tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post497502808156897286..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: भभ्भड़ कवि भौंचक्के आज दीपावली के तरही मुशायरे का विधिवत् रूप से समापन करने जा रहे हैं। उनका वादा था कि वे आएँगे, तो वे आ चुके हैं।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-42720191269693189062016-12-23T17:18:46.906+05:302016-12-23T17:18:46.906+05:30आदरणीय पंकज जी ,
नये वर्ष के लिए अभी तक आपने मुशाय...आदरणीय पंकज जी ,<br />नये वर्ष के लिए अभी तक आपने मुशायरे की घोषणा नहीं की जबकि मुझे उम्मीद थी कि आप नए वर्ष के मुशायरे की घोषणा करते हुए एक मिसरा देंगे !Ashwini Rameshhttps://www.blogger.com/profile/16656626915061597542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-41122568213626529532016-11-22T09:31:15.681+05:302016-11-22T09:31:15.681+05:30वाह वाह वाह ... तालियाँ ... देर से आया पर पढ़ पहले ...वाह वाह वाह ... तालियाँ ... देर से आया पर पढ़ पहले ही दिन ली थी ... इस कमाल की ग़ज़ल के सामने सब फीकी हैं ... और न सिर्फ लाजवाब ग़ज़ल बल्कि इतना कुछ ज्ञान भी है इस पोस्ट में की संजो कर रखनी पढेगी ये पोस्ट ... <br />आशा है अब मुशायरे का सिलसिला लगातार चलेगा ... नए वर्ष की सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-43325061603705100382016-11-17T20:35:51.496+05:302016-11-17T20:35:51.496+05:30तिलक भाई भभ्भड़ की ग़ज़लों पर आप चाहे जितनी लम्बी ...तिलक भाई भभ्भड़ की ग़ज़लों पर आप चाहे जितनी लम्बी टिप्पणी दें मेरे लिये उन पर कहने के लिये फिर भी बहुत कुछ बच जायेगा 😂नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-16977686494778234272016-11-17T20:31:53.194+05:302016-11-17T20:31:53.194+05:301. हैं और भी दुनियाँ में सुखनवर बहुत अच्छे ( इशारा...1. हैं और भी दुनियाँ में सुखनवर बहुत अच्छे ( इशारा मेरी तरफ़ है 😝)<br />कहते हैं कि भभ्भड़ का है अंदाज़े बयॉं और !!<br />2. हजारों साल गजलें अपनी बेनूरी पे रोती हैं<br />बड़ी मुश्किल से होता है कभी भभ्भड़ कोई पैदा <br /><br />अब कहॉं से बात शुरू करें ? क्यूँकि जहॉं से भी बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी ! मेरे जैसे गजल के तालिबे इल्म के लिये भभ्भड़ की गजलें किसी यूनीवर्सिटी से कम नहीं ! कैसे कैसे तो क़ाफ़ियों का प्रयोग किया है वाह कैसे कैसे भाव गजल में ख़ूबसूरती से पिरो दिये हैं कमाल कमाल ! कहते हैं खुदा जब किसी को देता है तो छप्पड़ फाड़ कर देता है , भभ्भड़ इस बात की मिसाल हैं ! इतने सारे शेर और सारे के सारे दहाड़ते हुये - गजब कर दिया है !<br />यक़ीनन इस तरही की सबसे शानदार पेशकश , ये तो तब है जब भभ्भड़ शायरी को पार्ट टाइम में करते हैं अगर मेन टाइम में करने लगे तो बहुत से स्वनामधन्य शायर बग़लें झाँकते नजर आयेंगे '!<br />भभ्भड़ कवि जी आपकी सदा ही जय !!नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-83947463947235591252016-11-17T16:23:40.937+05:302016-11-17T16:23:40.937+05:30अरसे बाद इधर आना हो रहा तरही में इस बार भी अपनी र...