tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post1134343343988724718..comments2024-03-29T19:13:12.821+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: रक्षा बंधन के अवसर कई सारे गीत सुनिये, ये गीत समर्पित हैं लावण्य दीदी, शार्दूला दीदी, सुधा दीदी और अनुजा कंचन को, जिन्होंने इस राखी पर एक सूनेपन को मिटा दिया है । : पंकज सुबीरपंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-27413309427181562352009-08-10T10:36:35.251+05:302009-08-10T10:36:35.251+05:30waah
waah
abhibhoot kar diya..............waah <br />waah<br /><br />abhibhoot kar diya..............Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-20380916429596271372009-08-09T12:22:48.347+05:302009-08-09T12:22:48.347+05:30bahin0 ka neh, aur geeton ka dhaga... bahut sundar...bahin0 ka neh, aur geeton ka dhaga... bahut sundar hai !राकेश जैनhttps://www.blogger.com/profile/05865088324047258223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-32012041810923561152009-08-06T06:55:27.560+05:302009-08-06T06:55:27.560+05:30सुबीर जी,
गीत तो मनभावन और पर्व की गरिमा के अनुकू...सुबीर जी,<br /><br />गीत तो मनभावन और पर्व की गरिमा के अनुकूल हैं ही, आलेख और सन्देश पढ़-सुनकर पर्व का माहौल पूरा सज गया.<br /><br />सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-53414710399123615062009-08-06T02:49:42.024+05:302009-08-06T02:49:42.024+05:30एक धागा जोड़ रखता
कॄष्ण बन कर गा रहा है आज मेरा मन...एक धागा जोड़ रखता <br />कॄष्ण बन कर गा रहा है आज मेरा मन सुभद्रे<br />हो रहा प्रमुदित निरंतर मन, लिये नेहा तुम्हारा<br /><br />ओ सहोदर, वर्ष का यह दिन पुन: जीवन्त करता<br />स्नेह के अदॄश्य धागे, बाँध जो तुमने रखे हैं<br />दीप बन आलोकमय करते रहे हैं पंथ मेरा<br />और जो अनुराग के पल हैं, सुधा डूबे पगे हैं<br /><br />एक धागा जोड़ रखता ज़िन्दगी के हर निमिष को<br />और फिर प्रत्येक उसने चेतना का पल निखारा<br /><br />शब्द में सिमटे कहाँ तक भावना मन में उगीं जो<br />और कितनी बात वाणी कह सकी तुमको विदित है<br />किन्तु मेरी मार्गदर्शक है तुम्हारी सहज बातें<br />और वे संकल्प जिनमें सर्वदा हित ही निहित है<br /><br />मैं कभी हो पाऊँ उॠण, जानता संभव नहीं है<br />कामना है, हर जनम पाऊँ तुम्हारा ही सहाराराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-65717354121355146782009-08-05T23:24:19.142+05:302009-08-05T23:24:19.142+05:30गुरु जी प्रणाम
आज पुनः गीत सुनने आया और फिर से नह...गुरु जी प्रणाम <br />आज पुनः गीत सुनने आया और फिर से नहीं सुन पाया, पता नहीं क्या परेशानी है, और ब्लॉग पर तो लिंक खुल रहा है, अन्य कमेन्ट से भी पता चल रहा है की गीत के लिंक खुल रहे है <br /><br />महावीर जी को धन्यवाद देता हूँ की गीत सुन नहीं पाया मगर उनके कमेन्ट के जरिये पता चल सका की आपने कौन कौन से गीत लगाये हैं :)<br />महावीर जी हार्दिक धन्यवाद <br /><br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-57594143017961804292009-08-05T22:50:02.238+05:302009-08-05T22:50:02.238+05:30...और शार्दुला जी की कविता ने कुछ भिगो दिया अंतर्म......और शार्दुला जी की कविता ने कुछ भिगो दिया अंतर्मन में....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-42154819950978683572009-08-05T22:47:57.874+05:302009-08-05T22:47:57.874+05:30पंकज भाई सुधाजी और ळावण्या जी की दुआ में हर बहन का...पंकज भाई सुधाजी और ळावण्या जी की दुआ में हर बहन का स्नेह शामिल हैं<br /><br />दिल से दुआ निकल कर, जाने कहां चली है<br />अंगनाई में वो शायद पंकज तेरे गई है<br /><br />यादों में बस गये जो उनको क्या याद करना<br />हर सांस में महक की ऐसी कली खिली है<br /><br /><br />दिल से निकली हर डुआ हर भाई के दिल तक पहुचे<br />देवी नागरानीDevi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-68169911151525870602009-08-05T21:45:23.123+05:302009-08-05T21:45:23.123+05:30दूर इस सुदूर पहाड़ी से इस अनुज का प्रणाम स्वीकारें....दूर इस सुदूर पहाड़ी से इस अनुज का प्रणाम स्वीकारें....पोस्ट के बारे में कुछ नहीं कह पा रहा...बस थोड़ी सी आँखें नम होअआयीं भाई-बहन के इस निश्छल उमड़ते स्नेह पर...गीत सुन नहीं सकता...मोबाइल के जीपीआरएस की गति इजाजत नहीं देती...अपनी आवाज वाली अगर मेल में भेज देंगे, अनुग्रहित र्हूँगा गुरूदेव...<br />ब्लौग की छटा.....अहा !<br />कैसे कर लेते हो गुरूवर आप ये सब<br />और बचपन की तस्वीरें देखकर मुस्कुराये जा रहा हूँ...दोनों भाईयों की आँखों में काजल लगा है ना?<br />अभी वो मुशायरे की आखिरी पेशकश पढ़ने जा रहा हूँ...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-88742760665254618962009-08-05T19:41:08.596+05:302009-08-05T19:41:08.596+05:30बहुत शानदार लेख मधुर गीतों से भरा .
