tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post6397376727440200138..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: अँधेरी रात में जब दीप झिलमिलाते हैं... कितना कुछ बदल गया है पिछले सात सालों में ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-71157589911360401092014-10-16T20:06:40.019+05:302014-10-16T20:06:40.019+05:30bahut sunder prastuti badhaayi !!bahut sunder prastuti badhaayi !!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01229721606335613058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-15035780778180716282014-10-16T19:49:58.858+05:302014-10-16T19:49:58.858+05:30बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको तथा इस्मत जी को सम्म...बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको तथा इस्मत जी को सम्मान प्राप्त के लिए बहुत बहुत बधाई...<br />नयी पोस्ट<a href="http://pbchaturvedi.blogspot.in/" rel="nofollow">@बड़ी मुश्किल है बोलो क्या बताएं</a><br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-25914802080345948542014-10-16T13:43:14.402+05:302014-10-16T13:43:14.402+05:30आदरणीया इस्मत आपा को मेरी हार्दिक बधाइयाँ. शिवना स...आदरणीया इस्मत आपा को मेरी हार्दिक बधाइयाँ. शिवना सम्मान के आत्मीय भाव अव्याख्येय हैं. <br />शुभ-शुभ<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-7110663770197412072014-10-16T13:32:54.488+05:302014-10-16T13:32:54.488+05:30नीरजभाईजी, मांगता है तो आप दुनिया की वाह-वाह करो, ...नीरजभाईजी, मांगता है तो आप दुनिया की वाह-वाह करो, अपुन तो आपके लिए वाह-वाह करेगा.. !<br />:-)))<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-33530326703527213982014-10-16T11:04:40.822+05:302014-10-16T11:04:40.822+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति
इस्मत जी की हार्दिक बधाई !बहुत सुन्दर प्रस्तुति <br />इस्मत जी की हार्दिक बधाई !कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73895848840756720712014-10-15T21:58:12.030+05:302014-10-15T21:58:12.030+05:30गुलाटी आप कैसे मारेंगे, आपके बचपन का दोस्त है।
अ...गुलाटी आप कैसे मारेंगे, आपके बचपन का दोस्त है। <br />अब उम्र के साथ शरीर कितना भी फिट रखो बहुत हुआ तो करवट ही ली जा सकती है। शायरी के मजे यह हैं कि ख़यालों के करवट लेने से ही कामयाब शेर बनते हैं। तो बस अब जल्दी से अच्छे वरिष्ठ नागरिक की तरह एक अच्छी सी ग़ज़ल भेज दें। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-48026619993193028152014-10-15T21:53:17.453+05:302014-10-15T21:53:17.453+05:30दीपावली के आगमन का संकेत तो आज की पोस्ट से मिल ही...दीपावली के आगमन का संकेत तो आज की पोस्ट से मिल ही गया है। बस इस सप्ताहांत में कोशिश करता हूँ कि कुछ कह सकूँ। <br />जल्दी हाजिर होता हूँ। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-4536207471772864082014-10-15T19:39:16.244+05:302014-10-15T19:39:16.244+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की च...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br /> आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बृहस्पतिवार (16-10-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "जब दीप झिलमिलाते हैं" (चर्चा मंच 1768) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच के सभी पाठकों को<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-55032817301241782512014-10-15T15:40:24.454+05:302014-10-15T15:40:24.454+05:30इस्मत जी को ढेरों बधाइयाँ ………हमेशा की तरह बढिया लज़...इस्मत जी को ढेरों बधाइयाँ ………हमेशा की तरह बढिया लज़ीज़ स्वादिष्ट गज़लें पढने को मिलेंगी फिर तो हमें :)vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-15109034755788912992014-10-15T11:43:59.968+05:302014-10-15T11:43:59.968+05:30कहते हैं बंदर चाहे बूढ़ा हो जाय गुलाटी मारना नहीं भ...कहते हैं बंदर चाहे बूढ़ा हो जाय गुलाटी मारना नहीं भूलता , बन्दर और इंसान में शायद फर्क होता है तभी हम चाह कर भी गुलाटी नहीं मार पा रहे , बहुत कोशिश कर रहे हैं और हर कोशिश में औंधे मुंह गिर रहे हैं , अगर गुलाटी खुदा न खास्ता लग गयी तो ग़ज़ल भेज देंगे वरना अच्छे शायरों को पढ़ कर वाह वाह करेंगे. ये काम भी तो जरूरी होता है न,<br /><br />इस्मत बहना को ढेरों बधाई , ऊपर वाले ने चाहा तो सीहोर में मिलना होगा। <br /><br />जय जय पढ़ कर भोपाल के राजकुमार केसवानी जी याद आ गए जो अपने हर लेख के अंत में जय जय लिखते हैं. <br /><br />तरही की सफलता के लिए ढेरों शुभकामनाएं <br /><br />नीरज नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com