tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post8311715766945537466..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: आइए आज होली के तरही मुशायरे को अपने अंजाम तक पहुँचाते हैं दो शायरों शेख चिल्ली और नकुल गौतम के साथपंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-84145908339006455402018-03-30T19:43:33.237+05:302018-03-30T19:43:33.237+05:30शेख साहब ने इतनी आला ग़ज़ल कही है कि बस मन से दाद नि...शेख साहब ने इतनी आला ग़ज़ल कही है कि बस मन से दाद निकले जाती है ! वाह,वाह !Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36000663668833796272018-03-18T11:56:34.518+05:302018-03-18T11:56:34.518+05:30शुक्रिया पारुल जीशुक्रिया पारुल जीनकुल गौतमhttps://www.blogger.com/profile/08033870691414582297noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76372528923061820342018-03-18T11:56:08.538+05:302018-03-18T11:56:08.538+05:30शुक्रिया दिगम्बर जी।
शुक्रिया दिगम्बर जी।<br />नकुल गौतमhttps://www.blogger.com/profile/08033870691414582297noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-27743437992105349872018-03-17T23:11:50.514+05:302018-03-17T23:11:50.514+05:30नकुल गौतम और शेख चिल्ली जी दोनों ही की ग़ज़ल काबिल...नकुल गौतम और शेख चिल्ली जी दोनों ही की ग़ज़ल काबिले तारीफ हैं। बहुत बहुत दिली दाद दोनों को। एक खूबसूरत मुशायरे के मेजबानी के लिए पंकज जी को धन्यवाद। Parul Singhhttps://www.blogger.com/profile/07199096531596565129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-57473972782721757002018-03-17T09:19:27.216+05:302018-03-17T09:19:27.216+05:30भाई वाह ...
शेख जी ने तो सच में कमाल कर दिया ... म...भाई वाह ...<br />शेख जी ने तो सच में कमाल कर दिया ... मतले के शेर फिर लगातार दो शेर माँ दादी की याद ताज़ा कर जाते हैं ... बहुत ही कमाल के हैं सारे शेर ..<br />और नकुल जी ने भी कमाल किया है ... कभी शीला कभी श्वेता ... गज़ब का शेर ... सब अपनी अपनी यादों में खो जायेंगे इस शेर को पढ़ कर ... भाई कमाल के शेर हैं सभी ... बहुत बहुत बधाई ...<br />तरही को निरंतर जारी रखिये पंकज जी ... न नुकर करते करते सब आते हैं सब आयेंगे ... यही एक जुड़ाव है ... च्युंगम हाही इस गुरुकुल की .... बधाई इस सफल आयोजन पर ... और तालियाँ ... तालियाँ ... तालियाँ ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com