tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post7684875283217180755..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: लगभग दो माह की चुप्पी के बाद आज त्यौहारों के मौसम के ठीक पहले दिन आने वाली तरही की चर्चा ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-64513740591499424572012-11-04T12:23:46.539+05:302012-11-04T12:23:46.539+05:30भर पूर तरीक़े से गाई जाने वाली बह्र है ये , ख़ूब ग...भर पूर तरीक़े से गाई जाने वाली बह्र है ये , ख़ूब गाई गई है! और मेरे ख़्याल से गौतम भाई की तो ये फेवरिट बह्र है! और ये गाना मेरा सबसे पसन्दीदा मे से है, अभी ना जावो छोड कर .......... <br /><br />कोशिश करूँगा कि समय पर हाज़िर होउँ !<br /><br />अर्श "अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73870869912968107712012-10-27T16:57:22.601+05:302012-10-27T16:57:22.601+05:30MAJA AA GAYA BHAAI...ITNA PYARA GEET SUN KAR!!MAJA AA GAYA BHAAI...ITNA PYARA GEET SUN KAR!!Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-85059980246181421582012-10-27T13:31:28.727+05:302012-10-27T13:31:28.727+05:30गौतम, पचास साल हो गए इस गीत को सुनते हुए...आज भी ज...गौतम, पचास साल हो गए इस गीत को सुनते हुए...आज भी जब सुनता हूँ तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं...ये मेरे आल टाइम फेवरेट गानों में से एक है...इसी के चक्कर में "हम दोनों" फिल्म ब्लैक एंड वाईट में तीन बार और कलर में दो बार सिनेमा घर में जा कर देखी है...घर में डी.वी.डी. पर कितनी बार देखि उसकी गिनती नहीं है...कलर में देखने गया तो पहली रो की टिकट मिली थी...तब की अकड़ी गर्दन अभी तक दुःख रही है...आशा जी ने जो इसे सोलो में जो गाया है उसके शब्द तो अद्भुत हैं... <br /><br />नीरज नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76130017204440331572012-10-24T23:21:29.344+05:302012-10-24T23:21:29.344+05:30आ गयी आपकी टिप्पणी। इस मार्चिंग सॉंग वाली बह्र प...आ गयी आपकी टिप्पणी। इस मार्चिंग सॉंग वाली बह्र पर कर्नल साहब की टिप्पणी कहॉं जायेगी।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-48044774115618575102012-10-22T19:45:53.176+05:302012-10-22T19:45:53.176+05:30मेरी टिप्पणी कहाँ गई ????? वो जो मैंने इस बहर पे द...मेरी टिप्पणी कहाँ गई ????? वो जो मैंने इस बहर पे देवानंद साब के गीत "अभी न जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं" की चर्चा की थी ....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-49125048158814616522012-10-20T19:19:55.615+05:302012-10-20T19:19:55.615+05:30आदरणीय देवी जी,
पाठशाला से मिला मिसरा तो है:
घना ज...आदरणीय देवी जी,<br />पाठशाला से मिला मिसरा तो है:<br />घना जो अंधकार हो तो हो रहे तो हो रहे।<br />अंधकार पर काफि़या बँधा और 'हो तो हो रहे तो हो रहे' रदीफ़।<br />मैं ठीक हूँ न?तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-51815221024644491762012-10-20T18:07:57.466+05:302012-10-20T18:07:57.466+05:30Subeer ji
