tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post3552369098064065167..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: आइये मुशायरे के क्रम को आगे बढ़ाते हैं आज श्री धर्मेंद्र कुमार सिंह, श्री सौरभ पाण्डेय और श्री सुलभ जायसवाल के साथ ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-70167589870116737112016-01-10T10:35:14.426+05:302016-01-10T10:35:14.426+05:30आदरणीय धर्मेन्द्र जी की शायरी का कायल तो मैं उनके ...आदरणीय धर्मेन्द्र जी की शायरी का कायल तो मैं उनके ग़ज़ल संग्रह "ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर" पढ़कर हो गया था,पर आदरणीय सौरभ जी ने तो चौंका दिया। मैं इनकी कविताओं और छंदों पर सिद्धहस्तता से तो परिचित था, पर आज इनके एक अन्य स्वरूप का भी सुखद दर्शन हुआ।<br />श्री सुलभ जायसवाल जी ने भी बहुत सुन्दर कहा।<br />बधाई आप सब को।।जयनित कुमार मेहताhttps://www.blogger.com/profile/16681753396464491691noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-40015023984356866072015-11-13T11:17:48.173+05:302015-11-13T11:17:48.173+05:30शुक्रिया सुलभ जीशुक्रिया सुलभ जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-14051767049826867172015-11-13T11:15:59.360+05:302015-11-13T11:15:59.360+05:30शुक्रिया सौरभ जीशुक्रिया सौरभ जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-66858626968711359582015-11-13T11:15:37.658+05:302015-11-13T11:15:37.658+05:30बहुत बहुत शुक्रिया नकुल जीबहुत बहुत शुक्रिया नकुल जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-20903012959491171432015-11-11T14:55:39.277+05:302015-11-11T14:55:39.277+05:30शानदार तरही चल रही है।
मैंने आने में देर कर दी।
त...शानदार तरही चल रही है।<br />मैंने आने में देर कर दी।<br /><br />तीनों ग़ज़लें शानदार हैं।<br />धर्मेन्द्र कुमार जी ने दिल के महानगर में लाखों प्रेम की दीपक जलाकर दीवाली मनाई। <br />अच्छी ग़ज़लें पढ़ने का मज़ा अलग ही होता है।<br /><br />आपत्तियों की रुत पर इशारों में आदरणीय पाण्डेय जी का शे'र क़माल कर रहा है। <br /><br />कठिन समय में मुस्कुराने की गुज़ारिश सिर्फ सच्ची मुहब्बत ही करती है। क्या शे'र हुआ है।<br /><br />सुलभ जी ने भाभी जी (अपनी पत्नी) को केंद्र में रख कर गज़ब की ग़ज़ल कही है। ऐसी ग़ज़लें अब कम पढ़ने को मिलती हैं। पत्नियों के साथ आम तौर पर मिज़ा ही पढ़ने मिलता है। हार्दिक बधाई<br /><br />नकुल गौतम<br />नाहन सेनकुल गौतमhttps://www.blogger.com/profile/08033870691414582297noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-45546199474447806042015-11-10T23:34:30.762+05:302015-11-10T23:34:30.762+05:30आदरणीय धर्मेन्द्रजी एवं सुलभ भाई को उनकी प्रस्तुति...आदरणीय धर्मेन्द्रजी एवं सुलभ भाई को उनकी प्रस्तुतियों के लिए हृदयतल से दाद दे रहा हूँ. <br />दीपावली की शुभकामनाएँ <br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-52005610812918433422015-11-10T23:32:54.358+05:302015-11-10T23:32:54.358+05:30हार्दिक धन्यवाद सुलभ भाई
दीपावली की शुभकामनाएँ हार्दिक धन्यवाद सुलभ भाई <br />दीपावली की शुभकामनाएँ Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-2692443281150559402015-11-10T23:31:28.554+05:302015-11-10T23:31:28.554+05:30हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सज्जन धर्मेन्द्रजी.
