tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post1055104986112931066..comments2024-03-27T10:03:10.997+05:30Comments on सुबीर संवाद सेवा: 'थ्री जीनियस' श्री नीरज गोस्वामी जी, श्री समीर लाल जी और श्री योगेन्द्र मौदगिल जी। नये साल के तरही मुशायरे के विशेष आमंत्रण खंड में आज सुनिये तीन विशेष आमंत्रित शायरों को ।पंकज सुबीरhttp://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-81769551957804198972010-01-26T20:41:20.530+05:302010-01-26T20:41:20.530+05:30सबसे पहली बात कि श्री नारायण कासट जी के स्वास्थ्य ...सबसे पहली बात कि श्री नारायण कासट जी के स्वास्थ्य के बारे में जानकर अच्छा लगा। परमात्मा उन्हे चिरायु करे। दूसरी बात, निवेदन है कि "दर्द बेचता हूं और आवारा यायावर की रिकार्डिंग उपलब्ध करायी जाये। अब आता हूं थ्री जीनियस पर! हम ति इन तीनों के पहले से ही कायल हैं। <br />समीर जी का मुहब्बत की चादर! कई बार पढ़ना पड़ा इस शेर को। और हर बार आनंद द्विगुणित होते गया।<br />श्री मौदगिल जी के शेरों में तो कोई एक छांटा ही नहीं जा सकता क्योंकि सारे लाजवाब हैं। बहुत सुंदर।<br />श्री नीरज जी की गज़ल तो बहुत परिश्रम करके पढ़ना पड़ा। कारण ये है कि मतले के सम्मोहन से उबरना आसान नहीं था। भलाई किये जा और बहाने वाले शेर भी खूब पसंद आये। इस शानदार प्रस्तुति के लिये बधाई।रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-78201204153070673102010-01-25T18:32:59.172+05:302010-01-25T18:32:59.172+05:30हर शेर उम्दा...लाजवाब.....वाह...एक से बढ़कर एक....हर शेर उम्दा...लाजवाब.....वाह...एक से बढ़कर एक....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-64832731322570699642010-01-25T18:32:55.382+05:302010-01-25T18:32:55.382+05:30हर शेर उम्दा...लाजवाब.....वाह...एक से बढ़कर एक....हर शेर उम्दा...लाजवाब.....वाह...एक से बढ़कर एक....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-73614909856598903012010-01-25T16:18:22.712+05:302010-01-25T16:18:22.712+05:30श्रधेय नारायण कासट जी को प्रणाम, आपके स्वस्थ स्वास...श्रधेय नारायण कासट जी को प्रणाम, आपके स्वस्थ स्वास्थ्य के बारे में जानकार ख़ुशी हुई.<br />गुरु जी जल्दी से "यायावर हैं.." की रेकॉर्डिंग भी भेजिए, "दर्द बेचता हूँ............" सुना और बहुत बहुत अच्छा लगा.<br />इस बार का ये अंक तीन अनमोल रत्नों की रचनाओ से जगमगा रहा है.<br />समीर लाल जी का शेर "ना जाने कहाँ मीत......." पढ़कर दिल से बारहां वाह वाह निकल रही है<br />यौगेन्द्र मौदगिल जी की ग़ज़ल का शेर "ना नदियों ने समझा..............." अद्भुत है, जिसमे मिलन का बेहद खूबसूरत चित्रण लफ़्ज़ों से किया गया है, बार बार पढ़कर भी इसे फिर से पढ़ते रहने की इच्छा कर रही है.<br />नीरज जी की ग़ज़ल का शेर "बहाने बहाने....................." आहा क्या बना है, मज़ा आ गया.Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-51881867724717080862010-01-24T20:20:11.938+05:302010-01-24T20:20:11.938+05:30तीनो ही ग़ज़लें लाजवाब हैं...क्या कहने ?तीनो ही ग़ज़लें लाजवाब हैं...क्या कहने ?अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-69732784923945943612010-01-24T18:47:45.119+05:302010-01-24T18:47:45.119+05:30रोचक प्रस्तुति गुरुदेव...वो अभिनव जी ने जो कोई आधु...रोचक प्रस्तुति गुरुदेव...वो अभिनव जी ने जो कोई आधुनिक रिकार्डर भिजवाया है उसका उपयोग हुआ ही होगा...रपट के संग-संग जो रिकार्डिंग भी सुनने को मिल जाती तो मजा आ जाता।<br /><br />हमारे गुरु के गुर श्रद्धेय कासट जी को चरण-स्पर्श और "दर्द बेचता हूं" के बाद अब इस "आवार हैं, बंजारे हैं" को भी सुनने की ललक बढ गयी है।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-1635886078163634132010-01-24T18:14:44.763+05:302010-01-24T18:14:44.763+05:30उफ़्फ़्फ़, क्या महफ़िल जमी है।
