tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post4198971971375971505..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: दीपावली का त्योहार सामने है, आइये दीपावली के इस त्योहार को तरही मुशायरे की रंगबिरंगी, झिलमिलाती ग़ज़लों से मनाएँ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-74379527233421219352016-10-28T10:41:39.476+05:302016-10-28T10:41:39.476+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.gurpreet singhhttps://www.blogger.com/profile/15070768860145897748noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-28960914625984446542016-10-17T19:12:47.168+05:302016-10-17T19:12:47.168+05:30एक ही ब्लॉग के लिए ग़ज़ल लिखते हैं हम तो, फिर दीवाली...एक ही ब्लॉग के लिए ग़ज़ल लिखते हैं हम तो, फिर दीवाली पे तो ज़रूर ख्यालों को घर आना होगा!Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-56335489256123228352016-10-16T09:28:13.358+05:302016-10-16T09:28:13.358+05:30कमाल का मिसरा है।
ग़ज़ल कहने की उमंग जगाने के लिए आ...कमाल का मिसरा है।<br /><br />ग़ज़ल कहने की उमंग जगाने के लिए आभार!द्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-23492149513697254322016-10-16T09:27:49.810+05:302016-10-16T09:27:49.810+05:30कमाल का मिसरा है।
ग़ज़ल कहने की उमंग जगाने के लिए आ...कमाल का मिसरा है।<br /><br />ग़ज़ल कहने की उमंग जगाने के लिए आभार!द्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-70456212018030827912016-10-15T20:36:16.689+05:302016-10-15T20:36:16.689+05:30उजालो के दरीचे खुल रहे है
दिये जो बुझ गए थे जल गए...उजालो के दरीचे खुल रहे है <br />दिये जो बुझ गए थे जल गए है <br /><br />कमी ऐसी नहीं थी कोई उसमे <br />मगर फिर भी किसी को खल गए है <br /><br />पुरानी शाख है बूढ़ा शज़र है <br />खिले है फूल जो वो सब नए है<br /><br />थी कैसी प्यास जो आँखों में ठहरी <br />जहाँ देखो वहीँ दरिया बहे है <br /><br />तुझे आवाज़ दी तुझको पुकारा<br />तिरी यादों के घर खंडहर किये है <br /><br />यहाँ आया है क्या सैलाब कोई <br />ये किसके कैसे है घर जो ढहे है Sandhya Rathore Prasadhttps://www.blogger.com/profile/07343832720577083565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-86843643622570490032016-10-15T17:51:59.257+05:302016-10-15T17:51:59.257+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Sandhya Rathore Prasadhttps://www.blogger.com/profile/07343832720577083565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-86213497299999081222016-10-15T16:22:10.986+05:302016-10-15T16:22:10.986+05:30यक़ीनन बह्र आसान है।
और जब चीज़ें आसान दिखती हैं तो ...यक़ीनन बह्र आसान है।<br />और जब चीज़ें आसान दिखती हैं तो अपेक्षाएं बढ़ती हैं, जिन पर खरा उतरना आसान नहीं होता।<br /><br />जैसे कि द्विज sir कहते हैं...<br /><br />आसान कहना इतना आसान भी नहीं।<br /><br />बहरहाल पूरी कोशिश रहेगी कुछ नया कहने की।<br />नही पढ़ने का लुत्फ़ तो ज़रूर लेंगेनकुल गौतमhttps://www.blogger.com/profile/08033870691414582297noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-83927045838116545252016-10-15T16:21:43.544+05:302016-10-15T16:21:43.544+05:30यक़ीनन बह्र आसान है।