Pratiyuttaron mein kahe sheron ke bheech...Subeer ji<br />Pratiyuttaron mein kahe sheron ke bheech काफिये का सुराग अभी तक नहीं मिला है...कुछ और रोशीनी की दरकार है इन अँधेरों के बीच <br /><br />घना जो अंधकार हो हुआ करे हुआ करे<br />सुबीर आगे पीछे हम, चला करें चला करें<br /><br />काफिये का सफर जाने कैसा रहेगा ??<br />Devi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63357891433551545632012-10-18T20:59:14.742+05:302012-10-18T20:59:14.742+05:30अब इतनी भी मुश्किल बहर तो नहीं, जब अरूज़ में गिराए...अब इतनी भी मुश्किल बहर तो नहीं, जब अरूज़ में गिराए जाने के तमाम जुगाड़ मौजूद हों ;-) ...एक बड़ा प्यारा सा गीत है इस बहर पे और पर्दे पे कोई फौजी ही गाता है इसे :-<br /><br />अभी न जाओ छोड कर कि दिल अभी भरा नहीं गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-91983503433931173442012-10-18T08:54:01.866+05:302012-10-18T08:54:01.866+05:30यहाँ अभिव्यक्ति को पूर्ण आकार मिलता है।यहाँ अभिव्यक्ति को पूर्ण आकार मिलता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73960681293972282922012-10-17T20:10:46.956+05:302012-10-17T20:10:46.956+05:30मैंने कई लोगों से इस बहर के बारे में इसकी कठिनाई इ...मैंने कई लोगों से इस बहर के बारे में इसकी कठिनाई इसकी पराकाष्ठा के बारे में सुना है...<br />अब दायित्व मिला है तो देखेंगे... <br />महत्वपूर्ण तथ्य जो भूमिकाओं में स्पष्ट है वो सुन्दर और सारगर्भित है. Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-26314317143405738492012-10-17T17:33:11.982+05:302012-10-17T17:33:11.982+05:30गुरू जी,
अब तो होश फाख्ता होने की बारी है
कमब्ख्त...गुरू जी,<br /><br />अब तो होश फाख्ता होने की बारी है<br />कमब्ख्त कुछ और होता ही नही<br /><br />दीवाली के धूमधड़ाके में अच्छी खबर ली है गुरूजी ने.....<br /><br />सादर,<br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36411752061965769742012-10-17T14:09:07.162+05:302012-10-17T14:09:07.162+05:30हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती ,
स्व...हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती ,<br />स्वयंप्रभा समुज्जवला स्वतंत्रता पुकारती<br /><br />इसे सुनना और गाना तो बड़ा मजा देता था <br />डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं, <br />चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिवो शिवम् <br />भी<br />अब ये जब दिमाग लगा कर लिखना पड़ेगा तो भला क्यों अच्छा लगेगा आगे से :-/ :-/<br /><br /><br />कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-31859538957926199272012-10-16T15:51:07.029+05:302012-10-16T15:51:07.029+05:30इस बहर से तो मैं बच बच के और बचा बचा के चलता था। अ...इस बहर से तो मैं बच बच के और बचा बचा के चलता था। अब क्या होगा? :(<br />मैंने तो सोचा था कि त्योहारों के अवसर पर आसान बहर और आसान मिसरा मिलेगा। यहाँ तो लेने के देने पड़ गए।<br /><br />‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-34977285181941078862012-10-16T15:20:59.103+05:302012-10-16T15:20:59.103+05:30कुछ-कुछ
डगर प चल पड़े तो फिर न राह को कठिन कहो
