tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post6330817158745391934..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: फ़लक पे झूम रहीं सांवली घटाएं हैं, कैसा लगा आपको ये मिसरा वर्षा ऋतु के स्वागत के लिये आयोजित होने वाले तरही मुशायरे के लिये ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-69607102053392129232010-06-27T01:55:42.561+05:302010-06-27T01:55:42.561+05:30सुबीरजी , तरही मुशायरे की घोषणा के लिए धन्यवाद !
च...सुबीरजी , तरही मुशायरे की घोषणा के लिए धन्यवाद !<br />चार दिन पहले सूचना पढ़ने के साथ ही मां सरस्वती ने कुछ देना शुरू कर दिया था … ग़ज़ल लगभग तैयार है …<br /><br /><b>अंतिम तिथि क्या है रचना भेजने की ?</b><br /><br />होली तरही पर तो आपकी रचना को तरस गए थे … कृपया , इस बार मत तरसाइएगा । <br /><br />- राजेन्द्र स्वर्णकार <br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">शस्वरं</a></b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-14147721820216913452010-06-27T00:47:09.106+05:302010-06-27T00:47:09.106+05:30तरही मुशायरे के आगाज़ के लिए शुक्रिया. आजकल दिमाग ...तरही मुशायरे के आगाज़ के लिए शुक्रिया. आजकल दिमाग कहीं और लगा हुआ है मेरा. फिर भी कोशिश करता हूँ. ब्लॉग की सजावट बहुत सुन्दर है. बधाई !jogeshwar garghttps://www.blogger.com/profile/18415761246834530956noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-23458727994995632182010-06-25T11:48:27.064+05:302010-06-25T11:48:27.064+05:30गंभीर समस्या खड़ी कर दी भाई आपने, मुझ जैसे सीमित ...गंभीर समस्या खड़ी कर दी भाई आपने, मुझ जैसे सीमित बह्रों पर काम करने वालों के लिये। <br />ईता का दोष मुझे लगता है कि शाइर की बेखयाली की वज़्ह से होता है वरना मत्ले में इसे संभालना इतना कठिन नहीं होना चाहिये कि स्थापित शाइर इस विषय में चूक कर जायें। <br />मुझे लगता कि ज्यादहतर शाइर शिक्षण से नहीं मिज़ाज़ से होते हैं, स्वाभाविक है कि उन्हें बहुत सी बातें पता ही नहीं होती। जब कोई दोष बताता है तो समझ में आती हैं। दूसरी बात यह है कि अगर इंटरनैट नहीं आता तो शाइरी का व्याकरण हिन्दी भाषियों को तो कभी सुलभ ही नहीं हो पाता। क्या यह उचित नहीं होगा कि एक पोर्टल इस विधा को पूरी तरह सार्वजनिक करने के लिये समर्पित किया जाये?तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-29375415115912316992010-06-24T18:41:01.482+05:302010-06-24T18:41:01.482+05:30Misra bahut acha hai. Baarish zaroor rang layegi.Misra bahut acha hai. Baarish zaroor rang layegi.Devi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-31131615438917687632010-06-24T07:57:27.479+05:302010-06-24T07:57:27.479+05:30गुलाब ख्वाब दवा जहर ज़ाम क्या क्या है
मैं आ गया हूं...गुलाब ख्वाब दवा जहर ज़ाम क्या क्या है<br />मैं आ गया हूं बता इंतजाम क्या क्या है<br />फ़कीर शाह कलंदर इमाम क्या क्या है<br />तुझे नहीं पता तेरा गुलाम क्या क्या है<br /><br />...राहत इंदौरी साब की ये ग़ज़ल मुझे बहुत पसंद है इस बहर पे।<br /><br />ब्लौग के नये भीगे-भीगे कलेवर मदमस्त कर दिया गुरूदेव...और तरही का मौसम फिर से शुरू हुआ।<br />करते हैं कोशिश कुछ।<br /><br />घर पे हूं और इस मिस्रे जैसा ही मौसम हो रखा है।<br />परसों तो आपसे मुलाकात भी होनी है.....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-7507349240003925122010-06-24T02:34:38.901+05:302010-06-24T02:34:38.901+05:30गुरूजी,