और जब चीज़ें आसान दिखती हैं तो ...यक़ीनन बह्र आसान है।<br />और जब चीज़ें आसान दिखती हैं तो अपेक्षाएं बढ़ती हैं, जिन पर खरा उतरना आसान नहीं होता।<br /><br />जैसे कि द्विज sir कहते हैं...<br /><br />आसान कहना इतना आसान भी नहीं।<br /><br />बहरहाल पूरी कोशिश रहेगी कुछ नया कहने की।<br />नही पढ़ने का लुत्फ़ तो ज़रूर लेंगेनकुल गौतमhttps://www.blogger.com/profile/08033870691414582297noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-79104577662646054352016-10-14T22:02:37.928+05:302016-10-14T22:02:37.928+05:30स्वागत है। इस बार भरमार रहनी है, तैयार रहें, आपका...स्वागत है। इस बार भरमार रहनी है, तैयार रहें, आपका काम बढ़ने वाला है। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36176145598584885522016-10-14T20:39:36.356+05:302016-10-14T20:39:36.356+05:30जी बिलकुल, दिवाली होली पर इस ब्लॉग पर आना.... जैसे...जी बिलकुल, दिवाली होली पर इस ब्लॉग पर आना.... जैसे बचपन मे गाँव जाया करते थे परिवार के साथ त्योहार मनाने। Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-87069385778504243772016-10-14T19:56:08.934+05:302016-10-14T19:56:08.934+05:30Blog kya band hua Ghazal kehne ki jaise aadat hi c...Blog kya band hua Ghazal kehne ki jaise aadat hi chhoot si gayi...Aap ne fir se ummiid jagayi hai dekhte hain soye zehan men ghazal karvat badalti hai ya nahi :)<br />Blog bhale n raha ho lekin us se jude log aaj bhi ek hi parivar ke saday jaise hain.<br /><br />Akaal me utsav ne jo itihaas racha hai uski misaal milna mushkil hai...aap isi tarah satat sahitya seva karte hue utrottar kaamyabi ki nayi nayi bulandiyoon ko chhoote rahen ...Amin. नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-74950072541678983052016-10-14T19:32:09.745+05:302016-10-14T19:32:09.745+05:30गोलगप्पों की कतारें लग रही हैं
और पारुल आज गुझिया ...गोलगप्पों की कतारें लग रही हैं<br />और पारुल आज गुझिया तल रही है<br />और कुछ शिकवे शिकायत हो रहे हैं<br />उजालों के दरीचे खुल रहे हैं<br />राकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-80915085817043844572016-10-14T19:01:30.470+05:302016-10-14T19:01:30.470+05:30जिसका मुझे था इन्तज़ार..... हा हा हा हा हा ग़ज़ल त...जिसका मुझे था इन्तज़ार..... हा हा हा हा हा ग़ज़ल तो गुरुजी की डाँट पडेगी तब ही कहेंगे। पर दीवाली होली पर इस ब्लॉग पर आना ऐसा लगता है जैसे बचपन मे गाँव जाया करते थे त्योहार पूरे परिवार के साथ मनाने। <br />बहुत खुश हूँ। सबसे मिलना <br />विलना गप्पें वप्पे हो।Parul Singhhttps://www.blogger.com/profile/07199096531596565129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-90788671119617775182016-10-14T19:00:25.986+05:302016-10-14T19:00:25.986+05:30जिसका मुझे था इन्तज़ार..... हा हा हा हा हा ग़ज़ल त...जिसका मुझे था इन्तज़ार..... हा हा हा हा हा ग़ज़ल तो गुरुजी की डाँट पडेगी तब ही कहेंगे। पर दीवाली होली पर इस ब्लॉग पर आना ऐसा लगता है जैसे बचपन मे गाँव जाया करते थे त्योहार पूरे परिवार के साथ मनाने। <br />बहुत खुश हूँ। सबसे मिलना <br />विलना गप्पें वप्पे हो।Parul Singhhttps://www.blogger.com/profile/07199096531596565129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-28747015845716179592016-10-14T18:08:18.562+05:302016-10-14T18:08:18.562+05:30बहत खूब ।बहत खूब ।Ashwini Rameshhttps://www.blogger.com/profile/16656626915061597542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-10829449051671825792016-10-14T18:08:08.035+05:302016-10-14T18:08:08.035+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Ashwini Rameshhttps://www.blogger.com/profile/16656626915061597542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-1260346999396261142016-10-14T17:46:44.170+05:302016-10-14T17:46:44.170+05:30गज़ल के वास्ते तरही मिली है
