tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post4956281449347284102..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: होली का रंग बनाने के लिये नज़ीर अकबराबादी का पूरा गीत पढि़ये, ये पूरा सातों छंद के साथ आपने कहीं नहीं पढ़ा होगा । जब फागुन रंग झकमते हों तब देख बहारें होली कीपंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-23889501659921860252010-02-22T10:19:27.493+05:302010-02-22T10:19:27.493+05:30ब्लॉग का रंगीन कलेवर, गुरूजी आप तो पूरी तरह होलिया...ब्लॉग का रंगीन कलेवर, गुरूजी आप तो पूरी तरह होलिया गए.<br />नजीर अकबराबादी के होली गीत ने समूचा आसमान रंगीन कर दिया है.<br /><br />शुरुवात बेहतरीन है...<b> जो यहाँ डुबकी नहीं लगाएगा घाटे में रहेगा.</b>Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-82206669757072671182010-02-21T21:20:48.513+05:302010-02-21T21:20:48.513+05:30आनंद आ गया गुरूदेव! पूरा पढ़ने के बाद तो बस यही निक...आनंद आ गया गुरूदेव! पूरा पढ़ने के बाद तो बस यही निकलता है मुंह से-<br /><br />को तुम तात कहां ते आये<br />मोहि परम प्रिय वचन सुनाये<br /><br />खूब रंग जमा है होली का!!...गोरिया के पातर बंहिया, चूड़िया लाले लाल.....होली गीत याद आने लगे हैं!!!रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63603576814613096982010-02-21T20:21:41.863+05:302010-02-21T20:21:41.863+05:30कल से हँसे जा रहा हूँ। प्लीज गुरुदेव तस्वीर की एक ...कल से हँसे जा रहा हूँ। प्लीज गुरुदेव तस्वीर की एक प्रति मुझे भेज दें...और अनुजा को कोई उल्झन नहीं है। नीचे वाला ही है उसका वीर जी।<br /><br />नज़ीर साब का ये छंद तो उफ़्फ़्फ़ और उन सेंसर्ड शब्दों के तनिक खुलासे के लिये शुक्रिया...शुक्रिया...शुक्रिया। इस बार के फाग में मेरा गाया हिट होने वाल है। आखिरी छंद नोट कर लिया है।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-31727843808773256612010-02-21T19:19:51.837+05:302010-02-21T19:19:51.837+05:30अहा ! सुबीर साहब क्या नायाब नज़ीर पेश की साहब। बामौ...अहा ! सुबीर साहब क्या नायाब नज़ीर पेश की साहब। बामौका-बावक्त। बहुत मज़ा आ गया जी। बहुत आभार इस सुन्दर होली गीत को पढ़वाने और सुनवाने के लिए।<br />हाँ मगर इस बात से हमारा इत्तेफ़ाक़ नहीं कि सातों छंदों के साथ आपने कहीं नहीं पढ़ा होगा ? <br />मुआफ़ कीजिए हमने तो पढ़ा है जी। हा हा<br />आपके बलाग़ पर।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-24755602335316466452010-02-21T18:37:09.500+05:302010-02-21T18:37:09.500+05:30वाह गुरुदेव ... होली का रंग और होली का स्वांग .......वाह गुरुदेव ... होली का रंग और होली का स्वांग ..... बस भांग की कमी रह गयी .... <br />रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-51236844041380418542010-02-21T18:03:20.715+05:302010-02-21T18:03:20.715+05:30गुरु जी ब्लॉग को क्या झकास होली का रंग दिया है वा...गुरु जी ब्लॉग को क्या झकास होली का रंग दिया है वाह क्या गाने हैं ,क्या चेहरे हैं जवाब नहीं...अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-34788044453284644172010-02-21T09:19:17.433+05:302010-02-21T09:19:17.433+05:30होली की स्वागत में यह खूबसूरत गीत....बढ़िया लगा......होली की स्वागत में यह खूबसूरत गीत....बढ़िया लगा.....विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-54859492060001446112010-02-21T08:38:04.849+05:302010-02-21T08:38:04.849+05:30वाह इधर भाई होली मना रहा है और उधर बहन सो रही है ।...वाह इधर भाई होली मना रहा है और उधर बहन सो रही है । फोतो मे आप इतने सुन्दर हो गये हैं। चार नो वाली तस्वीर बहुत सुन्दर है लगता है भाभी ने खूब मेहनत की है --- तभी तो बन पाये हैं-------- हा हा हा { शायद कंचन को भी यही तस्वीर पसंद आयी है} आगे डैश कर दिया । ब्लाग भी क्या सजाया है होली के रंगों जैसा। छंद आदि तो जानती नही मगर नजीर अकबराबादी जी के गीत ने मन होली के रंग जैसा कर दिया । नही तो आज नीँद ही नही खुल रही थी। बस तरही का इन्तज़ार है अब । होली की बहुत बहुत बधाई। आपको भी और आपके परिवार को ,शिवना प्रकाशन परिवार को और सभी पाठकों को।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63309401407127713092010-02-21T07:59:38.870+05:302010-02-21T07:59:38.870+05:30होली की बधाई , .मौज आई !
