tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post5773738988290950746..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: आज ईता दोष पर कुछ बातें। दीपावली को बस एक सप्ताह ही शेष रह गया है, जल्द से जल्द अपनी ग़ज़ल भेजें।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-41859982548316815302021-11-03T13:54:35.199+05:302021-11-03T13:54:35.199+05:30तिलकराज जी, आप भी उक्त पटल पर हो आएँ, तथा मेरे कहे...तिलकराज जी, आप भी उक्त पटल पर हो आएँ, तथा मेरे कहे की तस्दीक करेंं. <br />लोग अपनी बातों को साबित करने की फिराक में जिद्द ठान लेते हैं. और गलत साबित होने पर अनावश्यक की लीपा-पोती करने लगते हैं. <br />सौरभ पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/17492920835609881596noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-44042804556940999962021-11-03T13:49:28.808+05:302021-11-03T13:49:28.808+05:30पंकज भाईजी,
जिन सज्जन ने ईता दोष को लेकर चल रही ...पंकज भाईजी, <br /><br />जिन सज्जन ने ईता दोष को लेकर चल रही उक्त चर्चा की आपको सूचना दी है, काश वे आपके इस पटल पर इस पोस्ट पर भी अपनी टिप्पणी देते और अपने कहे तथा आपके स्पष्टीकरण पर अपने मंतव्य देते. <br /><br />मैं ऐसा इस लिए कह रहा हूँ, कि आपके इस पोस्ट के अनुसार जो कुछ भान हो रहा है, वह यह है कि आपके पाठों तथा उससे मिली सीख को किसी ने आपके नाम के साथ गलत ढंग से उद्धृत कर ईता दोष पर कुछ अलग ही बयान दे दिया हो. जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. <br /><br />वस्तुतः, उक्त पटल पर एक ग़ज़ल पर चर्चा के दौरान मैं भी शामिल हो गया तथा मैंने कहा था कि चाहे उस ग़ज़ल का कथ्य जो रहा रहा हो, बहर भी साधे गये हों. लेकिन मतले में जिस तरह से काफिया को निभाया गया है, उससे ईता दोष बन रहा है. मैंने कारण वही बताये थे जो कुछ आपने इस पोस्ट में भी उद्धृत किया है. लेकिन वहाँ कुछ विद्वान मेरी उक्त टिप्पणी से संतुष्ट क्या होते एक तरह से मेरे कहे को ही खारिज करने लगे. <br /><br />संयोगवश इसी दौरान, कहिये मेरी उक्त टिप्पणी देने के ठीक दूसरे दिन ही, इस बार की दीवाली के अवसर पर ’सुबीर संवाद सेवा’ द्वारा तरही मुशाइरे की घोषणा हो गयी. जिसमें ईता दोष को लेकर तार्किक ढंग से बातें की गयी थीं. मैंने आपके तथा इस पटल के नाम का उद्धरण देते हुए अपने कहे को पुनः प्रस्तुत किया. किन्तु, विद्वद्जन ऐसे तमाम मतले तथा ग़ज़लें प्रस्तुत करने लगे जिनमें ईता दोष था. <br /><br />मेरा कहना था कि ऐसे कई ऐब या दोष होते हैं जो एक शाइर चाह कर कई बार दूर नहीं कर पाता. जैसे तकाबुले रदीफ का दोष, तनाफुर का दोष आदि. क्योंकि कई बार कथ्य की ऐसी मांग होती है कि शाइर ऐब की ओर से आँखें मूँद लेता है. इसका अर्थ यह कदापि नहीं लिया जाना चाहिए कि ईता दोष का कोई मतलब नहीं है. अरूज और चलन को एक साथ साध लिया जाना ही कौशल है. लेकिन उन विद्वद्जनों ने अपने आपको न केवल सही मान लिया बल्कि अपनी डफली बजाते रहे. <br /><br />चूँकि मैंने आपको उद्धृत किया था, तो एक सज्जन ने सुबीर संवाद सेवा का लिंक मांगा. चूँकि वे सज्जन अबतक इस पटल पर उपस्थित नहीं हुए हैं, अतः मैं उनका नाम स्वयं नहीं खोल रहा हूँ. लेकिन, पंकज भाई, आप आश्वस्त रहें, कि आपके नाम का, या इस पटल का, चलताऊ लहजे में या गलत अर्थों में कहीं उद्धृत नहीं किया गया है. विशेषकर इन संदर्भों में, जिसका हवाला दिया जा रहा है. बल्कि आपके नाम तथा इस पटल को पूरी गरिमा के साथ उद्धृत किया गया है. आवश्यक हुआ तो मैं उक्त पटल पर उस चर्चा के दौरान पोस्ट की गयी टिप्पणियों को आपसे साझा भी करूँगा. ताकि सनद रहे. <br /><br />वैसे आपके इस पोस्ट से कइयों को अपनी भूली-बिसरी सीखों का स्मरण हो आएगा. यह भी एक सुखद संयोग है. <br /><br />शुभातिशुभ<br />सौरभसौरभ पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/17492920835609881596noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73290465489027863972021-10-29T10:18:26.297+05:302021-10-29T10:18:26.297+05:30बहुत अच्छी जानकारी साझा की है इता के दोष पर ...
व...बहुत अच्छी जानकारी साझा की है इता के दोष पर ... <br />विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयुक्त मंच है ये ... अब मुशायरे की प्रतीक्षा है ... सभी को पुनः पढने का इंतज़ार ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-58163878319165912762021-10-28T16:38:39.294+05:302021-10-28T16:38:39.294+05:30उपयोगी जानकारी।उपयोगी जानकारी।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-14181389325467081172021-10-27T13:04:16.765+05:302021-10-27T13:04:16.765+05:30मुझे तो ईता दोष से बचने का सरलतम उपाय यही लगता है ...मुझे तो ईता दोष से बचने का सरलतम उपाय यही लगता है कि मत्ले के शेर के एक मिसरे में काफिया ऐसा लिया जाये जो पूर्ण शब्द हो (उसमें बढ़ा हुआ अंश हो ही नहीं)। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-368996559229208772021-10-27T11:35:55.949+05:302021-10-27T11:35:55.949+05:30सार्थक प्रस्तुति...सार्थक प्रस्तुति...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-66471742628079920942021-10-26T23:49:10.965+05:302021-10-26T23:49:10.965+05:30किन सज्जन ने और किस जगह आपका नाम ले लिया यह तो ज्ञ...किन सज्जन ने और किस जगह आपका नाम ले लिया यह तो ज्ञात नहीं लेकिन यह अवश्य स्मरण है कि ईता दोष पर पूर्व में यहीं पर विस्तार से चर्चा हुई है और एकाधिक बार पृथक से भी काफ़ि़या प्रयोग में साावधानियों पर चर्चा हुई है और इस दोष विशेष को स्पष्ट किया गया है। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76142952621346414672021-10-26T14:01:25.873+05:302021-10-26T14:01:25.873+05:30पंकज भाई,
इतने सरल और प्रभावी तरीके से 'ईता द...पंकज भाई, <br />इतने सरल और प्रभावी तरीके से 'ईता दोष' समझाने के लिए धन्यवाद | आप बहुत अच्छे अध्यापक हैं | :-)<br />अनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-25206543302566116072021-10-26T11:46:33.315+05:302021-10-26T11:46:33.315+05:30आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-1...आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-10-2021) को चर्चा मंच <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "कलम ! न तू, उनकी जय बोल" (चर्चा अंक4229) </a> पर भी होगी!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।<br />-- <br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com