घन...कुछ-कुछ<br />डगर प चल पड़े तो फिर न राह को कठिन कहो <br />घना जो अंधकार हो हुआ करे हुआ करे <br /><br />जैसी स्थिति में मैं अंधकार को एक चुनौती के रूप में देख रहा हूँ।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-67812943001447157622012-10-16T14:46:54.577+05:302012-10-16T14:46:54.577+05:30तिलक जी आपने तो शक्तिमान धारावाहिक के खलनायक किल्व...तिलक जी आपने तो शक्तिमान धारावाहिक के खलनायक किल्विश के डॉयलाग 'अंधेरा कायम रहे' की याद दिला दी । पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-84816944115023600562012-10-16T14:39:48.535+05:302012-10-16T14:39:48.535+05:301212-1212-1212-1212 मफाएलुन-मफाएलुन-मफाएलुन-मफाएलु...1212-1212-1212-1212 मफाएलुन-मफाएलुन-मफाएलुन-मफाएलुनपंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-79781317632270384632012-10-16T14:01:13.764+05:302012-10-16T14:01:13.764+05:30ब्लॉग की मूल अवधारणा व्यक्तिगत डायरी की है जहॉं ...ब्लॉग की मूल अवधारणा व्यक्तिगत डायरी की है जहॉं ब्लॉगर अपने मनोभाव, व्यथा-कथा, आनंद-मंगल संजोता रहता है और साझा करता रहता है लेकिन समय ने इसे प्रकाशन का सशक्त माध्यम सिद्ध किया और आज ये वही है। फ़ेसबुक एक अलग फ़्रेमवर्क है(ब्लॉगिंग जैसी सुविधा तो इसमें भी है) लेकिन इसमें क्रास-कनैक्शन इतना ज्यादह है कि सामान्य ब्लॉगर के लिये कन्फ़्यूजि़ंग ह। <br />दिल चीज क्या है में मासूमियत है और ये क्या जगह है में पीड़ा की पराकाष्ठा।<br />मफ़ा 12 यलुन् 12 तो मार्चिंग सॉंग के लिये सटीक है। <br />मैं तो गुनगुना रहा हूँ घना जो अंधकार हो बना रहे बना रहे। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76498427616004519072012-10-16T12:14:04.565+05:302012-10-16T12:14:04.565+05:30बधाइयों के बीच तथ्य तुल रहा है आज ग़र
चलो यही स्व...बधाइयों के बीच तथ्य तुल रहा है आज ग़र <br />चलो यही स्वीकार हो, तो हो रहे.. तो हो रहे.. . <br /><br />नवरात्र का प्रात आज कितना मुखर हुआ उगा है ! शुभ-शुभ.<br />सादर शुभकामनाएँ, पंकज भाईजी.. <br /><br />--सौरभ पाण्डेय, नैनी, इलाहाबाद (उप्र)<br /><br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-83684367012349727752012-10-16T12:06:26.384+05:302012-10-16T12:06:26.384+05:30गौतम भाई काहे हमारी तरह सीधा सीधा नहीं लिखते, अब आ...गौतम भाई काहे हमारी तरह सीधा सीधा नहीं लिखते, अब आप के किये को भुगत हम रहे हैं...न आप ऐसा मिसरा कहते न हमारे दिमाग का दही बनता...<br />गुरुदेव आप फेसबुक और ब्लॉग का जो अंतर सर और पाँव के हिलने से बताएं हैं वो सच कहें "विलक्षण है"<br /><br />Ghazal ke rukn bataiye..kya honge...नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-9942882726066622932012-10-16T11:55:43.895+05:302012-10-16T11:55:43.895+05:30अब के दिवाली पे दिमाग के दिवाले का भरपूर इंतज़ाम क...अब के दिवाली पे दिमाग के दिवाले का भरपूर इंतज़ाम कर दिए हैं आप...जय हो...नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-60791180635706028752012-10-16T11:08:07.854+05:302012-10-16T11:08:07.854+05:30प्रणाम गुरुदेव,
तरही मुशायेरे की दस्तक हो चुकी है...प्रणाम गुरुदेव,<br /><br />तरही मुशायेरे की दस्तक हो चुकी है और मिसरा पढने में बहुत सुन्दर लग रहा है लेकिन शेर कहने में पसीने छूटेंगे ये तो पक्का है. फेसबुक और ब्लॉग के बारे में बहुत खूब बात कही है आपने 'फेसबुक पश्चिमी संगीत है जिसे सुनकर पैर हिलते हैं और ब्लॉग शास्त्रीय संगीत है जिसे सुनकर सिर हिलता है' ।<br /><br />गौतम भैय्या का वो शेर शायद ये है जिससे इस तरही मिसरे की ज़मीन तैयार हुई है<br /><br /><br /><br />"है जो आसमान वो दूर कुछ, तो हुआ करे, तो हुआ करे<br /><br />तेरे पंख हो नया दम लिये, नयी कोशिशें, नया ढ़ंग हो"Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.com