सुबह कचनार के जैसी खिली...गज़ल के वास्ते तरही मिली है<br />सुबह कचनार के जैसी खिली है<br />बधाई हो, ये उत्सव मन रहे हैं<br />उजाले के दरीचे खुल रहे हैं<br />राकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-42472313991645765982016-10-14T13:19:58.478+05:302016-10-14T13:19:58.478+05:30गुरूजी,
इस दीपावली भी आपसे मेहनत करवाने में कोई क...गुरूजी,<br /><br />इस दीपावली भी आपसे मेहनत करवाने में कोई कसार नहीं छोड़ेंगे....वाकई इन्तजार रहता है तरही का।<br /><br />दीपोत्सव की अग्रिम शुभकामनायें परिवार के सभी सदस्यों को...मुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-6772166785345400342016-10-14T13:19:42.602+05:302016-10-14T13:19:42.602+05:30गुरूजी,
इस दीपावली भी आपसे मेहनत करवाने में कोई क...गुरूजी,<br /><br />इस दीपावली भी आपसे मेहनत करवाने में कोई कसार नहीं छोड़ेंगे....वाकई इन्तजार रहता है तरही का।<br /><br />दीपोत्सव की अग्रिम शुभकामनायें परिवार के सभी सदस्यों को...मुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-58683045471432788782016-10-14T11:35:41.269+05:302016-10-14T11:35:41.269+05:30Jai Jai Jai Jai Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63703178818241270562016-10-14T11:28:58.798+05:302016-10-14T11:28:58.798+05:30और कुछ हो न हो होली दिवाली भी जुड़े रहेंगे तो लगेगा...और कुछ हो न हो होली दिवाली भी जुड़े रहेंगे तो लगेगा पूरा साल मिलते रहे हैं ...<br />सबसे पहले तो अकाल में उत्सव पुस्तक चर्चा की अग्रिम शुभकामनायें ... हमें कई बार लगता है बहुत कुछ छूट जाता है विदेश में रहते हुए ... पर आज के सोशल माध्यम कुछ हद तक इस कमी को पूरा कर देते हैं ... अपना परिवार आज भी ऐसे ही बना हुआ है इसका श्रेय आपकी जोड़े रखने की क्षमता को जाता है ... आशा है सब यूँ ही साथ साथ रहेंगे ... तरही मिसरा दिवाली के रंग में ही रंगा हुआ है ... उम्मीद है मजा आने वाला है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-12653483434190178832016-10-14T11:10:44.726+05:302016-10-14T11:10:44.726+05:30मैं लिखने ही वाला था आपको कि इस बार दिवाली के मुशा...मैं लिखने ही वाला था आपको कि इस बार दिवाली के मुशायरे के लिए ग़ज़ल मिसरा निश्चित नहीं हुआ । अभी पोस्ट पढ़कर खुशी हुई जिसमें अच्छी जानकारी भी शेयर की गयी है Ashwini Rameshhttps://www.blogger.com/profile/16656626915061597542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-24757442054253782512016-10-14T10:59:17.709+05:302016-10-14T10:59:17.709+05:30वाह वाह सर. बहुत अच्छा लगा इतने समय बाद आपकी पोस्ट...वाह वाह सर. बहुत अच्छा लगा इतने समय बाद आपकी पोस्ट पढ़ने मिली. मास्साब मैने आपको बहुत ई मेल किए. पर आपने जवाब नही दिया. कृपया मुझे भी इस मुशायरे में हिस्सा लेने की इजाज़त दें. धन्यवादgurpreet singhhttps://www.blogger.com/profile/15070768860145897748noreply@blogger.com