tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post5585957207082996529..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: आज से शुरू हो रहा है दीपावली का महापर्व, आइए आज से हम भी शुरू करते हैं अपना तरही मुशायरा सौरभ पाण्डेय जी, गिरीश पंकज जी और डॉ. कुमार प्रजापति के साथ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-67981613256741924422016-11-03T08:02:31.284+05:302016-11-03T08:02:31.284+05:30दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सौरभ पांडेय जी
गिरी...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।<br />सौरभ पांडेय जी<br />गिरीश पंकज जी<br />डा. कुमार प्रजापति जी को बेहतरीन कलाम के लिए बधाई।शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-11825908053580996892016-11-03T08:02:06.254+05:302016-11-03T08:02:06.254+05:30दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सौरभ पांडेय जी
गिरी...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।<br />सौरभ पांडेय जी<br />गिरीश पंकज जी<br />डा. कुमार प्रजापति जी को बेहतरीन कलाम के लिए बधाई।शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-89671007092903698962016-10-29T23:45:22.677+05:302016-10-29T23:45:22.677+05:30सौरभ पाण्डेय:
नये अन्दाज़ के अशआर कहे है।
सड़क पर...सौरभ पाण्डेय:<br />नये अन्दाज़ के अशआर कहे है। <br /><br />सड़क पर शोर से कब है शिकायत, <br />चढ़ी नज़रें मुखर आवाज़ पे हैं !<br />बहुत ख़ूब।<br /><br />( सड़क के शौर से बस ये शिकायत<br />नही क्यों कान के पर्दे फटे है!)<br />=======================<br /><br />गिरीश पंकज:<br />"उजाले ने खुशी की तान छेड़ी <br />अँधेरे पढ़ रहे अब मर्सिये हैं।”<br /><br />उम्दा ग़ज़ल कही है।<br /><br />(उजाले की दियो की बात कर के<br />ग़ज़ल को रौशनी से भर दिये है)<br />निभाया ख़ूब है मतला ता मक्ता<br />ग़ज़ल को भी नज़म सी बुन दिये है)<br />=========================<br />Kumar prajapati:<br />अँधेरे का कलेजा फट रहा है <br />'उजाले के दरीचे खुल रहे हैं'<br />तरही मिसरे को ख़ूब बांधा है, ख़ास पसंद आया।<br />------- ----------------------<br />तमन्ना थी कि उनसे बात करते <br />ये हालत है कि बस चुप-चुप खड़े हैं.<br /><br />प्रोत्साहन ! स्वरूप पेश है़.......<br /><br />(शराफत की भी हद होती है साहब<br />'इलु' {ILU}कहने में क्यों झिजके हुए है!)<br /><br /><br />Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-8792216151789597712016-10-29T15:04:38.173+05:302016-10-29T15:04:38.173+05:30आदरणीय सुधीजनो !