अरसे बाद इधर आना हो रहा तरही में इस बार भी अपनी रचना शामिल नही कर पायी | पर आपसभी को पढ़ना अच्छा लगा पंकज भईया डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-82560187145461888422016-11-17T16:22:49.235+05:302016-11-17T16:22:49.235+05:30अरसे बाद इधर आना हो रहा तरही में इस बार भी अपनी र...अरसे बाद इधर आना हो रहा तरही में इस बार भी अपनी रचना शामिल नही कर पायी | पर आपसभी को पढ़ना अच्छा लगा पंकज भईया डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-21987950314591910562016-11-17T11:28:24.003+05:302016-11-17T11:28:24.003+05:30वाह... भभ्भड़ कवि भी कमाल हैं. शेरों की रेलगाड़ी..और...वाह... भभ्भड़ कवि भी कमाल हैं. शेरों की रेलगाड़ी..और सब शेर ज़ोरदार.<br /><br /><br /><br />Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-45638546100340746482016-11-17T10:13:14.738+05:302016-11-17T10:13:14.738+05:30आज बहुत दिनो बाद बलाग पर आयी तो सामने आपकी पोस्ट म...आज बहुत दिनो बाद बलाग पर आयी तो सामने आपकी पोस्ट मन गद गद हो गया1 आपकी पोस्ट पर टिपणी करूं मेरी क्या मजाल 1 जबरदस्त जिन्दाबाद 1 निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-74239500582438579342016-11-17T00:39:15.548+05:302016-11-17T00:39:15.548+05:30nayan us KE nishane dhoondhte hain .
Daad is Sher...nayan us KE nishane dhoondhte hain .<br />Daad is Sher KE liye.....Bahut khoob Devi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63226134760291465752016-11-16T19:44:33.482+05:302016-11-16T19:44:33.482+05:30Maar daalo, aur kya aat hai tumhein bhabhhad! Ghaz...Maar daalo, aur kya aat hai tumhein bhabhhad! Ghazab ghazab ghazab!Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-45056346717095309372016-11-16T19:33:18.688+05:302016-11-16T19:33:18.688+05:30भभ्भड़ कवि ने तो कमाल ही कर दिया। हम सब उनकी प्रति...भभ्भड़ कवि ने तो कमाल ही कर दिया। हम सब उनकी प्रतिभा को देख कर भौचक्के हैं. सबसे अंत में आए और शतक जमा कर चले गए. धन्य हैं। एक -एक शेर लाज़वाब। पूरे आयोजन के लिए बधाई girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-43584265484574451992016-11-16T19:22:13.667+05:302016-11-16T19:22:13.667+05:30बुलन्दी पर पहुंच जाती है तरही
कभी भकभौं अगर गज़लें ...बुलन्दी पर पहुंच जाती है तरही<br />कभी भकभौं अगर गज़लें कहे हैं<br /><br />जरा दिखलायें उसको चूम लूँ मैं<br />कलम अशआर जिसने ये गढ़े हैंराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-35462171232686280212016-11-16T15:19:42.389+05:302016-11-16T15:19:42.389+05:30ज़बरदस्त, पंकज जी, ढेर सारी बधाईयॉ।
भभ्भड़ कवि भौ...ज़बरदस्त, पंकज जी, ढेर सारी बधाईयॉ।<br /><br />भभ्भड़ कवि भौंचक्के:<br />===============<br />”ग़ज़ब लिखते है 'पंकज' आप भी वाह!<br /> पढ़ा जिसने भी वो सब भौंचक्के है।<br /><br /> दरीचाँ इक खुला यां पे बमुश्किल<br /> वहाँ 'सिल्वर ज्युबिली' कर दिये है।<br /><br />यहां लफ्ज़ो के टोटे पड़ रहे थे<br />वहाँ तो ढेर सारे काफ्ये है !<br /><br />'अकालों' में मना लेते जो 'उत्सव'<br />दिलो के उनके गुलशन भी हरे है।<br /><br />यकीनन 'प्रेम' में ही मुब्तिला हो<br />निशाना 'टोनही' के ही बने है!Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-2521597270183095492016-11-16T15:18:52.261+05:302016-11-16T15:18:52.261+05:30ज़बरदस्त, पंकज जी, ढेर सारी बधाईयॉ।