प्रणाम,
कृपया इता और शुतुगुरबा के बारे में...गुरूजी,<br />प्रणाम,<br />कृपया इता और शुतुगुरबा के बारे में विस्तार से बताएं..Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-11603491581824576742010-06-23T13:55:11.083+05:302010-06-23T13:55:11.083+05:30प्रणाम गुरु जी,
मिसरा तो बहुत खूबसूरत है.............प्रणाम गुरु जी,<br />मिसरा तो बहुत खूबसूरत है...........<br /><br />ब्लॉग का नया रूप-रंग हमेशा की तरह मन को रोमांचित कर रहा है.<br /><br />विज्ञान व्रत जी का ख़त पढ़ा, आपको ढेरों बधाइयाँ<br /><br />ये दोनों दोष(इता और शुतुर्गुरबा) जब भी आपने बताये तो सर के ऊपर से गुजरे, अभी आपसे बातचीत के दौरान जब आपने शुतुर्गुरबा का दोष कहा तो पहले मेरे दिमाग में शुतुरमुर्ग आया, मैंने सोचा शायद इसी के कारण ये नाम पढ़ा हो.............. ये दोष तो दोष सही, इनके नाम भी कम नहीं है इनसे.Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-28278973864465913942010-06-23T02:05:16.916+05:302010-06-23T02:05:16.916+05:30पोस्ट से पहले ब्लॉग के रंग संयोजन के बदलाव पर नज़र...पोस्ट से पहले ब्लॉग के रंग संयोजन के बदलाव पर नज़र पडी, हरा, हरा :) बहुत अच्छा लगा <br /><br />फिर ध्यान गया लाता जी के ब्लॉग के लिंक पर, ब्लॉग तक टहल आये, आपकी तरह मैं भी असमंजस में हूँ, <br />अगर ब्लॉग खुद लाता जी का है तो अब तक मीडिया चुप क्यों है ?<br /><br />फिर पूरी पोस्ट पढ़ी.<br /><br />पोस्ट पढ़ कर सबसे पहला ख्याल मन में आया की काश इस बहर में फाइलातुन, फएलातुन ना हुआ होता, कितना बढ़िया होता :)<br /><br />इता दोष के बारे में पढ़ कर सोचा काश मैं बड़ा ही न हों पाऊं :) अगर बडें हुए तो ये इता दोष बहुत परेशान करेगी<br /><br />मिसरे के बारे में तो कहना भूल ही गया ... मिसरा बहुत अच्छा है {इस पर गिरह लगा लिया है :)}<br /><br />बाकी के शेर लिखना पापड को गोल बेलने जितना मुश्किल है :)<br /><br />चिट्ठी पढ़ी पढ़ कर और देख कर मज़ा आया,, रेखा चित्र देख कर मज़ा आ गयावीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-56283654037919854372010-06-23T01:51:21.980+05:302010-06-23T01:51:21.980+05:30गुरु जी प्रणाम,
मेरे ख्याल से आज सुबह सबसे पहले य...गुरु जी प्रणाम,<br /><br />मेरे ख्याल से आज सुबह सबसे पहले ये पोस्ट मैंने ही पढ़ी <br /><br />फिर पढ़ी <br /><br />आपको मेल भेजी <br /><br />पोस्ट फिर पढ़ी <br /><br />२ कमेन्ट आये उनको पढ़ा <br /><br />फिर मेल की <br /><br />फिर पोस्ट पढ़ी <br /><br />फिर आपकी मेल आई<br /><br />कमेन्ट ७ हो गए उनको पढ़ा <br /><br />आपसे फोन पर लंबी बात भी कर ली<br /><br />अभी ९ कमेन्ट हो गए उनको पढ़ा <br /><br />और अब जा के ध्यान आया की मैंने तो कमेन्ट किया ही नहीं :)वीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-10966705444084697062010-06-22T23:21:37.459+05:302010-06-22T23:21:37.459+05:30गुरूजी,
प्रणाम.
मिसरा बहुत अच्छा है.