मेरे प्रयास को मिला आपका मुखर अन...आदरणीय सुधीजनो ! <br />मेरे प्रयास को मिला आपका मुखर अनुमोदन मुझे न केवल उत्साहित कर रहा है, बल्कि रचनाकर्म के प्रति सतत सचेष्ट रहने के लिए भी सुप्रेरित कर रहा है. <br />आप सभी के प्रति सादर धन्यवाद तथा आप सभी को दीपावली की अनेकानेक शुभकामनाएँ <br />शुभ-शुभ<br /><br />-सौरभ, नैनी, इलाहाबाद <br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-61183761172464616052016-10-29T02:15:07.579+05:302016-10-29T02:15:07.579+05:30किया आग़ाज़ है इतना मधुर ये
लगा जाने है क्यों मन ...किया आग़ाज़ है इतना मधुर ये <br />लगा जाने है क्यों मन गुनगुनाने <br />Devi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-61904977027038719022016-10-29T02:12:22.812+05:302016-10-29T02:12:22.812+05:30दिवाली के उज्जवल पर्व में ग़ज़ल के आग़ाज़ एक बेहद ...दिवाली के उज्जवल पर्व में ग़ज़ल के आग़ाज़ एक बेहद मुन्नासिब व सुंदर प्रयास है जिसके लिए सुबीर जी को बधाई व सभी को पर्व की शुभकामनाएँ ।।।।<br />ग़ज़ल की परवाज़ आसमान चूने लगी है,,,, तीन ग़ज़लें अपने आबोताब से सजी हुई हैं, बधाई बधाई बधाई.....<br />कुमार प्रजापति जी...सभी मिट्टी के ...<br />गिरीश पंकज जी ,,,।वाह के सिवा कुछ और नहीं कहा जा सकता...चलो हम दीप .. जहाँ रोते हुए बच्चे खड़े हैं.. बेहतरीन शेर...के लिए दाद <br /><br />सौरभ जी ।.... शब शब गढ़कर बनी है ग़ज़ल .. न आँखों .. मटके के साथ हुमक़दम सभी शेर उजालों से भरपूर है<br />१२२२ १२२२ १२२ <br />किया आग़ाज़ है इतना है मधुर ये<br />लगा जाने क्यों ये मन गुनगुनाने <br />ढेरों बधाई <br /><br /><br />Devi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-42259508628175083202016-10-28T23:46:24.118+05:302016-10-28T23:46:24.118+05:30भरोसा कीजिये हम आपके हैं जैसे मिसरे से आग़ाज़ करने...भरोसा कीजिये हम आपके हैं जैसे मिसरे से आग़ाज़ करने वाले भाई कुमार पर आँखें बंद करके भरोसा किया जा सकता है ! ये जनाब अब तक थे कहॉं ? सहज सरल भाषा में कही उनकी गजल उनके बेहतरीन शायर होने का ऐलान करती है ! मेरी तमन्ना है कि मैं उनका लिखा और पढ़ीं लेकिन कहॉं कैसे ये नहीं जानता ! उनकी इस खूबसूरत मुकम्मल गजल के लिये ढेरों दाद!नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-3564906769100818352016-10-28T23:40:25.039+05:302016-10-28T23:40:25.039+05:30भाई गिरीश जी की मुसलसल गजल की जितनी तारीफ़ की जाये...भाई गिरीश जी की मुसलसल गजल की जितनी तारीफ़ की जाये कम होगी ! हर शेर में अंधेरे उजाले को नये अंदाज़ में प्रस्तुत करना उनके हुनर की ऊँचाइयों को दर्शाता है - अंधेरे के मर्सिया पढने वाले मिसरे पर ढेरों तालियों -लाजवाब गजल !नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-48125947925056590312016-10-28T23:35:05.164+05:302016-10-28T23:35:05.164+05:30भाई सौरभ जी ने जिस अंदाज़ से मतला कहा है और फिर उस...भाई सौरभ जी ने जिस अंदाज़ से मतला कहा है और फिर उसके बाद लगातार बेमिसाल शेर कहें हैं उससे अंदाज़ा हो गया है कि इस बार भी ये तरही मुशायरा नई ऊँचाइयों छूने वाला है ! अमावस के सम्मान में दियों के जलने की बात पहली बार पढने सुने में आई है ! सौरभ जी विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं ये बात वो अपनी रचना से सिद्ध करते आये हैं और इस बार भी कर रहे हैं - बेजोड गजल! वाहनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-18375126926453280282016-10-28T23:29:52.761+05:302016-10-28T23:29:52.761+05:30ब्लॉग जगत में अपनी पहचान बना चुके इस पारंपरिक मुशा...