दीपावली...हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सज्जन धर्मेन्द्रजी.<br />दीपावली की शुभकामनाएँ <br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-86213184734443950032015-11-10T23:29:33.665+05:302015-11-10T23:29:33.665+05:30आदरणीय तिलकराजजी, आपसे मिली हौसलाअफ़ज़ाई से दिल खुश ...आदरणीय तिलकराजजी, आपसे मिली हौसलाअफ़ज़ाई से दिल खुश हो गया. हार्दिक धन्यवाद <br />दीपावली की शुभकामनाएँ <br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-88219675464078556462015-11-10T22:59:09.705+05:302015-11-10T22:59:09.705+05:30श्री धर्मेंद्र जी और श्री सौरभ जी ने विभिन्न शब्द,...श्री धर्मेंद्र जी और श्री सौरभ जी ने विभिन्न शब्द, अंदाज और भाव से जो गजल मे बात कही है...मन मुग्ध हो गया। Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-32288646884903856722015-11-10T22:55:40.012+05:302015-11-10T22:55:40.012+05:30शुक्रिया... शुक्रिया... शुक्रिया... !! गजल पर आप स...शुक्रिया... शुक्रिया... शुक्रिया... !! गजल पर आप सभी की टिप्पणी मिली , यही दीपोत्सव है जो तरही मे पूरा घुल कर आता है। <br />Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-66134291934628076512015-11-10T18:13:46.957+05:302015-11-10T18:13:46.957+05:30मुझे अचानक कहीं जाना पड़ गया और टिप्पणी अधूरी रह ...मुझे अचानक कहीं जाना पड़ गया और टिप्पणी अधूरी रह गयी। <br />धर्मेन्द्र जी, सौरभ जी और सुलभ को बहुत-बहुत बधाई इन खूबसूरत ग़ज़लों के लिये। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-58598477768235358502015-11-10T17:02:36.687+05:302015-11-10T17:02:36.687+05:30शुक्रिया दानी जीशुक्रिया दानी जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-59100032962621561392015-11-10T17:01:51.499+05:302015-11-10T17:01:51.499+05:30शुक्रिया सिद्धू जीशुक्रिया सिद्धू जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-40060694266397139762015-11-10T17:01:25.398+05:302015-11-10T17:01:25.398+05:30बहुत बहुत शुक्रिया रमेश जीबहुत बहुत शुक्रिया रमेश जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-90355383762511911462015-11-10T17:00:58.684+05:302015-11-10T17:00:58.684+05:30शुक्रियाशुक्रिया‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-30067059050272448062015-11-10T17:00:39.526+05:302015-11-10T17:00:39.526+05:30आपको भी दीपपर्व की अनन्य शुभकामनाएँआपको भी दीपपर्व की अनन्य शुभकामनाएँ‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-24697719169437263192015-11-10T16:59:57.976+05:302015-11-10T16:59:57.976+05:30बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय राकेश जीबहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय राकेश जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-5126776655989871132015-11-10T16:59:30.462+05:302015-11-10T16:59:30.462+05:30तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ पारुल जीतह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ पारुल जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-62441878164568207782015-11-10T16:58:59.594+05:302015-11-10T16:58:59.594+05:30बहुत बहुत शुक्रिया राजीव जीबहुत बहुत शुक्रिया राजीव जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73124211123295226592015-11-10T16:58:06.204+05:302015-11-10T16:58:06.204+05:30बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय नीरज जीबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय नीरज जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-52842525960504314442015-11-10T16:57:41.806+05:302015-11-10T16:57:41.806+05:30बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय तिलक जीबहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय तिलक जी‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-88661718935009933062015-11-10T16:57:09.836+05:302015-11-10T16:57:09.836+05:30बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़लें कही हैं आदरणीय सौरभ जी और सुलभ ...बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़लें कही हैं आदरणीय सौरभ जी और सुलभ जी ने। आदरणीय सौरभ जी ने पलकों की कोर से जो शे’र निकाला है कि दिल फाहा फाहा हो गया। सुलभ जी ने समझो यही है मयका कहकर दिल जीत लिया। दोनों शायरों को बहुत बहुत बधाई इन शानदार अश’आर के लिए।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-22267524156361872592015-11-10T15:31:10.256+05:302015-11-10T15:31:10.256+05:30"इक बार मुस्करा दो" यानी पूरा मफ़ऊलु फ़..."इक बार मुस्करा दो" यानी पूरा मफ़ऊलु फ़ायलातुन रदीफ़ घेर ले और शायर फिर भी शेर निकाल ले, क्या यह आश्चर्यजनक नहीं लगता। इस आश्चर्य को यथार्थ में बदलती पिछली पोस्ट और ये तीन ग़ज़लें आश्वस्त करती हैं कि संभव है; संभव है। <br />तीनों ग़ज़ल एक से एक खूबसूरत प्रयोग प्रदर्शित कर रही हैं और पुष्टि करती हैं कि पूर्ण मनोयोग से कही गयी हैं तीनों ग़ज़ल। शब्दों का ऐसा अभिनव प्रयोग ऐसी कठिन स्थिति में कम ही देखने को मिलता है। तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-90541149597359338852015-11-10T15:26:26.872+05:302015-11-10T15:26:26.872+05:30भाईजी, देर से हम बाट जोह रहे थे ! .. आपने हमें शबर...भाईजी, देर से हम बाट जोह रहे थे ! .. आपने हमें शबरी बना दिया ! <br />प्रस्तुतियों पर आपका आगमन उत्फुल्ल कर देता है. हृदयतल से धन्यवाद.<br /><br />दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ <br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.com