मुश्किल तो हो...गुरूजी,<br />प्रणाम.<br />मिसरा बहुत अच्छा है.<br />मुश्किल तो होगा लेकिन कोशिश करूँगा.Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-32653710940627235542010-06-22T18:24:24.591+05:302010-06-22T18:24:24.591+05:30आपके गुरूजी ने तो कह दिया कि अब आप बडे हो गये हो अ...आपके गुरूजी ने तो कह दिया कि अब आप बडे हो गये हो अब दोश नही होना चाहिये और आपके सभी चेले भी बडे हो गये हैं मगर मै तो अभी बच्ची हूँ ना गज़ल के मामले मे तो मेरे दोश माफ हैं क्या? अभी आपके दिये दो तीन सबक ही पढे हैं।कुछ तिलक जी के ब्लाग पर पढा है मगर अभी बहुत कुछ समझना बाकी है। मुझे भी बतायें कि इत्ता का दोश क्या होता है। नही तो रूठ जाऊँगी। लगता है मेरे लिये इस बार की बहर कुछ मुश्किल होगी मगर देखती हूँ। आपके सभी लिन्क अभी पढने हैं मै अभी आपकी कहानियाँ भी नहीं पढ पाई।ाब पढती हूँ। बहुत बहुत आशीर्वाद इसी तरह नाम चमकता रहे।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-19135169513556601792010-06-22T16:02:23.740+05:302010-06-22T16:02:23.740+05:30प्रणाम गुरु देव,
इस गर्मी के बारे में कुछ नहीं कह ...प्रणाम गुरु देव,<br />इस गर्मी के बारे में कुछ नहीं कह सकता मगर इस मिसरे को पढ़ दिल खुश हो गया सच कहूँ तो , पिछली दो पोस्ट पर अपनी हाजिरी नहीं दे पाया उसके लिए क्षमा चाहूँगा , मगर इस मिसरे के बारे में यही कह सकता हूँ की इसे पढ़ते ही इस कमबख्त गर्मी से सारे गिले ख़त्म कर ली ! ब्लॉग का कलेवर फब रहा है गुरु जी खूब शानदार है !आने वाले मौसम की यही निशानी है !<br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-40658492175951867792010-06-22T15:59:08.398+05:302010-06-22T15:59:08.398+05:30अम तो किसी काबिल नही हैं मगर सबको पढना अच्छा लगता ...अम तो किसी काबिल नही हैं मगर सबको पढना अच्छा लगता है इंतज़ार रहेगा पढने का।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-41300999009419955072010-06-22T15:47:43.117+05:302010-06-22T15:47:43.117+05:30हम सर खुजलाना शुरू कर दिया हूँ...अभी तक तो कुछ हाथ...हम सर खुजलाना शुरू कर दिया हूँ...अभी तक तो कुछ हाथ आ नहीं रहा सिवाय चंद सफ़ेद बालों के...आगे भी इस खोपडिया से हाथ में कुछ आ पायेगा इस पर संदेह की सांवली घटायें छाई हैं...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-68209998646402609232010-06-22T15:01:19.485+05:302010-06-22T15:01:19.485+05:30मिसरा बहुत मस्त है ... बरसात के जश्न की तैयारी हो ...मिसरा बहुत मस्त है ... बरसात के जश्न की तैयारी हो रही है ... इस बार मुशायरा लाजवाब होगा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-67735040698500167032010-06-22T14:35:50.679+05:302010-06-22T14:35:50.679+05:30प्रणाम!
आज की पोस्ट पढ़ नयी उमंग और कुछ चेतना का सं...प्रणाम!<br />आज की पोस्ट पढ़ नयी उमंग और कुछ चेतना का संचार हुआ.तरही का ये बहर और मिसरा ख़ूबसूरत है. धीरे धीरे बहर विज्ञान समझ आ रहा है.<br />ईता का दोष जो मैंने समझा - काफिया से पहले वाला शब्द भी उसी अंतरा का होना जिससे गुनगुनाने में बाधा हो. इस कहानी के बारे में मैंने तो पहले भी आपको जवाब दिया था. चर्चा तो होना ही है. पत्र पढने का आनंद भी खूब मिला आज तो.<br />बहरहाल फलक पे झूम रही सांवली घटाएं हैं, ने मन को तरंगित किया.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-90956748006060169042010-06-22T12:53:12.441+05:302010-06-22T12:53:12.441+05:30GURUDEV PRANAAM,
MISRA BAHUT SHAANDAAR HAI...MUSHY...GURUDEV PRANAAM,<br />MISRA BAHUT SHAANDAAR HAI...MUSHYARA BHI JAANDAAR HOGA...PAR NET SE DOOR HONE SE SHAYD ME ISME BHAG NA LE PAAUN...VAISE EETA DOSH MUJHE ABHI BHI SAMJH ME NAHI AAYA...प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-72242496905606903562010-06-22T12:44:38.221+05:302010-06-22T12:44:38.221+05:30वाह ! गुरु जी मजा आ गया..मैं तो आपके ब्लॉग पर मुश...वाह ! गुरु जी मजा आ गया..मैं तो आपके ब्लॉग पर मुशायरे का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करती रहती हूँ ...बरसात हो या ना हो पर हमारे मुशायरे में तो झमाझम बारिश होगी सबकी ग़ज़लों की...अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.com