ब्लॉग जगत में अपनी पहचान बना चुके इस पारंपरिक मुशायरे की इससे बेहतर शुरूआत नहीं हो सकती ! तीन शायर और तीन गजलें एक से बढ कर एक - वाह वाह वाह !!!नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-2125433468843844572016-10-28T20:16:12.642+05:302016-10-28T20:16:12.642+05:30अमावस को कहेंगे आप भी क्या
अगर सम्मान में दीपक ज...अमावस को कहेंगे आप भी क्या <br />अगर सम्मान में दीपक जले हैं<br />सौरभ जी की ग़ज़ल के ये शेर खासतौर पर असरदार लगे:<br /><br /><br /><br />प्रजातंत्री-गणित के सूत्र सारे <br />अमीरों के बनाये क़ायदे हैं<br /><br /><br /><br /><br /><br />करेगा कौन मन की बात, अम्मा ! <br />सभी टीवी, मुबाइल में लगे हैं <br /><br />गिरीश पंकज जी की मुसलसल ग़ज़ल के तमाम शेर ही यों तो असरदार और वज़नदार है ,लेकिन ये खासतौर पर असरदार हैं <br /><br />उजाले ने खुशी की तान छेड़ी <br />अँधेरे पढ़ रहे अब मर्सिये हैं<br /><br /><br /><br />अँधेरा बाँटते हैं जो जगत को <br />न जाने कैसी मिट्टी से बने हैं<br /><br />चलो हम दीप उस घर भी जलाएँ <br />जहाँ रोते हुए बच्चे खड़े हैं<br /><br /><br /><br />बुझाना दीप है आसान 'पंकज' <br />जलाएँ जो, वही इन्साँ बड़े हैं <br /><br />कुमार प्रजापति जी ने भी पहली बार बढ़िया ग़ज़ल कही है ।<br />प्रजापति जी के ये शेर असरदार लगे:<br /><br /><br />लगी है चोट दिल पे रो चुके हैं <br />कहाँ अब आँख में आँसू बचे हैं<br /><br />किसी ने आपको समझा दिया है <br />भरोसा कीजिए हम आपके हैं<br /><br />सभी मिट्टी में मिल जायेंगे इक दिन <br />सभी इन्सान मिट्टी के बने हैं<br /><br />तमन्ना थी कि उनसे बात करते <br />ये हालत है कि बस चुप-चुप खड़े हैं<br /><br /><br /><br />Ashwini Rameshhttps://www.blogger.com/profile/16656626915061597542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73877351214191277582016-10-28T19:08:07.083+05:302016-10-28T19:08:07.083+05:30आज सुबह सुबह ही देखा कि सुबीर संवाद सेवा पर घमासा...आज सुबह सुबह ही देखा कि सुबीर संवाद सेवा पर घमासान शुरुआत की है पटाखों और बमों ने. सौरभजी, गिरीशजी और प्रजापतिजी की सुन्दर गज़लें रंगबिरंगी फुलझड़ियों की तरह दीप्तिमान हैं. केवल एक या दो शेर चुन पाना असम्भव है. पूरीए तरह से प्रभाविक गज़लें. तीनों को हार्दिक बधाईराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-7781517362419434912016-10-28T17:21:09.981+05:302016-10-28T17:21:09.981+05:30वाह। तीनों ही ग़ज़लें एक से बढ़कर एक हैं। बधाई सुंदर ...वाह। तीनों ही ग़ज़लें एक से बढ़कर एक हैं। बधाई सुंदर आगाज़ के लिए।Niraj Sharmahttps://www.blogger.com/profile/08598387955996729015noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-74284910138877235002016-10-28T16:50:41.818+05:302016-10-28T16:50:41.818+05:30आदरणीय प्रजापति जी पहली बार आ रहे हैं मगर उनकी ग़ज़ल...आदरणीय प्रजापति जी पहली बार आ रहे हैं मगर उनकी ग़ज़ल पढ़कर लगता है वो हमेशा से इसी ब्लॉग का हिस्सा रहे हैं। एक एक शे’र पर सौ सौ बार दिली दाद।