tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post2935176557482111394..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: तीन रंगों का वो सपना कब का यारों मर चुका, अब तमाशा ख़त्म्ा है अब तो उठो और घर चलोपंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-47258461118885640602008-09-18T22:26:00.000+05:302008-09-18T22:26:00.000+05:30गुरूदेव,गज़ल तो सुना दिजिये.इम्तहा हो गयी इंतजार की...गुरूदेव,गज़ल तो सुना दिजिये.इम्तहा हो गयी इंतजार की....<BR/>एक हमारा भी शक था कि ऐसी बहर हो सकती है जिसमें सारे दीर्घ हो-२२२२ २२२२ २२२२ २२२२ ऐसा कुछ और इसके अन्य काम्बिनेशन?गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-25515863187593171002008-09-17T03:52:00.000+05:302008-09-17T03:52:00.000+05:30बैठे हैं पीछे वाली बैन्च पर...सुन रहे हैं और कल फि...बैठे हैं पीछे वाली बैन्च पर...सुन रहे हैं और कल फित आयेंगे पूरी गज़ल सुनने.<BR/><BR/>आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-23963910818126277542008-09-17T01:52:00.000+05:302008-09-17T01:52:00.000+05:30गुरु जी प्रणाम,एक दुविधा सामने आ रही है अभी बैठे ब...गुरु जी प्रणाम,<BR/>एक दुविधा सामने आ रही है अभी बैठे बैठे आपकी पिछली क्लास बांच रहा था ६ फरवरी २००८ की क्लास में गया तो एक जगह उलझ गया <BR/>वहां पर आपने रजज का वजन भी २२१२ लिखा है और कामिल का भी २२१२ लिखा है जहाँ तक आपके बताये मुझे जानकारी है रजज का वजन २२१२ होता है तो कामिल का वजन क्या होगा ?<BR/><BR/>और एक जानकारी चाहता हूँ <BR/>क्या २२१, २२१, २२१, २२१ वजन की बहर हो सकती है ?<BR/><BR/>आपका वीनस केशरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-69030995601622606072008-09-16T20:08:00.000+05:302008-09-16T20:08:00.000+05:30...कान पकड़ता हूँ गुरूजी,ये गल्ती दुबारा ना होने दू......कान पकड़ता हूँ गुरूजी,ये गल्ती दुबारा ना होने दूंगा.वैसे बात तो लगभग हम आपके मेलवे से समझ गये थे,किन्तु अब ये "क्रिस्टल किलियर" हो गया.तनिक सकपकाये से हम सोचे कि क्या करें,तो तरही वाले होमवर्क पर चार और शेर पका लाये हैं.लगे हाथों भेड़ देता हूँ-<BR/><BR/>सोचना क्या ये तो तेरे जेब की सरकार है<BR/>जो भी चाहे,जो भी तू ने कह दिया,हो जायेगा<BR/><BR/>यूँ निगाहों ही निगाहों में न हमको छेड़ तू<BR/>भोला-भाला मन हमारा मनचला हो जायेगा<BR/><BR/>भीड़ में यूँ भीड़ बनकर गर चलेगा उम्र भर<BR/>बढ़ न पायेगा कभी तू,गुमशुदा हो जायेगा<BR/><BR/>तेरी आँखों में छुपा है दर्द का सैलाब जो<BR/>एक दिन ये इस जहाँ का तजकिरा हो जायेगा<BR/><BR/>....चरण-स्पर्श!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-27781698305604029872008-09-16T14:52:00.000+05:302008-09-16T14:52:00.000+05:30बहुत अच्छे.... आप की बात का अदाज़ क्या कहनालेकिन म...बहुत अच्छे.... आप की बात का अदाज़ क्या कहना<BR/><BR/>लेकिन मास्टर जी ये भी कोई बात है, कि हम अपने खेत की लउकी घूस में दे कर जो चीज पूछे उसको अइसे किलास में सब के सामने बता देते हैं.... औ हमाई नाक का ना इतना मजाक न उड़ाया करिये हमाई अम्मा ने हमाए गले में अब बिक्स इनहेलर बाँध दिया है हमेसा सूँघते रहते हैं तो अब पिराबलम नही होती... एक बात अउर कक्षा में होमवर्क वाली कापी धर आये हैं....!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-51011393108819271302008-09-16T12:21:00.000+05:302008-09-16T12:21:00.000+05:30बहुत अच्छी लगी शायरी !! इसे देखकर वो लाइने याद आ ग...बहुत अच्छी लगी शायरी !! इसे देखकर वो लाइने याद आ गयी की !!<BR/><BR/>आजादी क्या तीन थके हुये रंगो का नाम है <BR/>जिसे एक पहिया ढोता है ।<BR/>या इसका कोई और भी मतलब होता है।दीपकhttps://www.blogger.com/profile/08603794903246258197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-58940356290823464602008-09-16T12:18:00.000+05:302008-09-16T12:18:00.000+05:30गुरु देवबच्चों को टाफी देकर देकर टरका रहे हैं, एक ...गुरु देव<BR/>बच्चों को टाफी देकर देकर टरका रहे हैं, एक शेर सुना कर कह रहें जाओ बेटे घर जाओ...नहीं जायेंगे यहीं डटे रहेंगे जब तक पूरी ग़ज़ल नहीं सुना देते...ओस कि बूंदों से प्यास नहीं न बुझाईये...<BR/>आप के दिए होम वर्क पर पूरा काम हो नहीं पाया समय और नेट दोनों ने हाथ खींच रखा है...बड़ी मुश्किल से एक आध मिनट को चलता है और फ़िर गोल...बहुत काम बाकि है तरही ग़ज़ल का...एक आध शेर हुआ है सुनिए और हमारे कान मरोडिये ..<BR/>आदमी को आदमी सा मान देना ठीक है <BR/>सर झुका मिलते रहे तो वो खुदा हो जाएगा <BR/>दोस्त से हमको मिला वो,भर गया मत सोचिये <BR/>जख्म को थोड़ा कुरेदो फ़िर हरा हो जाएगा <BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-75209123011032215792008-09-16T11:56:00.000+05:302008-09-16T11:56:00.000+05:30यस सर, इट्स सो नाईस टु सी दी क्लासेस रनिंग बैक.हैप...यस सर, इट्स सो नाईस टु सी दी क्लासेस रनिंग बैक.<BR/><BR/>हैप्पी हिन्दी डे.अभिनवhttps://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-43903694435178950762008-09-16T11:53:00.000+05:302008-09-16T11:53:00.000+05:30गुरू जी, संसद वाली गजल के अलावा मुखड़े में जो शेर ल...गुरू जी, संसद वाली गजल के अलावा मुखड़े में जो शेर लगाया है आपने वो गजल भी पूरी सुना दें तो मजा आ जाए। मतलब एक के साथ एक फ़्री। ईंट के उदाहरण से बात ठीक से समझ में आ गई। मेरे जैसे नौसिखियों के लिए गाँठ बाँध लेने जैसी बात है।रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.com