पर , ऐसा क्या है है साहब ...होली की बधाई , .मौज आई !<br />पर , ऐसा क्या है है साहब कि 'ये सातों छन्द एक साथ कहीं नहीं पढ़े होंगे' ऐसा आपको लिखना पड़ा , यह कोई अप्राप्य या दुर्लभ चीज नहीं है> नज़ीर ग्रंथावली में सब उपलब्ध है और नज़ीर ग्रंथावली सहज सुलब. <br />हो सकता है यह होली की तरंग का एक रंग हो> <br />इस होलॊ के कुछ अंतरे छाया गांगुली ने बेहद सधे स्वर में गाया है . वह नेट पर आसानी से उपलब्ध भी है.<br />बाकी सब ठीक !<br />होली की बधाईsiddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-28004051814439911512010-02-21T04:20:36.327+05:302010-02-21T04:20:36.327+05:30इससे बेहतर शुरुआत और क्या हो सकती थी होली की???इससे बेहतर शुरुआत और क्या हो सकती थी होली की???दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-47403760375518793792010-02-21T00:21:57.900+05:302010-02-21T00:21:57.900+05:30ब्लॉग में सबसे ऊपरे लिख दिया गवा है कोई बुरा ना मा...ब्लॉग में सबसे ऊपरे लिख दिया गवा है कोई बुरा ना माने, जून बुरा मानी उका उठाय के ब्लॉग से बाहर फेक दिया जाई <br /><br />और कोई वीनस के बुरा तो मंबई ना करेव काहे केकेकेकेकेके अब हम तो ना रुकबै और ना कोई रोक सकत है आउर जौन रोके चाहै, जो कर सकए कर के देख ले <br /><br />हा हा हा हा हा हा <br />बुरा ना मानो होली है <br />हा हा हा हा हा हावीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-15407539393836310972010-02-21T00:15:14.197+05:302010-02-21T00:15:14.197+05:30गुरु जी प्रणाम
आज से ही होली के पुराने पुराने गान...गुरु जी प्रणाम <br />आज से ही होली के पुराने पुराने गाना बजाना शुरू किया है <br />(सुनना के जगह बजाना इस लिए कह रहा हूँ के होली का गाना खुद के साथ साथ अगल बगल वाले भी सुनते है :))<br />और आज ही पूरा मूड बन गया होली का दोस्तों से भी पूछ डाले का आयोजन होना है इस साल ...<br /><br />और फिर जब आपका ब्लॉग खोला तो यहाँ भी पूरा होलीमय माहौल बना हुआ है <br /><br />नजीर साहब को आज पहली बार पढ़ा है क्योकी गजल के अलावा मझे किसी और छंद से विशेष लगाव नहीं रहा और गजल के बाद केवल नई कविता और दोहे ही पसंद है शायद यही वजह है के वो विशेष चिन्ह (####) समझने में दिक्कत महसूस हो रही है <br />(अब इ तो आपै बता सकते है के इहाँ का रहा :)<br /><br />मुझे मकर संक्रांति और होली का विशेष इंतज़ार रहता है क्योकि इस दिन पूरा दिन पतंगबाजी होती है और पिछले साल से एक और बात जुड गई है होली के साथ और वो है तरही मुशायरा <br /><br />आज मैंने देखा के सुबीर संवाद सेवा को फालो करने वालों के संख्या बढ़ कर १२१ हो गई और सच कहता हूँ बहुत अच्छा लगा के लोग गजल और इस ब्लॉग से खुद को जोड़ रहे है <br /><br />रही बात पहेली के तो हमने तीन अंतर निकाल लिया है अब तो कल तक शायद फोटो भी बदल जाये इस लिए हम खुद को विजेता घोषित भी खुदै कर लेते है अब आपको का कास्ट दे और जिन किसी बंधू को आपत्ती हो सीधा सुप्रीम कोट का घंटा बजा सकता है हमें कोई आपत्ती ना होगी <br />हाँ तो तीन अंतर इ है के .<br />खोते जी के नाक कान और आंखी जियादा सुन्दर है (अब कोई इ ना पूछ बैठय कि खोता कौन ऊपर या नीचे ,,,हा हा हा )<br /><br />मज़ा आय गवा ...अरे जब अपन बारी आयी तब देखा जाई.,,, का लोगन हमाँर घोती ना खिचिहें का, अब हम तो रहबे टुन्न तो हमका का पता चली कि कौन धोती फाड़े रहा कौन चड्ढी.<br /> इ खातिर जब भर होस में हय सब के मट्टी पलीद कर देई है के ने....... हां नहीं तो <br /><br />:()वीनसवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-66467299810801978842010-02-20T21:52:48.873+05:302010-02-20T21:52:48.873+05:30प्रणाम गुरु देव ,