राखी के त्यौहा...बहुत शानदार लेख मधुर गीतों से भरा .<br />राखी के त्यौहार को गरिमा प्रदान करता हुआ ..<br /><br />आभार !! Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-81439524643604119202009-08-05T18:46:15.215+05:302009-08-05T18:46:15.215+05:30पंकज जी आपकी ये पोस्ट रक्षा बंधन के पावन पर्व की स...पंकज जी आपकी ये पोस्ट रक्षा बंधन के पावन पर्व की सर्वश्रेष्ठ पोस्ट है...परिवार में बहिन के न होने से उपजी टीस इसमें स्पष्ट झलकती है...मैं इस दर्द को अच्छी तरह महसूस कर सकता हूँ क्यूँ की हम भी दो भाई ही हैं बहिन नहीं है...रक्षा बंधन और भाई दोज जैसे पर्व बचपन में बहुत बुरे लगते थे...मेरी बुआ की दो बेटियाँ ही मुझे अब तक राखी बांधती आयीं हैं उनमें से एक साऊथ अफ्रीका शादी के बाद सेटल हो गयी और दूसरी लता है जिसकी राखी तो मिल जाती है लेकिन मेरे जयपुर और उसके मुंबई में रहने के कारण वो स्वयं हर पर्व पर कभी नहीं बाँध पायी... <br />ब्लॉग का पूरा कलेवर की बहुत आकर्षक बनाया है....गीत आपने बहुत सुन्दर और उपयुक्त चुने हैं...जिसकी अब लावण्या जी, कंचन जी , सुधा जी, शार्दूला जी जैसी बहने हों उसके लिए अब ये पर्व बहुत विशेष हो गया है...आपकी ये पोस्ट संग्रहनिय है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-3015548742902926972009-08-05T17:32:09.333+05:302009-08-05T17:32:09.333+05:30गुरु देव को सादर प्रणाम,
इस रक्षा बंधन के पवन पर्व...गुरु देव को सादर प्रणाम,<br />इस रक्षा बंधन के पवन पर्व पे मेरे तरफ से भी सभी को ढेरो बधाईयाँ और शुभकामनाएं... आदरणीय लावण्या दीदी ,सुधा दीदी , स्रादुला दीदी और मेरी प्यारी और झगडालू कंचन दीदी .... सभी को मेरे तरफ से भी बहोत बहोत बधाई इस पर्व के लिए .<br />साथ में बहन गुडिया पूनम और लावली को भी बधाई ...<br /><br />गुरु देव सच में सारे हे गीत बचपन से सुनते आये है सभी मेरे पसंदीदा गीतों में से हैं... मगर प्रभु आपने जो काब्य पाठ किया है उसके बारे में कुछ भी कहने के लायक नहीं हूँ उफ्फ्फ्फ्फ्फ , सुनकर आँखें डबडबा गयी ... और धुन भी तो उसी तरह का आपने बनाया है ... जब आप बाद में बादल सावन साजन का उच्चारण करते है तो कहर ढाते हैं... पोस्ट तो कल ही पढ़ ली थी मगर आपको सुन नहीं पाया था इसलिए टिपण्णी नहीं की थी... सारी तस्वीरें सहेजने लायक है अनमोल हैं सभी .... सच में गुरु देव बचपन में मेरे भी चाचा की लडकियां नहीं आपाती तो मैं भी माँ से कहता के मुझे भी बहन लाके दो ... वो क्या करती मेरे छोटे भाई को फ्रॉक पहना के मेरे सामने लाकर रख देती और फिर वही मुझे राखी बाँधता था ... आज बरसों बाद जब मेरे पास बहन कंचन की राखी आई तो उसी ने बंधा मेरे कलाई में ... आँखें भर आयी गुरु देव सच्ची में ... बहोत खलता है... आभार कैसे ब्यक्त कर सकता हूँ बहन कंचन के इस प्रेम का और राखी का ... इन्होने तो कर्जदार बना दिया मुझे... फिर से आप सभी को इस पाक पर्व पे मुबारकवाद दिए जा रहा हूँ..."अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-46382244703464154172009-08-05T15:54:10.236+05:302009-08-05T15:54:10.236+05:30आज ही रक्षा बंधन है |इस ब्लॉग पर आकर आनंदित हुआ |ब...आज ही रक्षा बंधन है |इस ब्लॉग पर आकर आनंदित हुआ |बचपन की तस्वीरे बहुत अच्छी लगीBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-55012536584367120642009-08-05T15:16:27.144+05:302009-08-05T15:16:27.144+05:30गुरूजी, आपके गीत ने आंखें नम कर दी, यानि गीत सफल ...