समीर जी का अंदाज अपने...उफ़्फ़्फ़, क्या महफ़िल जमी है। <br /><br />समीर जी का अंदाज अपने मीत को ढ़ूंढ़ने का...आहहा! "कोई तो उसे मुझसे आकर मिलाये" क्या बात है सरकार! बहुत खूब!!<br /><br />और मोद्गिल साब की वो साकी की पुकार "दो घूंट साकी हमें भी पिलाये"...<br /><br />और नीरज जी का बेजोड़ मतला और वो "कसीदे पढ़े" वाला शेर...<br /><br />हमारी करोड़ों वाह-वाह!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-37435878661945403102010-01-24T16:52:30.919+05:302010-01-24T16:52:30.919+05:30वाह ,वाह और वाह्वाह ,वाह और वाह्अनुपम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/14259746714891353242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-56893250146870442010-01-24T16:46:01.604+05:302010-01-24T16:46:01.604+05:30गुरुदेव देर से पहुंचा हूँ और हैरान हूँ की आपने किन...गुरुदेव देर से पहुंचा हूँ और हैरान हूँ की आपने किन दिग्गजों के बीच मुझे फंसा दिया है...कहाँ राजा भोज से दो महाराज और कहाँ मैं बिचारा बिना तेल के गंगू तेली... वीनस ने सही पकड़ा है...काफिये में गलती हुई है...मैंने भी अभी ध्यान दिया...जल्द बाजी में ही सही गलती हो गयी...आप चाहे स्नेह वश कुछ न कहें लेकिन ग़ज़ल का व्याकरण मुझे थोड़े ही छोड़ेगा...गलती तो भाई गलती है छोटी हो या बड़ी..मुझे मतला ठीक करना ही पड़ेगा... इस पोस्ट का शीर्षक होना चाहिए था " एक फूल (FOOL) दो माली".<br />समीर जी ने बहुत खूब शेर कहे हैं...सारे के सारे ही एक आध को क्या कोट करूँ...और हमारे भाई जी...याने मौदगिल जी...भाई वाह...हमेशा ही कमाल करते हैं...<br />इस तरही का मजा आ रहा है...सच्ची...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-84439984600640866512010-01-24T11:19:12.014+05:302010-01-24T11:19:12.014+05:30वसंत पंचमी के रंगीन वातावरण को इन दिग्गजों नें पूर...वसंत पंचमी के रंगीन वातावरण को इन दिग्गजों नें पूरी फ़िज़ा में फैला दिया है ......... गुरुदेव ...... मास्टर सचमुच मास्टर ही होते हैं ....... कमाल के शेरों के साथ ये मुशायरा अपनी बुलंदियों को छू रहा है .......<br />बड़ी मुदत्तों बाद ये सुख मिला है ....... समीर जी की कलम और उनका मन बहुत ही संवेदनशील है ..... मैने उनको करीब से देखा है .... इसलिए दावे से कह सकता हूँ की ये प्रवासी मन की छटपटाहट है जो उनकी रचनाओं में निकलती है .......<br />और योगेंद्र जी के बारे में तो हम बस सुभान अल्ला ही कह सकते हैं ..... व्यसंग के तो वो सम्राट हैं ही .... संवेदनशील रचनाओं में भी उनका कोई सांई नही मिलता ......<br />और गुरुदेव नीरज जी ......... उनकी हर ग़ज़ल यूँ तो ताज़गी लिए होती है ..... पर इस ग़ज़ल में तो बुलंदियों को छुवा है इन्होने ..... चाहे कसिदो वाला शेर, या इब्त्दा वाला शेर या फिर बहाने, बहाने, बहाने, बहाने ......... उनकी कारीगरी के नमूने बन कर आसमान पर छा रहे हैं .......<br /><br />सलाम है मेरा इन दिग्गजों को ...........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-50330271620385505672010-01-24T07:11:32.961+05:302010-01-24T07:11:32.961+05:30इसीलिए कहा गया है कि इन्सान संगत से जाना जाता है. ...इसीलिए कहा गया है कि इन्सान संगत से जाना जाता है. दो दिग्गजों की संगत में हम भी जिनियस कहला गये. वाह!!<br /><br />बहुत आभार आप सबके स्नेह का.<br /><br />गुर जी की बड़ी कृपा...इस लायक समझा गया. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-14644969358797884452010-01-24T00:28:29.250+05:302010-01-24T00:28:29.250+05:30गुरु जी प्रणाम