ब्लॉग पर मौसम तो पूरी तरह से होल...प्रणाम गुरु देव ,<br />ब्लॉग पर मौसम तो पूरी तरह से होली विशेष लग रहा है !अकबराबादी का यह पूरा गीत दुलभ गीतों में शुमार है ! पारी बिटिया की फोटो खूब है ! और आप तो हा हा हा !<br />मगर शुक्र है उसके निचे की तस्वीर किसी से पुर्णतः मेल नहीं खा रही वाराna क्या से क्या हो जाता ... पहली वाली से ये वाली अछि लग रही है मुझे भी :):):)<br />तरही ................<br />माहौल खूब बनाया है गुरु जी आपने ... दिनों बाद आपका लौटना सदमे के बाद अच्छा लग रहा है ... <br />खुश हूँ ... :)<br /><br />आपका <br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-44872227552662527842010-02-20T21:07:52.025+05:302010-02-20T21:07:52.025+05:30हे! राम।हे! राम।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-48659202664643421042010-02-20T20:40:39.101+05:302010-02-20T20:40:39.101+05:30हा!हा!हा!:)
ज्यादा कुछ कहना उचित नहीं है...जो भी क...हा!हा!हा!:)<br />ज्यादा कुछ कहना उचित नहीं है...जो भी कहेगा उसका भी नंबर आएगा,जो नहीं कहेगा उसका भी नंबर आएगा...देखते है आगे आगे होता है क्या...??<br />नजीर अकबराबादी जी की दुर्लभ आखिरी तीन छंद पढ़कर मजा आगया...पर होली पर तो गुरुदेव..(###)का मतलब दे देते -:)<br />बहन कंचन के वीरजी संबोधन पर तनिक कन्फ्यूजिया गए है हम...!होली पर वैसे ही दिमाग पर ताले लग रहे है...कोई बताएगा या क्लोर्मिंट के विज्ञापन की तरह कहेगा कि दुबारा मत पूछना!प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-74466530580395514072010-02-20T20:38:46.107+05:302010-02-20T20:38:46.107+05:30बहुत ही बेहतरीन.बहुत ही बेहतरीन.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63086826193443942412010-02-20T19:45:05.239+05:302010-02-20T19:45:05.239+05:30Superb!!
रंगीन !!
...और कंचन के वीर जी... वह तो सं...Superb!!<br />रंगीन !!<br />...और कंचन के वीर जी... वह तो संगीन ...:):)Sharhttps://www.blogger.com/profile/16686072974110885189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36446197294189974662010-02-20T19:36:58.389+05:302010-02-20T19:36:58.389+05:30कौन वीर जी किसके बीर जी । कंचन किस को वीर जी कह रह...कौन वीर जी किसके बीर जी । कंचन किस को वीर जी कह रही हो ऊपर वाले को कि नीचे वाले को ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-60671514123257325982010-02-20T19:28:34.736+05:302010-02-20T19:28:34.736+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-44824597006377566112010-02-20T19:28:34.117+05:302010-02-20T19:28:34.117+05:30मस्त ढोलक की थाप पर गाने लाय्क गीत...! और वीर जी त...मस्त ढोलक की थाप पर गाने लाय्क गीत...! और वीर जी तो क्या खूबसूरत लग रहे है माशाअल्लाह...!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.com