गुरूजी, आपके गीत ने आंखें नम कर दी, यानि गीत सफल है। और ये पोस्ट....विस्तृत टिप्पणी बाद में दूंगा...अभी किसी और लोक में हूं....रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-397548400724364302009-08-05T13:23:26.952+05:302009-08-05T13:23:26.952+05:30राखी के पावन पर्व पर आपने पूरा माहोल अपनी लेखनी के...राखी के पावन पर्व पर आपने पूरा माहोल अपनी लेखनी के जादू के साथ साथ उसकी छटा को भी पावन उत्सव में परिवर्तित कर दिया है .......... लाजवाब गीत तो बार बार सुन कर मन को दूर खींच रहे हैं.......... आँखें भर रही हैं......... <br /><br />आप को और सब भाई बहनों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें...........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-65818237481329515542009-08-05T12:30:13.650+05:302009-08-05T12:30:13.650+05:30ये जितने भी गीत लगे हैं, यहाँ पर सब के सब जाने कब ...ये जितने भी गीत लगे हैं, यहाँ पर सब के सब जाने कब से याद हैं जुबानी मुझे। राखी हमेशा से बहुत विशेष होती थी। उस दिन खाना मैं ही बनाती थी पूरा। किसी को हाथ नही लगाने देती थी। चार भाइयों के बीच १० राखी ले कर आती। जो भी पसंद आ जाती सब..! रात को मेंहदी लगा कर सो जाना। सुबह से एक एक भाई का इंतज़ार करना..! जब तक सब ना आ जायें, उपवास रखना। कितना सुख था। <br /><br /><b>मेरा फूल है तू तलवार है तू, मेरी लाज का पहरेदार है तू,<br />मैं अकेली कहाँ इस दुनियाँ में, मेरा सारा संसार है तू।<br /><br />सुंदरता में जो कन्हैया है, ममता में यशोदा मईया है, <br />वो और नही दूजा कोई, वो मेरा प्यारा भईया है।<br /><br />किस्मत हमें दूर करे लेकिन, दिल से ना जुदा हमको करना,<br />सावन के पावन दिन भईया, बहना को याद किया करना।<br /><br />कभी भईया ये बहना ना पास होगी, कहीं परदेस बैठी उदास होगी।<br /><br />फूलों का तारों का सबका कहना है,.... सारी उमर हमें संग रहना है<br /><br />ये ना जाना दुनिया ने तू हैं क्यों उदास, तेरी प्यारी आँखों में प्यार की है प्यास।<br /><br />चंदा रे मेरे भइया से कहना...!<br /><br />क्या बतलाऊँ कैसा है वो, बिलकुल तेरे जैसा है वो। <br /><br />राखी के धागे सँवलाये, कहना अब मत देर लगाये<br /><br />मेरे भईंया मेरे.... तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज ना लूँ।<br /><br />एक पल भी मेरी नज़रों से अगर ओझल हो, <br />हर तरफ मेरी नज़र तुझको ढूँढ़ आती है।<br /><br />तेरे सेहरे की महकती हुई कलियों के लिये,<br />अनगिनत ख्वाब उम्मीदो के बुने हैं मैने<br /><br />मेरे भईया उमर में तेरी नित बढ़े अंक दहाई का।</b><br /><br />इन सब पंक्तियों को बहुत गहरे से गुनगुनाया है, आँखें नम की हैं। एक विशेष रिश्ता। जहाँ मित्रता भी होती है। सुरक्षा भी। <br /><br />है तो अब भी सब मगर वो बात कहाँ जो उस कच्ची उम्र में थी<br /><br />आपके जीवन में समस्त खुशीयों की शुभकामनाएं।<br /><br /><b>शार्दूला दी का गीत आँखें भिगो गया।</b>कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-57354141946010256442009-08-05T08:42:44.106+05:302009-08-05T08:42:44.106+05:30waah bahut sunder post hai pankaj ji is shubha avs...waah bahut sunder post hai pankaj ji is shubha avsar par aapko saparivaar badhaai ab jahir hai parivaar men aapki sabhi didiyan aur bahenen bhi shamil hain :)Sajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-13506937564383060712009-08-05T08:16:08.430+05:302009-08-05T08:16:08.430+05:30सुबीर भाई,
