tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post7164410704693828108..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: होली का तरही मुशायरा :- आज आ रही है एक चांडाल चौकड़ी जिसमें शामिल हैं गिरीश पंकज, डॉ. मोहम्मद आज़म, राजेन्द्र स्वर्णकार और जोगश्वर गर्ग । सनम की गली में जूते खाने ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-9075118311466278272010-03-04T16:31:50.204+05:302010-03-04T16:31:50.204+05:30बस देखते रह जाओ। वाह क्या कमाल की कलाकारी है। सद्भ...बस देखते रह जाओ। वाह क्या कमाल की कलाकारी है। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73036570152783240702010-03-04T16:30:47.551+05:302010-03-04T16:30:47.551+05:30बस देखते रह जाओ। वाह क्या कमाल की कलाकारी है। सद्भ...बस देखते रह जाओ। वाह क्या कमाल की कलाकारी है। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-30691865655824295862010-02-27T22:10:37.418+05:302010-02-27T22:10:37.418+05:30पंकजजी !
बड़े जिद्दी और अड़ियल है आप भी. बस अपने म...पंकजजी !<br />बड़े जिद्दी और अड़ियल है आप भी. बस अपने मन की करवा के ही मानते हैं. ये बहुत गलत बात है. मेरी हज़ल पे कमेन्ट मार कर आपने सारा नशा उतार दिया. फिर से किलो भर भंग घोंट कर पीनी पडी तब कहीं जा कर ससुरा दिमाग ठिकाने आया. भंग का बिल भेज रहा हूँ. अपने पट्ठे वीनस के हाथ भिजवा देना ईमानदारी से. उसे ताईद कर देना बीच में कमीशन नहीं मारे. [ क्योंकि कमीशन खाना सिर्फ हमारा अधिकार है. हा हा हा ] आप तो जानते ही हैं चोर पर मोर not alowwed .<br />और हाँ, आयन्दा से मेरी ग़ज़ल पर कमेन्ट मारने की हिमाक़त मत करना. इस बार तो होली है इसलिए माफ़ किये देते हैं. <br />ओफ्फो ! नाराज़ हो गए क्या? तो आप भी मेरे इस कमेन्ट को होली समझ कर माफ़ कर दो यार! अरे! अब भी मुंह फुलाए बैठे हो? बड़े वो हो. चलो आपकी जिद पूरी कर ही देते हैं. ये लीजिये आपके रदीफ़ काफिये पर दो शेर. अब तो खुश? अब दो दाद खुज़ली और............<br />सब को होली की बहुत बहुत शुभ कामनाएं!<br /><br />सुबह सवेरे भरी दुपहरी लगाए फेरे तेरी गली में <br />घुसें किधर से छुपें किधर को हजार पहरे तेरी गली में <br />गए बरस हम किसी तरह से पहुँच गए थे तेरी गली में <br />उतर गया है बुखार सारा पड़े वो जूते तेरी गली मेंjogeshwar garghttps://www.blogger.com/profile/18415761246834530956noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-55300921637089111472010-02-26T00:07:20.537+05:302010-02-26T00:07:20.537+05:30अर्श भाई को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायेअर्श भाई को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायेवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-1647040838253456252010-02-25T23:46:48.808+05:302010-02-25T23:46:48.808+05:30बस जोगेश्वर जी से चैटिया रहे हैं :)
तिलक जी से चै...बस जोगेश्वर जी से चैटिया रहे हैं :)<br /><br />तिलक जी से चैटिया चुके :)वीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-14223356005144439442010-02-25T23:44:19.868+05:302010-02-25T23:44:19.868+05:30हमहू यहीं है
गुरु जी हमका भी नहीं बताए अब कल तक...हमहू यहीं है <br /><br />गुरु जी हमका भी नहीं बताए अब कल तक.........वीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-3326835805089022752010-02-25T22:47:32.917+05:302010-02-25T22:47:32.917+05:30मोहम्मद आज़म गिरीश पंकज गरग जोगेश्वर हैं साथ मेरे ...मोहम्मद आज़म गिरीश पंकज गरग जोगेश्वर हैं साथ मेरे <br />सुबीर पंकज की प्रेरणा से जमे हैं बच्चे तेरी गली में <br /> <br />सभी चचा ताऊ ताई बहनों का आभार हौसला बढाने के लिए ... <br /><br />राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-22918873029072625372010-02-25T22:46:24.766+05:302010-02-25T22:46:24.766+05:30ha ha ha ....holi hudang ko aapane to pure jor par...ha ha ha ....holi hudang ko aapane to pure jor par laa diya !! bahut sahiiiiii..........Aabhar!रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-34627584276934837942010-02-25T22:44:16.301+05:302010-02-25T22:44:16.301+05:30तरही वाकई नदी की तरह अपने उफान पर है ,.इन चारो धुर...तरही वाकई नदी की तरह अपने उफान पर है ,.इन चारो धुरंधरों ने क्या खूब होली खेली है गुरु देव... मजा आगया ...गिरीश जी ने पहला शब्द ही पहलवानी से कर दी बच्चे जब ये कहें तो हदें पार कर देने वाली बात कर देते हैं... और दुसरे शे'र पर खुद को ठिठका सा पा रहा हूँ फिर से...<br />आज़म साहब के तो हम पहले से ही फेन हैं और इस बारी होली विशेष पर और कहां की शायरी कही है इन्होने ... सलाम करता हूँ इनको ...<br />स्वर्णकार साहब वाकई शिल्पकार हैं... पहली मर्तबा ही पढ़ रहा हूँ इनको ... और फिर अपने सरे ही शे'रों को धता बता रहा हूँ ..<br />गर्ग साहब ने सबसे ज्यादा चकित किया है आज की तरही में ... सभी को होली की वेशेष तौर से बधाई... मगर खुशखबरी नहीं बतायी जा रही है ये गलत है गुरु देव ये तो पारदर्शिता वाली बात नहीं हो रही है के एक को पता रहे और दुसरे को भनक भी ना लगे... मुझे बेचैनी हो रही है ... और रात भर सो नहीं पाउँगा... <br />होली की फिर से बधाई सभी को...<br /><br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76485652198229229312010-02-25T22:40:32.521+05:302010-02-25T22:40:32.521+05:30फरक को फ्राक पढ़ा जावे!फरक को फ्राक पढ़ा जावे!प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-35532765778317228612010-02-25T22:38:07.092+05:302010-02-25T22:38:07.092+05:30नन्हे मुन्नों ने तो कमाल कर दिया.नन्हे से मुन्ने स...नन्हे मुन्नों ने तो कमाल कर दिया.नन्हे से मुन्ने से अच्छे से बच्चे से प्याले प्याले... आदरणीय गिरीश जी ,इस उम्र में भी...कमाल है भाई---पूत के पाँव तो पलने में दिखाई दे रहे है...अभी से फिआंसी की मम्मी को टुनटुन ???<br />और परम आदरनीय आजम साहब...आपने तो अपने बचपन में भी कमाल के शेर लिखे है...सियासत वाला और शरीफ जैसा वाला कमाल के है...पयामे उल्फत तो गजब है...और सबसे सुन्दर है--तू है सितम गर तो है मेहरबान वाला---जबान जितनी बयान उतने की गिरह पर तो उछल पड़ा मैं...वाह वाह!!<br />...राजेन्द्र जी का शर्ट कहाँ है???...धोबी ले गया शायद...पछाड़ने के लिए...कमाल इस बात का है कि शाहरूख से शेटी बन गए...वाह!<br /><br />जोग्र्श्वर जी,का फरक बहुत अच्छा लगा है-नया है कल ही मेले में लिया था...<br />आपकी हजार बातें करोड़ किस्से पर खूब तालियाँ बजी ...वाह वाह!प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36733680116225701342010-02-25T22:10:12.735+05:302010-02-25T22:10:12.735+05:30@ और आज तो वैसे ही खुशी इतनी जबरदस्त है उस खबर को ...@ और आज तो वैसे ही खुशी इतनी जबरदस्त है उस खबर को सुनकर कि क्या कहें<br /><br />अरे गौतम भईया हमका ना बताइयेगा का की कौन सी खुस खबरी<br /><br />अकेले अकेले खुस हो लिए ?वीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-44425139398070001652010-02-25T21:44:51.834+05:302010-02-25T21:44:51.834+05:30बहुत अच्छा रंग जमा है।बहुत अच्छा रंग जमा है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-38015232583536656772010-02-25T20:26:44.466+05:302010-02-25T20:26:44.466+05:30होली की मस्ती पूरे चरमोत्कर्ष पर है। हम तो उलझ गये...होली की मस्ती पूरे चरमोत्कर्ष पर है। हम तो उलझ गये हैं गुरुदेव इन जबरदस्त हज़लों में, आपके फोटोशाप की कलाकारी में, वन-लाइनर में...<br /><br />और आज तो वैसे ही खुशी इतनी जबरदस्त है उस खबर को सुनकर कि क्या कहें।