वसन्तोत्सव और सरस्वती पूजन व काव्य...गुरु जी प्रणाम <br />वसन्तोत्सव और सरस्वती पूजन व काव्य गोश्ठी की हार्दिक बधाई और श्री नाराय़ण कसाट जी के स्वास्थ के बारे मे शुभ सूचना देने के लिये धन्यवाद <br /><br />तरही मुशायरा अपने चरम उत्कर्ष पर है "थ्री जीनियस " को पढ कर अपार हर्ष हुआ एक से बढ कर एक शेर कहे तीनो महारथियो ने<br /><br />समीर जी का<br /><br />दिये जख्म काटो ने....<br /><br />मौदगिल साहब का<br />उन्ही को अन्धेरो ने उलझाया होगा....<br /><br />और नीरज साहब का<br /><br />मतला<br />और<br />कसीदे पढे जब तलक खुश रहे वो....<br /><br />बहुत बहुत पसन्द आया<br /><br />बस नीरज जी से एक शिकायत है कि आपने "लाये" काफ़िया चुना मगर दो शेर के बाद उसको छोड दिया...<br /><br />- वीनस केशरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-18621082936823355742010-01-23T21:49:59.588+05:302010-01-23T21:49:59.588+05:30कुछ शेर तो बेहद उम्दा बन गए है-
न नदियों ने समझा ...कुछ शेर तो बेहद उम्दा बन गए है-<br /><br />न नदियों ने समझा न सागर ने जाना <br />ये कैसा मिलन है जो समझ में ना आये <br /><br />बहाने बहाने बहाने बहाने <br />न जाने नया साल क्या गुल खिलाये <br /><br />..और ये शेर <br /><br />जवानी-दिवानी जवानी-दिवानी<br />जवानी वो कैसी जो गुल ना खिलाये <br /><br />वाह! वाह! वाह! वाह! वाह! वाह!<br />तारीफ़ में हमने भी टिप टिपाएदेवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-63900447063722989482010-01-23T17:25:42.461+05:302010-01-23T17:25:42.461+05:30दिए जख्म काँटों ने मुझको हमेशा
कोई तो मोहब्बत की ...दिए जख्म काँटों ने मुझको हमेशा <br />कोई तो मोहब्बत की चादर बिछाए<br /> <br />समीर सा के अशआर प्रभावित करने वाले है...वैसे तरही में उनकी गजल का इंतज़ार कर रहा था ...और इंतज़ार का मीठा सा फल दिया ..<br />योगेन्द्र साहब तो वैसे ही बहुत माने हुए शाइर है...उनपर हम क्या कह सकते है...उनकी लेखनी तो खूबसूरत होनी ही है...<br />मुकद्धर या रेखाएं सब कुछ है झूठा <br />बशर झूम लेता है बैठे बिठाए <br />बेहद सूफियाना कहा है...<br />ये कैसा नजारा है महफ़िल में तेरी <br />कोई रो रहा है कोई खिलखिलाए <br />बरबस जबान पर चढ़ जाने वाला खूबसूरत शेर है..<br />न नदियों ने समझा है न सागर ने जाना <br />ये कैसा मिलन जो समझ में न आये <br />बहुत पसंद आया...<br /><br />नीरज साहब तो हमारे पसंदीदा शाइर है तो उनसे उम्मीदें भी ऊंची लगी होती है...पूरी गजल सुन्दर बन पड़ी है...<br />कसीदे पढ़े जब तलक खुश रहे वो <br />खरी बात की तो बहुत तिलमिलाए <br /><br />न समझे थे किसी को मुकाबिल जो अपने <br />वाही देख शीशा बड़े सकपकाए <br />इन दो शेरों की ऊंचाइयां गजल के दूसरे शेरों से भी ऊपर है<br /><br />गुरुदेव,<br />आप की मेहनत से ही यह मुशायरा नए आयामों को छू रहा है...आप इतनी व्यस्तता के बावजूद इतनी मेहनत से सरस्वती की सेवा में लगे है...आपका आभार!प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-51914499083857693162010-01-23T16:29:56.195+05:302010-01-23T16:29:56.195+05:30समीर जी का ये शेर "कोई तो मुहब्बत की..."...समीर जी का ये शेर "कोई तो मुहब्बत की..." बहुत खूब!<br />मतले में सूरज का चेहरा छुपा के निकलने का ख़याल भी खूब!<br />----<br />अब मौदगिल साहब की ग़ज़ल, पहले शेर में " ये कैसा नज़ारा..." अल्लाह को उलहाना है ये ? वाह! <br />"मुकद्दर या रेखाएं..." बहुत खूब,<br />"जो मिलना है ... " वाह!<br />और हासिले ग़ज़ल... "ना नदियों ने समझा ना सागर ने जाना" बहुत ही हसीन शेर! <br />आभार!