आप ने जो गीत मुझे सुनाया, उसे बचपन से र...सुबीर भाई,<br />आप ने जो गीत मुझे सुनाया, उसे बचपन से राखी वाले दिन सुनती आई हूँ. पिछले तीन वर्षों से इसे नहीं सुना था. जिस बड़े भैया को राखी बाँधते समय इसे सुनती थी, वे तीन साल पहले मुझे छोड़ गए. आज आप ने बहुत सी यादें ताज़ा कर दीं. आप को कैसे पता चला कि यह मेरा मनपसंद गीत है? आज ज़्यादा बात नहीं कर सकती, आप सब के होते हुए भी उनकी बहुत याद आ रही है. वे मेरे से साढ़े दस साल बड़े थे और मैं उनकी मुन्ना थी. हाँ ,एक बात के लिए आप की आभारी हूँ कि उम्र भर मैं अकेली बेटी रही. कोई बहन नहीं थी, आप ने बहनें दे दीं. गुड़िया ,पूनम, लवली, लावण्या जी, कंचन, शार्दूला जी-- रक्षा बंधन की शुभकामनाएँ!Dr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-47745238209667274912009-08-05T07:27:46.918+05:302009-08-05T07:27:46.918+05:30आप को और घर में सबको रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामन...आप को और घर में सबको रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाओं सहित . . .<br />******************<br />ज़िन्दगी के दिन वो छोटे<br />******************<br />केसरी ये फूल, उनके साथ ये कचनार वाले <br />सुन मेरे परदेसी भईया, प्रीति के मेरे रिसाले<br />और ये जो दूब हल्की, चूनरी जैसे बिछी हो<br />कुछ शरारत बचपनों की याद के अल्बम टंगी ज्यों<br /> <br />छूटी जो आधी बहस और आधा-आधा रूस जाना <br />याद आता है वो तेरा खींच चोटी भाग आना <br />मेरे सर अपनी शरारत मंढ के तेरा मुस्कुराना<br />और मेरी गलतियों पे सिर झुका के डाँट खाना <br /><br />दोपहर में कैंची, अद्दा फ़िर सही साईकिल सिखाना <br />और पहनूँ ड्रेस जो छोटी, तो तेरा आँखें दिखाना<br />पंख सौ ले कर समय का,हाय जैसे उड़ सा जाना <br />ज़िन्दगी के दिन वो छोटे और ये लंबा तराना <br /> <br />आज के दिन और ज़्यादा याद क्यों आती है मुझको ?<br />क्या हवा के धागे सच कह बाँध लेते आज तुझको ?<br />याद आती है जो तेरी, पांखी क्यों उड़ते गगन में ?<br />क्या तेरे हैं पास लाते, बातें जो करती मगन मैं ?Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-21777078019134253462009-08-05T04:15:13.823+05:302009-08-05T04:15:13.823+05:30सुबीर जी
आपकी प्रस्तुति के लिए शब्द नहीं हैं मेरे ...सुबीर जी<br />आपकी प्रस्तुति के लिए शब्द नहीं हैं मेरे पास!<br />पढ़ते हुए, गीत और गाने सुनते हुए, और लावण्या जी, कंचन जी (बल्कि कंचन बेटी अधिक उपयुक्त है), सुधा जी, शार्दूला जी और पुरानी यादों में उभरते हुए आपके पुराने बहुमूल्य चित्रों को देखते हुए कंप्यूटर पर ऐसा लग रहा था जैसे कोई चलचित्र देख रहा हूँ.<br />गीतों और गानों का चुनाव बहुत पसंद आया. लावण्या जी के लिए 'एक हजारों में मेरी बहना है', सुधा जी के लिए 'भैया मेरे छोटी बहन को मत भुलाना', शार्दूला जी की आवाज में गीत और छंद 'दूर हँसी के गहरे जंगल' और 'बहना ने भाई की कलायी से', प्यारी प्यारी गुडिया, पूनम और लवली के लिए 'चन्दा रे, मेरे भैया से कहना', 'ये राखी बंधन है ऐसा' और 'मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन' बड़े ही उपयुक्त हैं.- ये पोस्ट यादों में बहुत समय तक बसी रहेगी. <br />सब बहनों और भाईयों को रक्षाबंधन की शुभकामनायें.महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-40129301058044132009-08-05T02:32:43.267+05:302009-08-05T02:32:43.267+05:30BHOOL SE MEREE TIPPANI MEIN
