसानियत का .....घना अँधेरा है .......क्या ही खूब कहा है वाह वाह ....इश्मत जी की गज़ल ..वाह एक गज़ल ही दीवान सा है इस से बेहतर मुशायरे में अब और क्या होगा? ..अगर मुशायरे में भी कोई शो स्टोपर जैसा कांसेप्ट होता है तो ये गज़ल वो ही है बस के शो स्टॉप होने से पहले आ गयी ..एक एक शेर पर बार बार वाह निकल रही है .....ताआल्लुकत चटकते हैं टूट जाते हैं .....आह !क्या शेर है वाह वाह ..ख़ुशी का एक न्य जाविया ........कौन है जो अपने बच्चो से हार नहीं जाना चाहेगा पर क्या करीने से बात कही है इश्मत जी ने खूब ...मैं एक भूल भुलेया मे क़ैद हूँ ......वाह वाह ....क्या शेर है ....मैं हर एक शेर को कोट कर रही हूँ ..कैसे छोड़ा जाये ....सभी शेर लाजवाब हैं ...हमारे बीच जो दिवार उठ रही है शिफ़ा .....क्या बात है .. इश्मत जी किस क़द की शायरा हैं ये उनका हर मिशरा समझा रहा है .....मे उनकी शायरी की कायल हो गयी और उनकी उर्दू की मुरीद .उन्हें ऐसे ही आगे पढ़ने को मिलता रहे सीखने को मिलता रहेगा ऐसी आशा है .. अब बात डिंपल जी की ....श्रंगार ....मेरा प्रिय विषय लेखन के सन्दर्भ में और इस पर जो शेर डिंपल जी ने कह दिए वो मन को मोहने वाले हैं लोगो के बीच पहुँच जाये तो ये भी उन शेरो मे से एक होंगे जो हम लोगो की जुबान पर चढ़े हुए हैं ..बड़ा वीरान सा रहता है ......तिमिर को सख्त हिदायत है .......वाह वाह तालियाँ ...कुछ इस सलीके से ........वाह वाह ...खफा नहीं हैं वो मुझ से ...क्या बात किस सलीके से कह दी डिंपल जी ने वाह वाह ...चराग जैसा बनाओ वजूद तुम अपना .. बहुत उत्साहित करने वाला शेर ..डिंपल जी लावण्या जी सुधा जी ..इश्मत जी को बहुत बहुत शुभकामनाये <br /> सभी रचनाये काबिले तारीफ हैं मुझे बायस न समझा जाये.. और फिर ये पेज हमें समर्पित किया है लेखक महोदय ने ..पेज हमारा हैं तो खुल कर लिखना बनता हैं ..Parul Singhhttps://www.blogger.com/profile/07199096531596565129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-49903636260690647212014-10-22T23:17:14.442+05:302014-10-22T23:17:14.442+05:30इसी को तो ग़ज़लियत कहते हैं, नीरज भाई .. !!
इसी को तो ग़ज़लियत कहते हैं, नीरज भाई .. !!<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-53565553077866761152014-10-22T22:20:03.668+05:302014-10-22T22:20:03.668+05:30वाह
अंधेरी रात में दीयों के झिलमिलाने से
धरा के न...वाह <br />अंधेरी रात में दीयों के झिलमिलाने से<br />धरा के नूर में चाँद चार लग ही जाते हैं।<br />गज़लों की जो सजी हुई हो महफिल<br />पतंगे शम्मा पे वारि जाते हैं।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-82339329919889041942014-10-22T22:18:39.618+05:302014-10-22T22:18:39.618+05:30दिवाली का मौसम है । सबसे पहले तो सभी को दीपोत्सव क...दिवाली का मौसम है । सबसे पहले तो सभी को दीपोत्सव की हार्दिक बधाई ।<br /><br />पंकज जी के स्नेह है जिससे सब हुए हैं । सुलभ जी ने कम समय में एक बेजोड़ मुक्तक प्रस्तुत किया । सुन्दर भाव और सुन्दर शब्द चयन के लिए बधाई और धन्यवाद । <br /><br />आदरणीय लावण्या जी , इस्मत जी, सुधा जी ,डिम्पल जी सभी की ग़ज़लें बेहद पसंद आई । दिवाली पर आप सभी ने सुन्दर विचारों को ग़ज़ल के रूप में पेश किया , आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया । बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बधाई ।<br /><br />पंकज जी सबसे ज्यादा बधाई के पात्र आप हैं । सुन्दर तरही और हम सभी को एक मंच पर काफी दिन बाद फिर से लाने का बहुत बहुत शुक्रिया । बेहद सफल मुशायरा है यह । आप का स्नेह सदा बना रहें, यहीं ईश्वर से प्रार्थना है । आपको दिवाली की ढेर सारी बधाइयाँ । विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73803805239371108382014-10-22T22:14:49.243+05:302014-10-22T22:14:49.243+05:30राकेश जी आप बेजोड़ हैं। दीपावली की शुभ कामनाओं के ...राकेश जी आप बेजोड़ हैं। दीपावली की शुभ कामनाओं के साथ नमन करता हूँ आपको। नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-37348275562170907682014-10-22T22:12:59.185+05:302014-10-22T22:12:59.185+05:30सर्च लाइट से मोमबत्ती की तलाश ? क्या बात करते हैं ...सर्च लाइट से मोमबत्ती की तलाश ? क्या बात करते हैं तिलक साहब ?नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-78903322082896750812014-10-22T21:39:19.144+05:302014-10-22T21:39:19.144+05:30तिलक लगाये ऐन गज़लों का भाल पर नीरज
उन्हें सुलभ हैं...तिलक लगाये ऐन गज़लों का भाल पर नीरज<br />उन्हें सुलभ हैं ये सौरभ सभी बताते हैं<br />सुधा बरसती ह लावण्य फ़ूटा करता है<br />पत्र जब पंकजी तुहिनों में भीग जाते हैं<br />अदब है गज़लों का इस्मत,है शेर का डिम्पल<br />हुये हैं लफ़्ज़ भी शाहिद सभी बताते हैं<br />अमावसें भी बदलती हैं पूर्णमासी में<br />अंधेरी रात में जब दीप झिलमिलाते हैं<br />राकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-49968965653814488272014-10-22T20:54:43.645+05:302014-10-22T20:54:43.645+05:30माना हुजूर, लेकिन तलाश तो सर्च लाईट से ही होगी न। ...माना हुजूर, लेकिन तलाश तो सर्च लाईट से ही होगी न। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-80820254639215989952014-10-22T20:02:38.616+05:302014-10-22T20:02:38.616+05:30 हजार वाट के बल्ब को टिमटिमाती मोमबत्ती से बहुत रो... हजार वाट के बल्ब को टिमटिमाती मोमबत्ती से बहुत रोशनी की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए शाहिद भाई। नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-85824032040616192822014-10-22T17:26:29.685+05:302014-10-22T17:26:29.685+05:30अब इंतज़ार है नीरज जी आपका सबको
वो चल दिए हैं ग़ज़ल ...अब इंतज़ार है नीरज जी आपका सबको <br />वो चल दिए हैं ग़ज़ल लेके लो वो आते हैं :) :) :)शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.com