भभ्भड़ कवि भौ...ज़बरदस्त, पंकज जी, ढेर सारी बधाईयॉ।<br /><br />भभ्भड़ कवि भौंचक्के:<br />===============<br />”ग़ज़ब लिखते है 'पंकज' आप भी वाह!<br /> पढ़ा जिसने भी वो सब भौंचक्के है।<br /><br /> दरीचाँ इक खुला यां पे बमुश्किल<br /> वहाँ 'सिल्वर ज्युबिली' कर दिये है।<br /><br />यहां लफ्ज़ो के टोटे पड़ रहे थे<br />वहाँ तो ढेर सारे काफ्ये है !<br /><br />'अकालों' में मना लेते जो 'उत्सव'<br />दिलो के उनके गुलशन भी हरे है।<br /><br />यकीनन 'प्रेम' में ही मुब्तिला हो<br />निशाना 'टोनही' के ही बने है!Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-61458659604938327762016-11-16T12:43:04.998+05:302016-11-16T12:43:04.998+05:30भभ्भड़ कवि ने अपनी ग़ज़ल से वाकई भौंचक्का कर दिया। अट...भभ्भड़ कवि ने अपनी ग़ज़ल से वाकई भौंचक्का कर दिया। अट्ठाईस अश’आर और सारे शानदार। <br /><br />पहाड़ों पर रात को इतनी ठंड पड़ती है कि वो रातभर सो नहीं पाते। ठंड से पहाड़ों को प्यार है और यही ठंड उनके न सो पाने की जिम्मेदार है। प्यार में दर्द झेलने का अपूर्व चित्रण है।<br /><br />रात का अँधेरी होना और ऊपर से सनम का साँवला होना आज के निष्ठुर समय और ऊपर से हाकिम का दिल काला होने की तरफ इशारा कर रहा है। <br /><br />उसके बाद प्रेम और विरह पर कहे गये एक के बाद एक छह शानदार अश’आर।<br /><br />"चाँद मामा बावरे हैं" ने कमाल कर दिया। ये आज के आशिकों का हाल-ए-दिल बयाँ करता हुआ शे’र है। जिनकी बाद में प्रेयसी से मुलाकात होती है तो वो हँस कर कहती है बच्चों अपने मामा को नमस्ते करो। ये देर तक और दूर तक जाने वाला शे’र है।<br /><br />मुहब्बत का अंजाम दोराहा..। आज के नब्बे प्रतिशत प्रेमियों का हाल बयाँ करता है ये शे’र।<br /><br />गिरह तो बिल्कुल ही अलग तरह की है। शरीर तो कैद है मुक्ति तो उसके बाद है इस दर्शन को बड़े शानदार तरीके से शे’र में बाँधा गया है।<br /><br />"रहे पल भर अकेला......" आजकल की नकली चमक दमक पर शानदार व्यंग्य है जो इंसान को एक पल भी खुद के साथ नहीं रहने देती।<br /><br />"अधूरे प्रेम सदियों से........."। सच है कि अधूरा प्रेम ही कहानी बनकर बचा रह जाता है। जो पूरा हो जाता है वो समाप्त हो जाता है। शानदार शे’र।<br /><br />"इन्हें सिखलाओं कोई इश्क करना......"। सच है कि सच बोलने से ज्यादातर नफ़रत ही फैलती है क्योंकि सच सह पाने की हिम्मत बहुत कम लोगों में होती है। ऐसे में प्यार करना सीखना चाहिए यानि कब, कहाँ और कितना सच बोलना है यह सीखने की जरूरत है। बिना इसके प्रेम करना लगभग असंभव है।<br /><br />"दिया जाए जवाब......" कितना मासूमियत भरा शे’र कितनी आसानी से कह दिया।<br /><br />"टोनही लड़की..." सब के जीवन में एक टोनही लड़की जरूर आती है और सब उसके टोने में फँस जाते हैं। सुन्दर मकता हुआ है।<br /><br />एक से एक शानदार अश’आर से सजी इस ग़ज़ल के लिए भभ्भड़ कवि को बहुत बहुत बधाई।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-23345429776929138352016-11-16T12:10:29.231+05:302016-11-16T12:10:29.231+05:30वो कल आये, दिखे, पर आज तो वो