<br />-----<br />नीरज जी की ग़ज़ल का बेसब्री से इंतजार था, सो उनका ... बहाने, बहाने .... वाह क्या बात है. बहुत ही मुकम्मल ग़ज़ल ! <br />कभी लगता है नीरज जी की ग़ज़लों को ग़ज़ल न कह कर "जिन्दादिली के फ़लसफ़े" नाम दे दूँ! <br />मतले में दर्द है-"भरी सांस गहरी.." , फ़िर फ़लसफ़ा है"बहुत खिलखिलाए".<br />पहले शेर "कसीदे पढ़े..." में हम सब का गुरूर झाँक रहा है .<br />दूसरे "वही देख शीशा..." में "The Guy in the Glass" है.<br />तीसरा "भलाई किये जा इबादत समझ कर " वाह, वाह क्या सीख है ... मदर टेरेसा कहती हैं " its not between you and them ... its between you and God anyway!". <br />---<br />बहुत शानदार है आपकी महफ़िल सुबीर भैया!Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-27146832597128183272010-01-23T15:33:50.582+05:302010-01-23T15:33:50.582+05:30थ्री जीनियस की अद्वितीय प्रस्तुति से इस मुशायरे मे...थ्री जीनियस की अद्वितीय प्रस्तुति से इस मुशायरे में चार चांद लग गये।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-5348498718095994222010-01-23T14:35:51.667+05:302010-01-23T14:35:51.667+05:30थ्री जीनियस सबसे पहले समीर जी की बात , उनके छंद मु...थ्री जीनियस सबसे पहले समीर जी की बात , उनके छंद मुक्त कवितावो न मैं दीवाना हूँ ... मगर ग़ज़ल में उनकी पुस्तक का एक शे'र हमेशा मुझे परेशान करता रहता है ... वो सिक्कुदने वाला श'एर<br />बड़ी मुद्दतों बाद , और दिए जख्म काटों ने / कमाल के शे'र हैं .. <br /><br />मौदगिल साहिब की बात करूँ तो समसामयीक बातें वो हमेशा ही अपनी ग़ज़लों के माध्यम से कहते हैं जो अमूमन लोग नहीं कह पाते या नहीं कहते , समाज की बुराईयों की<br />धज्जियाँ उड़ा देते हैं मगर आज की ग़ज़ल ने अचंभित किया है मुझे ...<br />उन्हीं को अंधेरों ने /के हम भी तो /और फिर जवानी दीवानी / कमाल के शे'र कहे हैं इन्होने ... <br /><br />और अब नीरज जी के बारे में क्या कहूँ ,... सच में जो मह्सुसियत , नजाकत , की अदायगी ये करते हैं गज़लों में वो कमाल की बात होती है... या यूँ कहूँ तो आय हाय वाली बात होती है .. <br />कसीदे /भलाई ../खिली /बहाने इस बारी नीरज की अदा में यह प्रयोग खूब जच रहा है ...<br /><br />ब्लॉग जगत के तीनो जीनियस ने कमाल कर दिए है गुरु जी तरही को आसमान की उंचाईयों पर ले जाने में ... बधाई सभी को <br /><br /><br />आपका<br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-51210980990454565102010-01-23T12:27:02.884+05:302010-01-23T12:27:02.884+05:30नये साल के उपलक्ष्य में बेहतरीन ग़ज़ल रचना...सभी क...नये साल के उपलक्ष्य में बेहतरीन ग़ज़ल रचना...सभी को हार्दिक बधाईविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-56673343969097206252010-01-23T11:50:19.962+05:302010-01-23T11:50:19.962+05:30teeno digajjon ki rachnaon ko naman..........har r...teeno digajjon ki rachnaon ko naman..........har rachna lajawaab......isse jyada kahne ke hum layak nhi.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-21485148512246330602010-01-23T11:30:36.023+05:302010-01-23T11:30:36.023+05:30pankaj ji namaskar,aap ke karan sach hai ki hamare...pankaj ji namaskar,aap ke karan sach hai ki hamare jaise logon ka bahut fayeda ho raha hai,teenon hi ghazlon ne mushaire ka mahaul utpann kiya hai,khaskar ke neeraj ji ke ashar<br />qaseede..............<br />bhalai kiye ja ...............<br />bahut khoob,subhan allah <br />sameer ji ka to matla hi kamal ka hai<br />maudgil ji ka sher<br />ki ham bhi ..........<br />bahut khoobsurat<br />dhanyavad pankaj jiइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-46270139651520754252010-01-23T10:28:45.290+05:302010-01-23T10:28:45.290+05:30तीन खिलाड़ी तीन जीनियस तीन सितारे
