tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post8098213133829055653..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: शुभकामनाएँ, शुभकामनाएँ, दीपावली की आप सब को शुभकामनाएँ। आइये आज दीपावली का यह पर्व मनाते हैं रजनी नैयर मल्होत्रा जी , गिरीश पंकज जी, मन्सूर अली हाश्मी जी, राकेश खंडेलवाल जी, सौरभ पाण्डेय जी और श्रीमती लावण्या दीपक शाह जी के साथ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-20428649742908472722017-10-20T06:16:52.616+05:302017-10-20T06:16:52.616+05:30दीप पर्व आप सभी के जीवन मेँ प्रकाश हर्ष व उल्लास ल...दीप पर्व आप सभी के जीवन मेँ प्रकाश हर्ष व उल्लास लेकर आये ये शुभकामनाएँ .....<br />लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-77107348874967522342017-10-19T23:30:35.998+05:302017-10-19T23:30:35.998+05:30मेरी प्रस्तुति को सम्यक स्थान मिला, इस हेतु मंच का...मेरी प्रस्तुति को सम्यक स्थान मिला, इस हेतु मंच का सादर आभार. सुधीजनों के साथ मुझे स्थान मिला है, मन मुग्ध है. आजकी व्यस्तता हेतु क्षमा. कल पुनः लौटता हूँ.<br />सादर <br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-6896890710911420052017-10-19T22:43:13.089+05:302017-10-19T22:43:13.089+05:30आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 पंकज भई...आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 पंकज भईया को बहुत बहुत आभार । पूरे दिन व्यस्त रही देर से बधाई स्वीकारें सभी 🙏डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-75530471657935112662017-10-19T20:43:38.390+05:302017-10-19T20:43:38.390+05:30कुमकुमे हँस दिए रोशनी खिल उठी
तुम मिले हमसफ़र ज़ि...कुमकुमे हँस दिए रोशनी खिल उठी <br />तुम मिले हमसफ़र ज़िंदगी खिल उठी<br /><br />रजनी जी वाह ,आपका मतला ज़ोरदार है<br /><br />कल तलक जो अँधेरे में डूबी रही <br />दीप जैसे जले हर गली खिल उठी<br /><br />वाह पंकज जी ज़ोरदार शेर है ।<br /><br />दिल में इकरार लब पर तो इंकार था <br />इसी तकरार ही में हँसी खिल उठी।<br /><br />हाशमी साहब क्या बात है ,बहुत खूब <br /><br />जो विरासत में हमको नियति से मिली <br />सम्पदायें सभी हमने दी है गंवा <br /><br />वाह राकेश जी गहरी बात ।<br /><br /><br />फिर से रोचक लगी है कहानी मुझे <br />मुझमें किरदार की जीवनी खिल उठी<br /><br />वाह सौरभ भाई ,कमाल कर दिया आपने इस शेर में ।<br /><br />मन से मन की हो दूरी, ना ये जरूरी <br />खुशियाँ लिए आया त्यौहार अँगना ! <br />तेरी रौशनी से जगमगाता सुहाना <br />उमंगों सभर, हँस रहा चारों कोना ! <br />हँस ले दिए , हँस ले मुस्कुरा ले ! <br />रौशन हुआ घर का कोना, कोना !<br /><br /> बहुत खूब । लावण्या जी की रचना में सुन्दर भाव हैं Ashwini Rameshhttps://www.blogger.com/profile/16656626915061597542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-13496165980127872502017-10-19T14:56:39.044+05:302017-10-19T14:56:39.044+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (2...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (20-10-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"><br />"दीवाली पर देवता, रहते सदा समीप" (चर्चा अंक 2763) <br /> </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />दीपावली से जुड़े पंच पर्वों की<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-41958939838532592032017-10-19T12:54:17.313+05:302017-10-19T12:54:17.313+05:30नारी मन की कल्पनाओं का दायरा कितना विस्तीर्ण होता ...नारी मन की कल्पनाओं का दायरा कितना विस्तीर्ण होता है उसका एक उदाहरण है यह गीत।<br />हँस ले दिए , हँस ले मुस्कुरा ले ! <br />रौशन हुआ घर का कोना, कोना !<br />की मूल भावना से ओतप्रोत मनोहारी गीत। वाहः।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-28559810802326031062017-10-19T12:41:30.746+05:302017-10-19T12:41:30.746+05:30वो थपकती हुई आ गयी गोद में