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-13344840841267997882016-10-28T16:47:32.989+05:302016-10-28T16:47:32.989+05:30आदरणीय गिरीश पंकज जी ने मत्ले से ही बेहद शानदार शु...आदरणीय गिरीश पंकज जी ने मत्ले से ही बेहद शानदार शुरुआत की है। हर शे’र शानदार हुआ है। चलो हम दीप उस घर ......., गिरह के शे’र और आखिरी शे’र ने मिलकर इसे मुकम्मल ग़ज़ल बना दिया है। बहुत बहुत बधाई गिरीश जी को।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-29175062186250390412016-10-28T16:44:02.845+05:302016-10-28T16:44:02.845+05:30सबसे पहले तो सभी मित्रों को ज्योतिपर्व की हार्दिक ...सबसे पहले तो सभी मित्रों को ज्योतिपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ। तीनों रचनाकारों ने शानदार शुरुआत की है। आदरणीय सौरभ जी ने पहली ही गेंद पर दस रन जड़ दिये हैं। अमावस के सम्मान में दीप जलने का बिम्ब बिल्कुल नया है, इसके लिए उन्हें बहुत बहुत बधाई। उसके बाद सड़क पर शोर वाला शे’र गजब हुआ है। सचमुच आवाज़ से बुराई को कोई दिक्कत नहीं जब तक आवाज़ स्पष्ट रूप से उसके ख़िलाफ़ न हो। उमस बेसाख़्ता....., करेगा कौन.... और गिरह का शे’र भी शानदार हुआ है। बहुत बहुत बधाई सौरभ जी को। ‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-47624089612116562372016-10-28T15:35:45.032+05:302016-10-28T15:35:45.032+05:30आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्र...आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (29-10-2016) के चर्चा मंच <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "हर्ष का त्यौहार है दीपावली" {चर्चा अंक- 2510} </a> पर भी होगी!<br />दीपावली से जुड़े पंच पर्वों की<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-43961488376295816702016-10-28T13:53:14.837+05:302016-10-28T13:53:14.837+05:30दीपावली के शुभागमन पर सुन्दर गजल प्रस्तुति हेतु आभ...दीपावली के शुभागमन पर सुन्दर गजल प्रस्तुति हेतु आभार!<br />तीनों गजलें बेहतरीन हैं ..<br /><br />आपको दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!<br /><br />कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-8412985333329850562016-10-28T13:52:06.503+05:302016-10-28T13:52:06.503+05:30आदरणीय गिरीश जी और आदरणीय कुमार प्रजापति की ग़ज़लों ...आदरणीय गिरीश जी और आदरणीय कुमार प्रजापति की ग़ज़लों के लिए हार्दिक बधाइयाँ. गिरीश जी की ग़ज़लों से वाकिफ़ रहा हूँ, कुमार जी की ग़ज़लों को सुनना विशेष रहा. <br />मेरी ग़ज़लों पर आप सुधीजनों की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..<br /><br />-सौरभ, नैनी, इलाहाबाद<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-31986788557603641852016-10-28T13:46:16.811+05:302016-10-28T13:46:16.811+05:30सबसे पहले तो मैं भाई पंकज सुबीर को बधाई देता हूँ इ...