महफ़िल ख़ास है आज ...तीन खिलाड़ी तीन जीनियस तीन सितारे<br />महफ़िल ख़ास है आज जो एक साथ पधारे<br /><br />समीर लाल जी ने अंतर्मन के भाव को करीने से शे'र में कहा है...<br />न जाने कहाँ मीत मेरा छुपा है<br />कोई तो उसे मुझसे आकर मिलाये. (जैसे ये तो मेरी बात हो गयी)<br /><br />मौदगिल जी ने जो कहा..<br />के हम भी तो तेरे बुलाये हुये हैं<br />के दो घूंट साक़ी हमें भी पिलाये<br />...ये तो सामाजिक जलसे का की एक सच्चाई है.<br /><br />ग़ज़ल साधक हर दिल अजीज नीरज जी ने अपने अनुभव की बात खुल के कह दी आज..<br /><br />सितम यूँ ज़माने के हमने भुलाये<br />भरी सांस गहरी बहुत खिलखिलाये ...क्या मतला है.<br /><br />भलाई किये जा इबादत समझ कर <br />भले पीठ कोई नहीं थपथपाये ....वाह वाह इसी मन्त्र पर तो हम भी जी लेते हैं.<br /><br /><br />गुरूजी, शिवना की रिपोर्ट तो रात में ही पढ़ चूका था. सफल सृजन का दौर ऐसे ही चलता रहे.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-75936284933519016382010-01-23T10:16:21.061+05:302010-01-23T10:16:21.061+05:30पंकज जी, आदाब
बहुप्रतिभा के धनी आदरणीय समीरलाल जी ...पंकज जी, आदाब<br />बहुप्रतिभा के धनी आदरणीय समीरलाल जी को <br />महफिले-मुशायरा में देखकर बेहद खु्शी हुई<br />फहरिस्त में नाम देखा, तो लगा कि हास्य व्यंग्य से गुदगुदायेंगे<br />लेकिन यहां जो रंग देखने को मिला- बस इतना ही कहना है<br />सलाम, तहे-दिल से सलाम...<br />योगेन्द्र मौदगिल जी का हर शेर पसंद आया, <br />खास तौर से- ये कैसा नज़ारा......<br />....कि हम भी तो तेरे बुलाये हुए हैं.....<br />नीरज जी, <br />खूब शेर निकाले हैं, मतले से ही अलग अहसास<br />कसीदे वाला शेर...क्या कहने<br />हमारे सीखने की ललक में इजाफा कर गई आपकी शिरकत<br />आपको और आपकी प्रतिभा को सलाम.<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिदशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-68777740661802436732010-01-23T09:42:46.309+05:302010-01-23T09:42:46.309+05:30शानदार , जानदार, धमाकेदार !!!
तीनो ही
जीनीयस ---
...शानदार , जानदार, धमाकेदार !!!<br />तीनो ही <br />जीनीयस ---<br /> बहुत बढ़िया रहा ये भी अंदाज़े <br />बयाँ -- <br />[ computer is freezing up so will come back & writw some more <br />warm rgds to all & wonderful !! <br />Keep up the Great writing ...]<br /><br />- Lavanyaलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-32838770566675255082010-01-23T09:39:31.336+05:302010-01-23T09:39:31.336+05:30सुबीर जी यहाँ तो आज तीनो दिग्गज हैं इनके लिये कु...सुबीर जी यहाँ तो आज तीनो दिग्गज हैं इनके लिये कुछ भी कहना कम से कम मेरे बस मे तो नहीं है। तीनो ने कमाल किया है हर एक शेर कोट करने वाला है इस लिये माफी चाहती हूँ बस कुर्सी से खडी हो कर तालियाँ बजा रही हूँ। समीर जी नीरज जी और मो0द्गिल जी आप सब को बधाई इस लाजवाब गज़ल के लिये और सुबीर जी का धन्यवाद। अभी फिर से पढने के लिये आऊँगी एक बार मे मन नहीं भरा बार बार पढनी पडेंगी।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7637784963342720274.post-74596830591995603062010-01-23T09:26:04.234+05:302010-01-23T09:26:04.234+05:30teeno hee gazale ek se bad kar ek hai!Aur tareef k...teeno hee gazale ek se bad kar ek hai!Aur tareef karana goya sooraj ko diya dakhana hoga !Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.com