ग़ज़ब अंदाज़ में, ठसके ...वो कल आये, दिखे, पर आज तो वो <br />ग़ज़ब अंदाज़ में, ठसके भरे हैं !!<br /><br />एक-एक शेर कमाल का ! खुशदिल बातें, दुनियादारी, इंतज़ार, टूटन, खुश्बू लबरेज़ इश्क़, भोलापन, परम्परा, टोटका, आध्यात्म क्या कुछ नहीं समेट लिया है ! <br />ग़िरह का जो शे’र हुआ है, वो जिस ऊँचाई से हुआ है, वह मुग्ध कर देता है। तो दरमियाँ हवा के फिर भी बचे होने की शिकायत और फ़ासलों के अहसास का निराला अंदाज़ ! वाह-वाह ! <br /><br />साफ़ कहूँ तो ऐसे मुलायम, ऐसे-ऐसे नाज़ुक़ शेर हमसे न हो पायेंगे ! या जाने कब हो पायेंगे ! या अब ख़ाक़ हो पायेंगे ! यह स्वीकृति ही इन शेरों के होने का मतलब बता रही है। है न ?<br />भाई, इसे कहते हैं समेटना ! <br /><br />जय-जय .. ये साल भी बीत चला.. <br />फिर मिलेंगे !<br /><br />-सौरभ<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-14293610891918322142016-11-16T12:08:08.331+05:302016-11-16T12:08:08.331+05:30मत्ले के शेर प्रेमी की बाट जोहता प्रश्न का उत्त...मत्ले के शेर प्रेमी की बाट जोहता प्रश्न का उत्तर तो भाई पहाड़ ही दे सकेंगे इसलिये<br />पहाड़ों से मिलो तो पूछ लेना<br />वो किसकी बाट में अब तक खड़े हैं।<br />जरा तो रात भी .... ने मोरा गोरा अंग लई ले मोहे श्याम रंग दई दे छुप जाऊंगी रात ही में मोहे पी का संग दई दे की याद दिला दी।<br />एक छुअन भर से निरंतर महकते मोगरे की अनुभूति और जि़क्र आने पर प्रेमिका के दिल की धड़कन बढ़ना और बस इतना कहना कि ''हॉं शायद इनको हम पहचानते हैं''; क्या क्या नहीं है इस ग़ज़ल में। एक-एक शेर पर कहने लगा तो ग़ज़ल से लम्बी तो टिप्पणी हो जायेगी और नीरज भाई नाराज़ होंगे कि मेरे कहने को कुछ छोड़ा ही नहीं। <br />तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-3132390930934217282016-11-16T11:53:56.924+05:302016-11-16T11:53:56.924+05:30जय हो गुरु जी कि.स्पष्ट हो गया की गुरु,गुरु ही होत...जय हो गुरु जी कि.स्पष्ट हो गया की गुरु,गुरु ही होता है. क्या कहें आपकी गज़ल के बारे में. एकदम कमाल <br />-पहाडो के मुसल्सल रतजगे हैं<br />-ज़रा तो रात भी है ये अँधेरी <br />-हमारे ज़िक्र पर उनका ये कहना <br />-है मुश्किल तो अगर दिल टूट जाए<br />-“तुम्हारे चाँद मामा बावरे हैं------वाह वाह <br />-तेरी आँखों ने, ज़ुल्फ़ों ने, हया ने <br />-क़जा लेकर चली जब,तब लगा यूँ <br />-तुम्हारे घर में कितने आइने हैं <br />-कहानी मुख़्तसर है रात भर की <br />-दवा इतनी है मर्जे इश्क की बस <br />-इलाही आर साँसें बस ज़रा सी <br /><br />वाह गुरु जी वाह मान गए....अगर मैं इन शेरों जैसा एक भी शेर कभी लिख पाऊँ तो अपने आप को धन्य समझूंगा.