सबसे पहले तो मैं भाई पंकज सुबीर को बधाई देता हूँ इस खूबसूरत शुरुआत के लिये। प्रस्तुत ग़ज़लों पर बड़ी आत्मीयता से अपनी बात रखते हुए कहन के विभिन्न पक्षों पर चर्चा आरंभ की है। और यह चर्चा ही है जो पूर्व में प्रस्तुत तरही आयोजनों में भाग लेने वालों को वह दिशा देती रही है जो उन्हें ग़ज़ल विधा में बहुत आगे तक ले आयी है और तथा आगे भी ले जायेगी। <br />सौरभ भाई मत्ले के तत्काल बाद के शेर में अमावस के सम्मान में दीपक की बात से आपने झकझोर दिया और उसके बाद आखिरी शेर में नयी फुनगी तक पहुँचते पहुँचते आस-पास बिखरे प्रश्नों को जिस तरह से छुआ वह प्रशंसनीय है। <br />गिरीश पंकज जी मत्ले में नन्हे से दिये से अंधियार की हार की बात कहते हुए मक्ते के शेर में एक ऐसी बात कह गये जो मानसिक अंधियार में डूबों को सोचने पर मजबूर करता है। <br />डॉ कुमार को पहली बार पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ है लेकिन कहन की दृष्टि से हर शेर की पुख़्तगी कह रही है कि शेर कहना इनके लिये उतना ही सहज व सरल है जितना ऑंखों देखी का तत्समय वर्णन। <br />बेहद खूबसूरत ग़ज़लों से शुरुआत हुई है। <br />वाह, वाह और वाह। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-16735746864383038232016-10-28T13:16:11.719+05:302016-10-28T13:16:11.719+05:30आप सबों को ग़ज़ल पसंद आयी. शुक्रिया धन्यवाद. आपकी ...आप सबों को ग़ज़ल पसंद आयी. शुक्रिया धन्यवाद. आपकी सराहना लिखने की प्रेरणा देगी.<br />भाई गिरीश जी को अशेष धन्यवाद आप सबों से मिलाने हेतु.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04867493139163746504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-76547100948568878022016-10-28T11:52:26.690+05:302016-10-28T11:52:26.690+05:30सुबीर-संवाद-सेवा परिवार के सभी गुनीजनो जो दीपावली ...सुबीर-संवाद-सेवा परिवार के सभी गुनीजनो जो दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं <br />मुशायरे की शुरुआत धमाकेदार हुई है. तीनो गजलें दमदार हैं. सौरभ पण्डे जी, गिरीश पंकज जी और डा. कुमार प्रजापति जी को ढेरों दाद.<br /><br />सौरभ जी की ग़ज़ल का मतला बहुत पसंद आया...टीवी मोबाइल वाला शेर सामयिक एवं सटीक. बया की चोंच में तिनके दिखे है. क्या बात है. दिली मुबारकबाद.<br /><br />गिरीश जी: अँधेरे ख़ुदकुशी करने लगे हैं. वाह. गिरह प्रभावशाली है मक्ता तो गजब है... बुझाना दीप है आसान पंकज..जलाएं जो वही इंसा बड़े हैं. दाद कबूल करें.<br /><br /><br />डा.प्रजापति जी: मतला तो इतना बढ़िया है की क्या कहें. बहुत खूबसूरत. कहाँ अब आँख में आंसू बचे हैं.... भरोसा कीजिए हम आपके हैं बहुत सुंदर शेर है. सभी इंसान मिटटी के बने हैं... चुप चुप खड़े हैं, बहुत खूब. मक्ता भी ज़ोरदार. दिली मुबारकबाद.<br />Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-1588805555575108892016-10-28T11:04:39.675+05:302016-10-28T11:04:39.675+05:30तीनों सम्माननीय गजलकारों को उनकी बेहतरीन गजलों ...तीनों सम्माननीय गजलकारों को उनकी बेहतरीन गजलों के लिए धन्यवादव बधाई । साथ ही आप सबको दीप पर्व की शुभकामनाएं ।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-55729485598735308312016-10-28T11:03:58.080+05:302016-10-28T11:03:58.080+05:30तीनों सम्माननीय गजलकारों को उनकी बेहतरीन गजलों ...तीनों सम्माननीय गजलकारों को उनकी बेहतरीन गजलों के लिए धन्यवादव बधाई । साथ ही आप सबको दीप पर्व की शुभकामनाएं ।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-35966972253030869942016-10-28T10:44:20.006+05:302016-10-28T10:44:20.006+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.gurpreet singhhttps://www.blogger.com/profile/15070768860145897748noreply@blogger.com