SHARDULA JEE KAA NAAM...BHOOL SE MEREE TIPPANI MEIN <br />SHARDULA JEE KAA NAAM CHHOOT<br />GAYAA HAI.KSHAMAA CHAHTAA HOON.pran sharmahttps://www.blogger.com/profile/14595198332257086105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-88332284873375557202009-08-05T02:25:57.374+05:302009-08-05T02:25:57.374+05:30SUBEER JEE,RAKSHA BANDHAN KE PAAVAN
PARV PAR LAVAN...SUBEER JEE,RAKSHA BANDHAN KE PAAVAN<br />PARV PAR LAVANYA JEE,SUDHA JEE AUR<br />KANCHAN JEE KEE MADHUR UPASTHITI<br />AAPKE BLOG KO CHAAR CHAAND LAGAA<br />RAHEE HAI.AESE JAGMAGAAHAT TO <br />DEEWALI PAR NAHIN HOTEE HAI.AAPKA<br />BLOG NAUVAN AJOOBA LAG RAHAA HAI.<br />BKAUL DAAG DELHVI-<br /> SAATH SHOKHEE KE<br /> KUCHH HIZAAB BHEE HAI<br /> IS ADAA KAA<br /> KAHIN JAWAAB BHEE HAIpran sharmahttps://www.blogger.com/profile/14595198332257086105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-35225130362787900802009-08-05T01:17:18.390+05:302009-08-05T01:17:18.390+05:30गुरु जी प्रणाम,
आपकी पोस्ट पढी रंग संयोजन पसंद आय...गुरु जी प्रणाम,<br /><br />आपकी पोस्ट पढी रंग संयोजन पसंद आया <br /><br />क्रोम पर गीत नहीं सुन पा रहा हूँ इंटरनेट एक्स्प्लोरर पर तो ब्लॉग ही नहीं खुल रहा इसलिए एक बार आकर लौट गया फिर से आया तो वही स्थिति बनी हुई है <br /><br />कल जो कविता महावीर जी के ब्लॉग पर पढी है वो तो अद्धुत है <br />रछाबंधन की मंगलकामनाएं <br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-36917706138074902842009-08-04T23:08:57.015+05:302009-08-04T23:08:57.015+05:30गुरुदेव,
आपके पोस्ट पर लगाये गीतों से हमारा रक्षाब...गुरुदेव,<br />आपके पोस्ट पर लगाये गीतों से हमारा रक्षाबंधन संगीतमय हो उठा है...<br />सब भाई बहनों को रक्षा बंधन की मंगलकामनाएं...<br />प्रकाशप्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-52854875107228549852009-08-04T22:25:56.256+05:302009-08-04T22:25:56.256+05:30क्या कहूँ ? आपने अपनी अनुपम गीतों-मयी प्रस्तुति मे...क्या कहूँ ? आपने अपनी अनुपम गीतों-मयी प्रस्तुति में सब कुछ तो कह दिया है!<br />आपका लिखा गीत दोपहर से कितनी ही बार पढा, सुना, गुना. ... अद्भुत !<br />जो गीत "बहना ने भाई की कलाई से" आपने पोस्ट पे लगाया है उसी की दो पंक्तियाँ आपको अर्पित :<br />"सुन्दरता में जो जो कन्हैया है, ममता में यशोदा मैया है, <br />वो और नहीं दूजा कोई, वो तो मेरा राजा भैया है "<br />लावण्या जी, सुधाजी को प्रणाम और कंचन, गुडिया, पूनम और लवली को ढेर सा प्यार :)<br />आप सब सपरिवार सुखी रहे और खुशियाँ बिखेरें !<br />सादर <br />शार्दुलाShardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-84445569474909440542009-08-04T21:53:21.033+05:302009-08-04T21:53:21.033+05:30सभी बहनों के साथ हमेशा आपका यूं ही प्यार बना रहे ...सभी बहनों के साथ हमेशा आपका यूं ही प्यार बना रहे .. रक्षाबंधन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com