<br /><br /><br /><br />gurpreet singhhttps://www.blogger.com/profile/15070768860145897748noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63567836104997821222016-11-16T11:34:17.801+05:302016-11-16T11:34:17.801+05:30वाह वाह भभ्भड़ कवि आए तो क्या खूब आए। बेमिसाल,इतने...वाह वाह भभ्भड़ कवि आए तो क्या खूब आए। बेमिसाल,इतने खूबसूरत शेर हों तो इसी मिसरा पर किताब भी पढ़ी जा सकती है। अभी तो चाँदनी ,और बावरे चाँद मामा को सोच कर ही मुस्करा रहे हैं,अपनी टिप्पणी के साथ जल्द हाजिर होते है। आज ज़रा फुरसत मे है सो आज जमे बाकी की पोस्टस भी पढ़नी है इस मुशायरे की फिर से।Parul Singhhttps://www.blogger.com/profile/07199096531596565129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-2366520001941154892016-11-16T11:32:13.736+05:302016-11-16T11:32:13.736+05:30जिनका था बेसब्री से इंतज़ार वो भभ्भड़ कवि आ गये है
ह...जिनका था बेसब्री से इंतज़ार वो भभ्भड़ कवि आ गये है<br />हम अब खुश हैं कि वोह रसभरी लंबी ग़ज़ल सूना गये हैं<br /><br />मुझे खुशी है कि मुझे भभ्भड़ कवि पर पहली टिपण्णी करने का अवसर मिला :<br /><br />पहाड़ों के मुसलसल रतजगे हैं <br />न जाने प्रेम में किसके पड़े हैं<br /><br />ज़रा तो रात भी है ये अँधेरी <br />और उस पे वो भी थोड़ा साँवले हैं<br /><br />फ़साना आशिक़ी का है यही बस <br />अधूरे ख़्वाब, टूटे सिलसिले हैं<br /><br /><br />कोई पागल भला होता है यूँ ही <br />तुम्हारे नैन ही जादू भरे हैं<br /><br />कहा बच्चों से हँस कर चाँदनी ने <br />“तुम्हारे चाँद मामा बावरे हैं”<br /><br />है अंजामे-मुहब्बत ये दोराहा <br />यहाँ से अपने-अपने रास्ते हैं<br /><br />तेरी आँखों ने, ज़ुल्फ़ों ने, हया ने <br />ग़ज़ल के शेर हमने कब कहे हैं<br /><br />नहीं है दिल लगा जिनका अभी तक <br />भला वो रात कैसे काटते हैं<br /><br />बजी है बाँसुरी पतझड़ की फिर से <br />हज़ारों दर्द सोते से जगे हैं<br /><br />फ़क़त हम ही नहीं गिनते सितारे <br />सुना है वो भी शब भर जागते हैं<br /><br />कहानी मुख़्तसर है रात भर की <br />कई मौसम मगर आए-गए हैं<br /><br />मुकम्मल जो हुआ, वो मर गया फिर <br />अधूरे प्रेम सदियों से हरे हैं<br /><br />इन्हें सिखलाओ कोई इश्क़ करना <br />ये बच्चे तो बहुत सच बोलते हैं<br /><br />था दावा तो भुला देने का लेकिन <br />हमारा हाल सबसे पूछते हैं<br /><br />इलाही ! और साँसें बस ज़रा-सी <br />ख़बर है घर से वो चल तो दिए है<br /><br />“सुबीर” उस टोनही लड़की से बचना <br />नयन उसके निशाना ढूँढ़ते हैं।<br /><br />ये शेर बहत खूब हैं यों सारी ही ग़ज़ल बहत खूब हैं ,वाह वाह ।Ashwini Rameshhttps://www.blogger.com/profile/16656626915061597542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-871883355534945332016-11-16T11:16:17.709+05:302016-11-16T11:16:17.709+05:30यह हुई न गुरूजी वाली बात...
उस टोनही लड़की से बचना...यह हुई न गुरूजी वाली बात...<br /><br />उस टोनही लड़की से बचना, नयन जादू भरे हैं... वाह वाह शायद इस बहार पर इतना कुछ तो किसी कोष में भी संग्रहित नहीं होगा... जितना इस तरही में मिला...<br /><br />सादर,<br /><br />मुकेश कुमार तिवारी मुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.com