tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post8683680667707196246..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: एक साक्षात्कार मृत्यु के साथ जब ऐसा लगा था कि अब सब कुछ ख़त्म ही होने वाला है और एक दर्शन मानवीयता कापंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-14088534474242605972008-05-13T07:00:00.000+05:302008-05-13T07:00:00.000+05:30सुबीर साहब;मां बाप और चाहने वाले की दुआयें आपके सा...सुबीर साहब;<BR/>मां बाप और चाहने वाले की दुआयें आपके साथ हमेशा हैं.<BR/>अब लिखना शुरू कर दीजिये. हमने आपको बहुत मिस किया है.मैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-21538683387724718052008-05-12T21:14:00.000+05:302008-05-12T21:14:00.000+05:30हमारी दुआयें सदैव आपके साथ हैं. आप दिर्घायु हों और...हमारी दुआयें सदैव आपके साथ हैं. आप दिर्घायु हों और सदा स्वस्थय एवं मुस्कराते रहें, यही कामना है.<BR/>अनेकों शुभकामनाओं के साथ-Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-27942634175629360112008-05-12T20:17:00.000+05:302008-05-12T20:17:00.000+05:30हर क्षण है बोझिल पीड़ा से, हर धड़कन आंसू की सहचर फिर...हर क्षण है बोझिल पीड़ा से, हर धड़कन आंसू की सहचर <BR/>फिर भी मन को तो गाना है बस एक उसी का वॄन्दावन <BR/><BR/>सुबह की पहली अंगड़ाई, ले साथ शूल नूतन आई <BR/>दिन की पादानों ने रह रह चाहे प्राणों को दंश दिये <BR/>सन्ध्याकी झोली में सिमटे पतझड़ के फूल और कीकर <BR/>बस नीलकंठ बन करतुमने जीवन के इतने अंश जिये <BR/><BR/>उमड़ी है काली सघन घटा, चंदा तारों का नहीं पता <BR/>पर तुम्हें आस्था की दुल्हन का करना होगा आराधन<BR/><BR/>यद्यपि वह शास्त्र प्रणेता जो, लेता है सघन परीक्षायें<BR/>वह कभी कभी अपना संचित विश्वास डुलाने लगती हैं<BR/>पर विदित हमेशा सूर्य उगा है चीर तिमिर की धुंध घनी<BR/>तो नई चेतना पुन: मित्र ! प्राणों में छाने लगती है<BR/><BR/>जो पीर हुई इतिहास आज फिर उसके पॄष्ठ न खोलें हम<BR/>फिर से गज़लों की मेघपरी की पायल की छेड़ो छन छनराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76861974342147184882008-05-12T17:23:00.000+05:302008-05-12T17:23:00.000+05:30"जाको रखे साइयां...."सुबीर जी कहते हें इश्वर जिनसे..."जाको रखे साइयां...."<BR/>सुबीर जी कहते हें इश्वर जिनसे प्यार करता है उन्ही के इम्तिहान लेता है. आप निश्चिंत रहें आप को कुछ नहीं होगा...आप हम सब के प्रिये हें और इश्वर इस बात को अच्छी तरह से जानता है...वो कुछ ऐसा हरगिज़ नहीं करेगा जिस से उस पर की गयी आस्था को आंच आए...<BR/>बीती बात बिसार के आगे की सुध ले...का जाप करते हुए प्रसन्न मन से लग जाईये उसी काम में जो आप को संतोष दे.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-39451914146945019922008-05-12T14:05:00.000+05:302008-05-12T14:05:00.000+05:30हमारी दुआयें आपके साथ हैं.आप स्वस्थ रहें.ईश्वर आपक...हमारी दुआयें आपके साथ हैं.आप स्वस्थ रहें.ईश्वर आपके साथ है.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-35687430707195261902008-05-12T14:00:00.000+05:302008-05-12T14:00:00.000+05:30Ishwar yu.n hiaapko har bal se bachate rahe.nIshwar yu.n hiaapko har bal se bachate rahe.nकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-5928404971917886162008-05-12T13:46:00.000+05:302008-05-12T13:46:00.000+05:30सुबीर जी,आदमी तो हमेशा ही दो छोरों..(खुशी या मुसीब...सुबीर जी,<BR/><BR/>आदमी तो हमेशा ही दो छोरों..(खुशी या मुसीबत के हो) के बीच होता है...<BR/>आप मान कर चलिये की आप मुसीबत के अन्तिम छोर पर हैं और यह घटना जीवन की अन्तिम बुरी घटना है... आगे सब मंगल ही मंगल हो ऐसी कामन है.Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-59057221516816333012008-05-12T13:00:00.000+05:302008-05-12T13:00:00.000+05:30जिस पर ईश्वर की असीम कृपा हो वह हर मुसीबत से बाहर ...जिस पर ईश्वर की असीम कृपा हो वह हर मुसीबत से बाहर आ जाते हैं .संकट टल गया यही बहुत बड़ी बात है दुआये तो असर करती ही हैं आप स्वस्थ रहे और हमारी कक्षा लेते रहे यही दुआ है :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.com