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76333533553322644002010-02-25T19:41:52.667+05:302010-02-25T19:41:52.667+05:30chadhaa diya hai rang sab par, gajab hai pankaj ki...chadhaa diya hai rang sab par, gajab hai pankaj ki 'tunn' mahafil/ ham bhi bigade are achanak yaar aa ke teri galee me.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-13965466198295401942010-02-25T19:38:32.606+05:302010-02-25T19:38:32.606+05:30hahahahahaha...........holi ke rang aur wo bhi ek ...hahahahahaha...........holi ke rang aur wo bhi ek se badhkar ek............mazaa aa gaya.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-84402505842756978602010-02-25T18:10:09.361+05:302010-02-25T18:10:09.361+05:30राजेंद्र स्वर्णकार जी और जोगेश्वर गर्ग जी को पढ़कर...राजेंद्र स्वर्णकार जी और जोगेश्वर गर्ग जी को पढ़कर मजा हा गियाSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-44463450630810920872010-02-25T16:08:35.503+05:302010-02-25T16:08:35.503+05:30गुरु देव पाँव लागी
आज त जोगेस्वर बाबू का पढ़ के ...गुरु देव पाँव लागी <br /><br />आज त जोगेस्वर बाबू का पढ़ के भांग के मजा दुगना होय गवा बहुत दिन से दिल में हसरत रही की बाबू जी का हिया तरही में पढ़ी <br />का आप लोगन का पता है इन्हूं पाभी बाबू के तरहा बहुत खेले खाए हैं तीन बार एम्.एल.ए के कुरसी पे बैठ चुके है तबहू आपण फोटो ऐसा चेपे हैं बिलाग में के लागल बानी अभिन कारज जात होय, हम त बूझीं ने पाए रहे <br /><br />बाकी बात रात का दुई गोला चढावे के बादवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-4885042893575370962010-02-25T13:55:09.974+05:302010-02-25T13:55:09.974+05:30वाह गुरु जी मजा आ रहा है इस बार की तरही में इन बच्...वाह गुरु जी मजा आ रहा है इस बार की तरही में इन बच्चों की हजलों को पढ़कर...होली की शुभकामनाएँअर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36524466045231804872010-02-25T12:40:18.816+05:302010-02-25T12:40:18.816+05:30हंसने से फुर्सत मिले तो न करें टिपण्णी...पूरे के प...हंसने से फुर्सत मिले तो न करें टिपण्णी...पूरे के पूरे हिल रहे हैं और दूर से देखने वाले हैरान हैं की क्या हो गया ये आदमी को...होली से पहले ही पगला रहा है...बहुत धाँसू तरही जा रही है गुरुदेव...ये नटखट बालक तो अच्छे अच्छों के कान काट रहे हैं...<br />गिरीश जी का " चढ़ी जवानी में भंग...", डा.आज़म का " तू है सितमगर...", राजेंद्र जी का " जड़े दनादन...", जोगेश्वर जी का " तेरी गली से निकल गए..." शेर नहीं बब्बर शेर हैं जो दहाड़ रहे हैं और हम जैसों के पेट में बल डाल रहे हैं...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-31247599473369161112010-02-25T11:42:45.596+05:302010-02-25T11:42:45.596+05:30राम राम ऐसे बच्चे हों तो ...... तो भगवान सब को दे ...राम राम ऐसे बच्चे हों तो ...... तो भगवान सब को दे .. क्या कमाल के शेर निकाले हैं ... हर कोई एक दूजे से बढ़ कर है ... हम जैसे नोसिखिए कुछ कहें इनके बारे में ...... हमारी क्या मज़ाल .... <br />बस आनंद लेने आ रहे हैं हम तो ... दिन में कई बार पढ़ते हैं ... हंसते हैं लौट जाते हैं ... फिर वापस आते हैं ... भई कमाल का मुशायरा है .... ऐसा सफल आयोजन तो गुरुदेव आपके बस की ही बात है .....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36164630232431806192010-02-25T10:58:10.833+05:302010-02-25T10:58:10.833+05:30चारों महारथियों की हज़ल पर क्रमबद्ध टिप्पणी:
गिरी...चारों महारथियों की हज़ल पर क्रमबद्ध टिप्पणी:<br />गिरीश पंकज़, हज़ल तुम्हारी, पढ़ी तो बूढ़े, चढ़ा के भंगिया<br />जवान होने की एक पुडि़या, चले हैं लेने, तेरी गली में।<br /><br />खुली है कक्षा, पढ़ो तो आकर, बड़े कमीने पढ़ा रहे हैं,<br />ये डाक्टर, पर कभी ना आये, नरस पे लटके, तेरी गली में।<br /><br />डॉ आज़म साहब ने हज़ल में भी ग़ज़लियत ला ही दी। हो चाहे मुस्लिम, हो चाहे हिंदू... और दिलोंको आपस..... सवा सेर के शेर। शेर के हिसाब से कम हो गया वज़न, चलता है होली में, दिल ना माने तो सवा टन का कर लो अपन तो तुक मिला रहे थे। <br /><br />क्यूँ पूतना, कंस के वंशजों की बुलाके रक्खी थी फ़ौज तुमने<br />भाई रजिन्दर, पिटे हैं इतने, कि इश्क हारे, तेरी गली में।<br /><br />हँसे नहीं जो, फँसे नहीं जो, कहॉं भला, नर बचे हैं ऐसे<br />महाबली हो, या तिफ़्ल कोई, सभी हैं हारे, तेरी गली मेंतिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-68142034588541625142010-02-25T10:42:37.956+05:302010-02-25T10:42:37.956+05:30बहुत खूब है आज की महफ़िल :) एक गाना याद आ रहा है......बहुत खूब है आज की महफ़िल :) एक गाना याद आ रहा है... " जो हमने दास्तान अपनी सुनाई ... " :) <br />सुबीर भईया, आपके sense of humor के लिए जब तक हम कोई नया दाद फार्मूला नहीं निकाल लेते तब तक आप वही पुरानी वाह !! वाह!! से काम चलाईये ...<br />गिरीश जी, आज़म जी, राजेन्द्र जी और गर्ग साहब आप सभी दाद क़ुबूल फरमाएं. <br />---<br />कुछ शेर नए और बहुत अच्छे लगे, कई और भी बहुत सुन्दर हैं पर उन्हें नीचे नहीं लिख रहे क्योंकि वे "आप बीती " टीम के Universal sentiments लगते हैं :)<br />जो हमने काला...<br />पयामे उल्फत...<br />तू है सितमगर... ( ये सुपर हिट )<br />हो चाहे मुस्लिम...<br />दिलों को आपस में...<br />जड़े दनादन हज़ार...<br />हजूर हम भी वही... (वाह !)<br />ना हो अन्धेरा, ना हो अन्धेरा... (क्या बात है!)<br />हज़ार बातें,करोड़ किस्से... ( ये 'सितमगर' वाले भाव लिए हुए , वाह!)<br />-----<br />सुबीर भैया अब आपको क्या कहें... आप तो आप ही हैं :) :)<br />सादर...Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-9329386844402138452010-02-25T10:38:59.128+05:302010-02-25T10:38:59.128+05:30सुबीर इन चार दिग्गजों के उलाहने सहने का दम नही है ...सुबीर इन चार दिग्गजों के उलाहने सहने का दम नही है ये तो उस्तादों के उस्ताद बच्चे हैं क्या रंग फेंके हैं हम तो अपनी आँखें ही मलते रह गये ---- आज पता चला कि सही मे हज़ल क्या है तीनो के शेरों मे नज़ाकत भी है और हुडडंग भी इतनी भाँग पी कर भी इनके होश ठिकाने पे हैं घूर आश्चर्य<br />पंकज जी के शेर<br />सभी भंगोडी सभी नशेडी-----<br />देखे है टुनटुन ------- <br />वाह वाह क्या बात कही।<br />और डा. आजम जी के मतले से आगे नही बढ रही हूँ देखिये खुद को कितना शरीफ समझ रहे हैं वो तो उनको पडे हुये जूतों से ही पता चल रहा है । <br />प्यामे उल्फत सलामे उलफत----- <br />गया था इक रोज़-------ये इनकी श्राफत का सबूत देखिये। पूरी गज़ल ही बहुत बडिया है <br />राजेन्द्र जी को पहली बार पढा है शायद मगर वो भी उस्ताद हैं<br />मारी गयी थी मत------ क्या होली पर भांग पी कर भी मत रहती है --- इतनी क्या मुफ्त की समझ कर पी गये?<br />तभी तो<br />जडे दनादन ----<br />किसी ने जबडे----- ये जरूर मेरे-- ये जरूर मेरी कल वाली फौज का काम है। बहुत अच्छी लगी हज़ल<br />और गर्ग जी ने तो और भी कमाल कर दिया<br />न वो पिलाते----- वाह खुद पीने का आरोप भी उन पर जड दिया क्या बात है<br />न रंग ऐसे उडे----- सही कहा ऐसी होली हमने तो पहले नही देखी थी इन सब को बहुत बहुत बधाई मेरी फौज के सिपाहिओ आओ अब जूतों से इन की आर्ती उतारो। और सुबीर के लिये कीचड लाना मत भूलना।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-24044281125082488582010-02-25T10:07:31.901+05:302010-02-25T10:07:31.901+05:30हाय रे हाय रे हाय रे
सब बचुवन सब होली में चंडाल र...हाय रे हाय रे हाय रे<br /><br />सब बचुवन सब होली में चंडाल रूप में आ गईल... अब का होई...<br /><br />ऐसन रस बरसल ग़ज़ल में... हम नतमस्तक हो गैनी... डा. आजम साहब... और गिरीश साहब... थोडा धीरे धीरे पढ़ा न.<br /><br />हम पानी पीकर आवत बानी.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.com