कुमकुमे हँस दिये, रोश...वो थपकती हुई आ गयी गोद में <br />कुमकुमे हँस दिये, रोशनी खिल उठी<br />बहुत खूबसूरत कोमल कल्पना, वाहः।<br /><br />उनकी यादों पगी आँखें झुकती गयीं <br />किन्तु आँखो में उमगी नमी खिल उठी<br />वाहः क्या चित्रण है, बहुत खूब, वाहः।<br /><br />है मुआ ढीठ भी.. बेतकल्लुफ़ पवन.. <br />सोचती-सोचती ओढ़नी खिल उठी<br />वाहः क्या बात कही, वाहः।<br /><br />नौनिहालों की आँखों के सपने लिये <br />बाप इक जुट गया, दुपहरी खिल उठी<br />खूब जिया है एक पालनहार को। वाहः।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-30939925658244934872017-10-19T12:36:56.154+05:302017-10-19T12:36:56.154+05:30सभी शायरों व कवियों को अच्छी रचनाओं के लिए बध...सभी शायरों व कवियों को अच्छी रचनाओं के लिए बधाइयां ।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-50073561419001806992017-10-19T12:31:48.605+05:302017-10-19T12:31:48.605+05:30राकेश जी का आधार प्रश्नों पर खड़ा खूबसूरत गीत एक उ...राकेश जी का आधार प्रश्नों पर खड़ा खूबसूरत गीत एक उदाहरण है कि कैसे दीपोत्सव की उमंग से भरे माहौल में भी मूलभूत प्रश्नों को पिरोया जा सकता है।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-85129499286640570782017-10-19T12:26:53.853+05:302017-10-19T12:26:53.853+05:30तीरगी शर्म से पानी-पानी हुई
कुमकुमे हँस दिए, रोशन...तीरगी शर्म से पानी-पानी हुई <br />कुमकुमे हँस दिए, रोशनी खिल उठी।<br />वाहः, क्या खूबसूरत गिरह है, वाह।<br /><br />उनकी फ़ितरत में ही मेहरबानी न थी <br />ग़मज़दा देख रुख़ पर खुशी खिल उठी।<br />वाहः, क्या कंट्रास्ट पैदा किया है। वाहः।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-51151726154892538322017-10-19T11:12:55.991+05:302017-10-19T11:12:55.991+05:30मन-अन्धेरा मिटा जिस घड़ी बस तभी
''कुमकुमे ...मन-अन्धेरा मिटा जिस घड़ी बस तभी <br />''कुमकुमे हँस दिए रौशनी खिल उठी''<br />क्या खूबसूरत गिरह है, वाहः।<br /><br />एक भूखे को भरपेट भोजन दिया <br />बिन कहे आपकी बंदगी खिल उठी<br />वाहः, उम्दा ख्याल, खूबसूरत।<br /><br />दीप मुस्कान के जब अधर पे सजे <br />रूप निखरा तेरा सादगी खिल उठी<br />वाहः, मुस्कान ही तो चेहरे की ज़िंदगी है वर्ना मुर्दनी छाई रहती है।<br />बहुत बहुत बधाई दीपोत्सव की।<br />तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-56234563295868391932017-10-19T11:08:25.941+05:302017-10-19T11:08:25.941+05:30मेरे मिसरों में यूँ रातरानी घुली
महकी महकी मेरी श...मेरे मिसरों में यूँ रातरानी घुली <br />महकी महकी मेरी शायरी खिल उठी<br />वाहः क्या बात है। बहुत खूब।<br />जो उलझती रही पेंचो ख़म में सदा <br />ज़िन्दगी की पहेली वही खिल उठी<br />क्या बात है, वाहः, वाहः।<br />दीपोत्सव की बधाई।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-64445180386191784722017-10-19T10:58:08.331+05:302017-10-19T10:58:08.331+05:30शानदार. आभार। और सभी कवि मित्रों को उनकी सुंदर शा...शानदार. आभार। और सभी कवि मित्रों को उनकी सुंदर शाइरी के लिए बधाई। भाई पंकज सुबीर जैसे वीर का अभिनंदन। सबको दिवाली की बधाई girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.com